Uttar Pradesh: यूपी में संगठन-सरकार में हो सकते हैं बड़े बदलाव !

Uttar Pradesh: यूपी में संगठन-सरकार में हो सकते हैं बड़े बदलाव !

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बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश की सियासत में किसी बड़े बदलाव’ को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद बीते तकरीबन 12 घंटे से उत्तर प्रदेश की सियासत में भारी फेरबदल की बात हो रही है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों की मानें, तो उत्तर प्रदेश के संगठन और सरकार में कुछ बदलाव तो होने तय हैं।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से हार के कारणों पर चर्चा हो रही है। इन्हीं चर्चाओं के बीच उत्तर प्रदेश में बड़े फेरबदल की बात की जा रही थी। लगातार उत्तर प्रदेश के बड़े नेता मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में थे। लेकिन बीते 12 घंटे के भीतर जिस तरीके से उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मची है, उसे लेकर सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि भाजपा सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में शुरुआती दौर में जो बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं, उसमें मंत्रिमंडल का विस्तार महत्वपूर्ण है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ संगठन में फेरबदल की बातचीत हुई है। सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में फेरबदल या बदलाव की जो भूमिका बनाई गई है, उसमें जातिगत समीकरणों और जहां पर पार्टी चुनाव हारी है उसका पूरा सियासी खाकर खींचा गया है।

जानिये क्या-क्या बदलाव हो सकते है-

सूत्रों के मुताबिक जिन इलाकों में लोकसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी हारी है, उन इलाकों से अगर राज्य सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं है, तो वहां से सियासी समीकरणों के आधार पर जिम्मेदारी देने की चर्चा हुई है। सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ दिनों में जो चर्चाएं हुई हैं, उसमें यह निष्कर्ष निकला है कि अगर जातिगत समीकरणों के आधार पर सभी सियासी दांव-पेंच दुरुस्त कर लिए जाएं, तो आने वाले चुनाव के नतीजे बेहतर होंगे। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों की मुताबिक उपचुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में न सिर्फ मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार हो सकता है। बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी कुछ बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले संगठनात्मक और सरकार के बदलाव में पिछड़ों और दलितों को और जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।

भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व चुनाव के परिणाम के बाद बदलाव करने की तैयारी में है। माना यही जा रहा है कि इस बदलाव की कड़ी में कुछ नेता जो मंत्रिमंडल में हैं, वह संगठन में आ सकते हैं। जबकि कुछ संगठन से जुड़े हुए लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों के मुताबिक चुनावी नतीजों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार में मंत्रियों के विभाग का फेरबदल भी संभव है। सूत्रों की मानें तो बीते कुछ दिनों में केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में पार्टी को उत्तर प्रदेश में मजबूत स्थिति में लाने के लिए इस तरीके के कई सुझावों पर चर्चा हुई है। फिलहाल माना यही जा रहा है कि जो बड़े फेरबदल की बात सियासी गलियारों में चल रही थी, उस पर न तो मंथन हुआ है और न ही ऐसा कोई बड़ा चौंकाने वाला फैसला होने वाला है।

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