Uttarakhand: राज्यपाल के अभिभाषण के साथ आज से शुरू हुआ विधानसभा का बजट सत्र, 1 मार्च तक चलेगा सत्र.

Uttarakhand: राज्यपाल के अभिभाषण के साथ आज से शुरू हुआ विधानसभा का बजट सत्र, 1 मार्च तक चलेगा सत्र.

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आज विधानसभा का बजट सत्र का पहला दिन है। राज्यपाल के अभिभाषण के साथ सदन में सत्र की शुरुआत हुई। राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार के वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ व सशक्त राज्य बनाने का रोडमैप दिखा।


विधानसभा का बजट सत्र आज यानी 26 फरवरी से 1 मार्च तक चलेगा। सोमवार को सुबह 11 बजे से विस का बजट सत्र शुरू हुआ। इसके बाद राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) का अभिभाषण शुरू हुआ।

इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प में विकसित उत्तराखंड परिकल्पना नहीं विश्वास है। प्रदेश की तरक्की में अहम योगदान देने वालों का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि विगत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कई उपलब्धि हासिल हुई है। हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में खड़ा होगा। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में सशक्त उत्तराखंड @ 2025 से कई आयाम हासिल किए गए।

महिलाओं को समान अधिकार दिए गए- राज्यपाल 
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा ने राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार देने वाली समान नागरिक संहिता को पास करके देश का पहला राज्य बना दिया है। अब सभी धर्म-समुदायों की महिलाओं को समान अधिकार दिए गए।

 

  • अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि थाना स्तर पर महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए महिला डेस्क स्थापित है। पुलिस ने महिलाओं को कानूनी मदद के लिए टोल फ्री नम्बर जारी किया है। जेल विकास बोर्ड का गठन किया गया है। वहीं जी 20 की तीन बैठक से राज्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन किया गया।

 

  • राज्यपाल ने कहा कि राज्य में इज ऑफ डूइंग के साथ ही पीस ऑफ डूइंग का माहौल है। यूआईआईडीबी का गठन किया गया। आगामी पांच वर्ष में उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य बनाने के लिए सशक्त उत्तराखंड पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि 1300 कानून चिन्हित करके 400 से ज्यादा का विलोपन किया जा चुका है।
  • उन्होंने बताया कि सीएम कॉन्क्लेव के एजेंडा बिंदु के अनुरूप, केंद्र व राज्यों की 12 विभागों की 20 योजनाओं का मूल्यांकन कराया जा रहा है। मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत 48 पुराने मंदिरों का चिन्हित किया गया है। पहले चरण में 16 मंदिरों के पुनरुद्धार किया जा रहा है। इसके अलावा बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्पिरिचुअल करने की दिशा में सरकार काम कर रही है।
  • टिहरी में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपणु स्कूल अपणु प्रमाण शुरू किया गया है। जिसमें जरूरी प्रमाणपत्र स्कूल में ही बन रहे हैं। विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है। अपणी सरकार के तहत डोर स्टेप डिलीवरी देहरादून नगर निगम के 100 वार्डों में चलाई जा रही है। जल्दी ही अन्य निकायों में इसे लागू किया जाएगा। प्रदेश में 12 इको टूरिज्म गंतव्यों को तैयार किया जा रहा है। 13 हेलिपैड तैयार हो चुके हैं। सात हेलीपोर्ट बनाने पर काम चल रहा है। जो पीपीपी मोड़ पर बनेंगे।

विधायकों की ओर से मिले 300 से अधिक प्रश्न-

पहले दिन अभिभाषण के अलावा अन्य कोई विधायी कार्य नहीं होंगे। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाएगी। भोजनावकाश के बाद तीन बजे से फिर से सदन चलेगा। सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है। विधायकों की ओर से 300 से अधिक प्रश्न मिले हैं। रविवार देर रात विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें एक मार्च तक सदन संचालित करने के लिए एजेंडा तय किया गया। बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक खजना दास व उमेश शर्मा मौजूद रहे। विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा से इस्तीफा दे रखा है, वह कार्यमंत्रणा में शामिल नहीं हुए।

27 फरवरी को होगा बजट पेश –

प्रदेश सरकार 27 फरवरी को बजट पेश करेगी। हालांकि, कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय किया गया कि बजट 27 को सदन में लाया जाएगा। 28 को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाएगा। 29 को विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा होगी, जबकि एक मार्च को बजट पारित किया जाएगा। सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 90 हजार करोड़ रुपये का अनुमानित बजट लाने की संभावना है। जिसमें सरकार का फोकस सशक्त उत्तराखंड का संकल्प रहेगा। इसके अलावा महिलाओं, युवाओं के लिए स्वरोजगार, किसानों के कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है।

कार्यमंत्रणा बैठक की कोई सूचना नहीं-

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि पहले ही कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा दे दिया गया है, जिससे बैठक में जाने का कोई औचित्य नहीं है, लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से भी किसी तरह की कोई पहल नहीं की गई और न ही विधानसभा से बैठक की सूचना मिली है। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने फोन कर इतना जरूर कहा कि विपक्ष को कार्यमंत्रणा बैठक में आना चाहिए।

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