Uttarakhand: 51 वाइब्रेंट विलेज में अब पहुंच हो सकेगी आसान, सड़कों के लिए पहली किस्त जारी.
उत्तराखंड के 51 वाइब्रेंट विलेज के बीच पांच सड़कों के लिए केंद्र ने 119.44 करोड़ को मंजूरी देते हुए इसकी 26.06 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी है। राज्य सरकार वाइब्रेंट विलेज से संबंधित सभी योजनाओं की डीपीआर केंद्र को भेज चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर भारत-चीन सीमा पर स्थित उत्तरकाशी जिले के 10, चमोली जिले के जोशीमठ के 14, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला के 17, कनालीछीना के 2, मुनस्यारी के 8 गांवों को वाइब्रेंट विलेज घोषित किया गया था। इन गांवों में विकास कार्यों के लिए संबंधित जिलों के डीएम से प्रस्ताव मांगे गए थे। इन प्रस्तावों पर पिछले साल 26 सितंबर को हुई बैठक में कुछ संशोधन के साथ मुख्य सचिव ने अनुमोदन दे दिया था। इसके लिए सभी डीपीआर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गई हैं।
कुल 506 में से 66 परियोजनाएं वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत और 440 अन्य योजनाओं से कंवर्जेंस के तहत पूरी होनी हैं। गृह मंत्रालय ने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत 43.96 किमी लंबाई की पांच सड़कों के लिए 119.443 करोड़ की स्वीकृति दी है, जिसमें से 26.06 करोड़ की पहली किश्त जारी कर दी है। सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा ने बताया कि वाइब्रेंट विलेज संबंधी प्रस्ताव गृह मंत्रालय को ऑनलाइन माध्यम से भेजे जा चुके हैं। इसी के तहत पांच सड़कों को मंजूरी मिली है।
ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधरेगा-
पिछले आम बजट में सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की घोषणा की थी। इसके तहत सीमांत गांवों के निवासी लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई गई हैं। चूंकि उत्तराखंड में करीब छह माह तक लोग सीमांत गांव में रहते हैं और छह माह तक पलायन करके दूसरे स्थानों पर रहते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने उनके लिए दोनों स्थानों पर पीएम आवास योजना के तहत आवास बनाने का प्रस्ताव भी गृह मंत्रालय को भेजा हुआ है।