कैलाश विजयवर्गीय के बयान से चढ़ा सियासी पारा, क्या शिवराज का पत्ता कटना तय है?

कैलाश विजयवर्गीय के बयान से चढ़ा सियासी पारा, क्या शिवराज का पत्ता कटना तय है?

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले नेताओं की बयानबाजी से सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। अब जैसे ही शिवराज को MP से किनारे लगाया गया, शिवराज ने अब सीधे मोदी को ही चुनौती दे डाली है. मध्य प्रदेश में चुनावी कार्यक्रम के एलान से पहले ही सरगर्मियां बढ़नी शुरू हो गयी हैं. भाजपा ने इस बार शिवराज को किनारे कर सिर्फ नरेंद्र मोदी के नाम पर ही विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, इस बार बड़े-बड़े मंत्रियों को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है, लेकिन सीएम शिवराज की दावेदारी को लेकर सस्पेंस अभी बरकरार है. कहा जा रहा है कि इस बार पीएम मोदी ने शिवराज से पूरी तरह किनारा कर दिया है.

 

क्या कहा कमलनाथ और पूर्व CM ने-

पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्य प्रदेश भाजपा में हताशा चरम पर है। पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लेना बंद कर दिया और उन्हें मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर दिया। इसके जवाब में प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री ने जनता के बीच यह पूछना शुरू किया कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं (Should I contest elections or not?) और अब सीधे पूछ रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री होना चाहिए या नहीं.

आखिर ऐसा क्यों कहा CM शिवराज ने-

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जो संकेत मिल रहे हैं वो शिवराज के लिए शुभ नहीं माने जा रहे हैं, खुद शिवराज सिंह चौहान को भी अपनी विदाई दिखाई दे रही है इसलिए कैबिनेट बैठक सहित सभाओं में वो भावुक नजर आ रहे हैं शिवराज ने कैबिनेट में सभी मंत्रियों सहित अधिकारियों को धन्यवाद किया था. वहीं 1 अक्टूबर को एक कार्यक्रम में उन्होने कहा था कि ऐसा भैया आपको दोबारा नहीं मिलेगा, जब  जाऊंगा तो बहुत याद आऊंगा, अभी एक दो दिन पहले उन्होंने अपने चुनावी क्षेत्र बुधनि में लोगों से पूछा था कि चुनाव लड़ूँ या नहीं, यहां से लड़ूँ या कहीं और से.

इस तरह के संकेत वो कई बार दे चुके हैं, जिस पर कांग्रेस कह रही है कि मामा जी अपनी विदाई के संकेत खुद दे रहे हैं और अब उनकी विदाई तय है,, इसलिए चुनाव से पहले शिवराज खूब घोषणाएं कर रहे हैं. लाड़ली बहन योजना भी चला रहे हैं, लेकिन मोदी ने उनको चुनाव से पूरी तरह साइडलाइन कर दिया है.

 

मोदी जी को पीएम बनना चाहिए शिवराज

कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि पीएम मोदी ने शिवराज जी का पत्ता काटा तो वो सीधे मोदी जी को ही चुनौती देने लग गए हैं और पूछ रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए कि नहीं ? शिवराज जी ईंट का जवाब पत्थर से दे रहे हैं,, तो कांग्रेस का कहना है कि शिवराज जी मोदी के खिलाफ बिगुल फूंक चुके हैं और सीधे लोगों से ही पूछ रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए कि नहीं.

अब बताइये वहां मुख़्यमंत्री का चुनाव होना है तो शिवराज प्रधानमंत्री बनने को लेकर ऐसा वक्तव्य या विचार अपने मन में क्यों लाएंगे, क्योकि ये बोलने का तो शिवराज का कोई मतलब नहीं बनता की मोदी जी पीएम बनेगें या नहीं.   इतना ही नहीं शिवराज ये भी कह रहे हैं कि जो हमारा साथ देगा हम भी उसी का साथ देंगे, जो नहीं देगा  हम भी उसका साथ नहीं देंगे.

 

मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं- शिवराज

कांग्रेस के पूर्व मुख़्यमंत्री कमलनाथ ने लिखा कि  मध्य प्रदेश भाजपा में हताशा अपने चरम पर है। पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लेना बंद कर दिया और उन्हें मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर दिया।  इसके जवाब में प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री  ने जनता के बीच यह पूछना शुरू किया कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं और अब सीधे पूछ रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री होना चाहिए या नहीं। नाथ ने कहा कि पीएम और सीएम की जंग में  भाजपा में जंग होना तय है। जिन्हें टिकट मिला वह लड़ने को तैयार नहीं हैं, और जो टिकट की रेस से बाहर हैं, वह सबसे लड़ते फिर रहे हैं.

3 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुदनी में पूछा कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं? यहां से लड़ू या नहीं? 4 अक्टूबर को उन्होंने बुरहानपुर में कहा कि मैं देखने में दुबला पतला हूं, पर लड़ने में तेज हूं,, इससे पहले सीहोर में कहा था कि मैं चला जाऊंगा तो बहुत याद आऊंगा. शुक्रवार को डिंडोरी में जनता से पूछा कि सरकार कैसी चल रही है, सीएम बनूं या नहीं?

 

 

शिवराज की इस तरह की बयानबाजी से राजनीतिक माहौल गरमा गया है अब अगर बीजेपी सत्ता में आयी तो शिवराज सीएम बनेंगे या नहीं, शिवराज चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है क्योकि इससे पहले जब गृह मंत्री अमित शाह ने शिवराज सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया था तो पत्रकारों के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा था कि अभी शिवराज मुख्यमंत्री हैं और इसके बाद होंगें या नहीं इस पर पार्टी फैसला लेगी,,  इस जवाब के बाद से ही कई कयास  शिवराज के भविष्य को लेकर लगने शुरू हो गए थे, इसके बाद पार्टी ने कई दिग्गज नेताओं को यहां से टिकट दिया जिसमे कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि उनको तो उम्मीद ही नहीं थी कि पार्टी उनको चुनाव लड़ाएगी.  इतना ही नहीं कैलाश विजयवर्गीय ये भी कह चुके हैं कि वो सिर्फ विधायक बनने नहीं आये हैं, पार्टी उनको बड़ी जवाबदेही देगी, उनके जवाब के बाद ये कयास लगने लगे कि क्या बीजेपी ने शिवराज की विदाई तय कर ली है, जिस बड़ी जवाबदेही की बात विजयवर्गीय  कर रहे हैं वो क्या MP की कुर्सी को लेकर उनका इशारा है ? इस जवाब के बाद से ही कई कयास  शिवराज के भविष्य को लेकर लगने शुरू हो गए हैं.

 

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