उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी, बिगड़ेंगे अभी और हालात…
उत्तराखंड में मानसून ने भयानक तबाही मचा रखी है. उत्तराखंड में मानसून का सीजन हर साल आफत लेकर आता है. हर साल आपदा की वजह से सैकड़ों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं. तो वहीं सैकड़ों मकान भी तबाह हो जाते हैं. इतना ही नहीं आपदा की वजह से मरने वाले मवेशियों की तो कोई गिनती ही नहीं होती है. क्योंकि हर साल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश से तबाही मचती है कई लोग बेघर हो जाते हैं और कई लोग अपनी जान तक गंवा देते हैं. भारी बारिश के चलते आम जनजीवन भी अस्त-व्यस्त है. मौसम विभाग की मानें तो राज्य में अभी बारिश का ये सिलसिला जारी ही रहेगा. IMD ने कुछ इलाकों के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया है. देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश देखने को मिल रही है. तो वहीं मैदान से लेकर पहाड़ी इलाकों तक भारी बारिश के चलते तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं. सबसे ज्यादा तबाही उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में देखने को मिल रही है. उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं. इस बीच मौसम विभाग ने अभी आफत कम नहीं होने की संभावना जताई है. मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले पांच दिनों तक बारिश की चेतावनी दी है.
अब तक आपदा की वजह से 36 लोगों की हुई मौत–
उत्तराखंड आपदा के हिसाब से अति संवेदनशील राज्य है. यहां पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा की कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें सैकड़ों लोग जान गवा चुके हैं. बात 2013 केदारनाथ आपदा की हो या फिर रैणी गांव में आई आपदा की. हर साल बरसात के सीजन में ऐसी तबाही मचती है कि सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इस साल ही अब तक आपदा की वजह से 36 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. यह आंकड़े आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार हैं,, इसके अलावा 53 लोग ऐसे हैं जो घायल हुए हैं और 13 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं बात सिर्फ इंसानों की नहीं है बल्कि ढाई सौ से ज्यादा छोटे बड़े पशु भी काल के मुंह में समा गए. नुकसान की अगर बात की जाए तो कच्चे-पक्के भवनों को सैकड़ों की संख्या में नुकसान हुआ है.
इन जिलों में हुई इतने लोगों और पशुओं की मौतें–
इसी के साथ अगर जिलों में मौतों की बात की जाए तो बागेश्वर में 1, चमोली में 5, चंपावत में 2, देहरादून में 2, हरिद्वार में 2, नैनीताल में 2,पौड़ी में 2, पिथौरागढ़ में 5, रुद्रप्रयाग में 4, टिहरी में 5, उधम सिंह नगर में 2 और उत्तरकाशी में 4 लोगों की मौत हुई है. साल 2021 की बात की जाए तो आपदा की वजह से कुल 303 लोग मारे गए थे, जबकि 87 लोग घायल हुए थे. 61 लोग आज भी लापता सूची में दर्ज है. आपदा में 412 बड़े पशु और 740 छोटे पशु आपदा की चपेट में आकर मारे गए हैं.
अब तक 1500 से अधिक सड़कें हुई बंद-
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मानसून की बारिश हमेशा आफत लेकर आती है। सबसे अधिक कहर सड़कों पर बरसता है। बारिश में स्लिप आने और क्रॉनिक लैंडस्लाइड जोन (अति संवेदनशील) सड़कों के बंद होने का बड़ा कारण बनते हैं। पहले से चिह्नित भूस्खलन क्षेत्रों के अलावा हर साल नए क्रॉनिक जोन विकसित हो रहे हैं, जो सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं। लोनिवि की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक कुल 1,508 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इनमें 1,120 सड़कें लोनिवि, 7 NH और 381 PMGSY यानि (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) की हैं। इनमें से अब तक 1,235 सड़कों को खोला जा चुका है, जबकि 273 अब भी बंद हैं। इन सड़कों को चालू हालत में लाने के लिए 1,776.24 लाख रुपये खर्च होंगे, जबकि पूर्व की हालत में लाने के लिए 3,560.66 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी। यह आकलन लोनिवि की ओर से अपनी रिपोर्ट में किया गया है।
7 पुल भी हुए क्षतिग्रस्त-
प्रदेश में भारी बारिश के बाद उपजे हालात के कारण सात पुलों को भी नुकसान पहुंचा है। इनको चालू करने के लिए 14 लाख रुपये खर्च होंगे, जबकि पूर्व की हालत में लाने के लिए कुल 337.50 लाख रुपये खर्च होंगे।
तेज बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त-
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जगह-जगह से तबाही के मंजर की तस्वीरें सामने आ रही हैं. ऋषिकेश में भी गंगा का पानी ऋषिकेश में स्थित परमार्थ निकेतन की शिव मूर्ति को छू कर बहने लगा है. शिव मूर्ति तक पहुंचने के लिए बनाई गई छोटी पुलिया भी पूरी तरह से नदी में डूब चुकी है. गंगा का बढ़ता जल स्तर अब डरा रहा है कि कहीं पानी का तेज बहाव एक बार फिर प्रतिमा को डूबो न दे. इसके साथ ही ऋषिकेश से गुजरने वाली चंद्रभागा नदी, सॉन्ग नदी, सुखवा नदी, बीन नदी के साथ-साथ नाले भी अपना रौद्र रूप दिखा रहे हैं. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में भी अब भारी बारिश के कारण झीलों का जल स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है. तो वहीं, भारी बारिश के चलते नेशनल हाइवे में कटाव देखने को मिला. उत्तरकाशी में भी लगातार तेज बारिश के बाद गंगोत्री-यमुुनोत्री हाइवे पर कई जगह रास्ते बंद हो चुके हैं. जिसके कारण जगह-जगह फंसे कांवड़ियों का रेस्क्यू किया जा रहा है.
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प्रदेश में अभी टला नहीं बारिश का कहर. इन इलाकों में ऑरेंज अलर्ट-
IMD की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, कल यानी गुरुवार को नैनीताल, उधम सिंह नगर, पौड़ी, चंपावत में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, और अल्मोड़ा में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी और हरिद्वार में भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है.
क्या कहता है मौसम का रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट-
मौसम विभाग मौसम के बहुत खराब होने पर रेड अलर्ट जारी करता है. इसमें प्रशासन को तुरंत सक्रिय होने का संकेत मिलता है. ऑरेंज अलर्ट मौसम के खराब होने पर जारी होता है और इसमें प्रशासन को तैयार रहने का इशारा मिलता है. येलो अलर्ट प्रशासन को सतर्क रहने के लिए कहता है.
मदद के लिए सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर-
उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों एवं हिमाचल प्रदेश में फंसे उत्तराखंड के नागरिकों की सहायता के लिए सरकार ने आपदा राहत नंबर जारी किए हैं। किसी भी मदद के लिए लोग इन नंबरों 9411112985, 01352717380, 01352712685 पर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही 9411112780 नंबर पर व्हाट्सएप मैसेज कर सकते हैं। सीएम धामी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।