बिहार में तेज हुई सियासी हलचल, BJP के साथ सरकार बना सकते हैं नीतीश कुमार, सुशील मोदी बनेंगे डिप्टी CM?

बिहार में तेज हुई सियासी हलचल, BJP के साथ सरकार बना सकते हैं नीतीश कुमार, सुशील मोदी बनेंगे डिप्टी CM?

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Bihar Politics: बिहार में इस वक्त सियासी भूकंप आया हुआ है। बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल (यूनाइटेड) के तनाव के बीच सूत्रों के हवाले से कई ख़बरें निकलकर सामने आ रही है. ख़बर ये निकलकर आ रही है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का भाजपा के साथ जाना लगभग पूरी तरह से तय माना जा रहा है. 

अगले 48 घंटे बिहार की राजनीति में काफी अहम माने जा रहे हैं।  सूत्रों के अनुसार, 28 जनवरी नीतीश का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी की माने तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे, जबकि उपमुख्यमंत्री बीजेपी से सुशील मोदी होंगे।

ये तो सूत्रों के हवाले से निकलकर सामने आया है. जैसे ही ख़बर मीडिया में आई, बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. इस पूरे मसले पर नीतीश कुमार ने कोई बयान नहीं दिया लेकिन लेकिन सुशील मोदी, जिनके कहीं न कहीं फिर से डिप्टी सीएम बनने के योग हैं – उन्होंने कहा, कि  जो दरवाजे बंद हैं, वे खुल सकते हैं. राजनीति संभावनाओं का खेल है. इससे ज्यादा कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.दूसरी तरफ,पटना और दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है। राजधानी पटना में भाजपा ने अपने सभी विधायकों को मौजूद रहने को कहा है।

कथित तौर पर नीतीश कुमार अपने दोनों सहयोगियों यानी लालू प्रसाद यादव की राजद और इंडिया ब्लॉक की कांग्रेस से नाराज़ हैं. कांग्रेस सीट शेयरिंग लगातार टाल रही थी. सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो पाए, इससे पहले ही भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर दी.

नीतीश कुमार INDIA ब्लॉक के पहले नेता नहीं हैं, जो सीट बंटवारे पर नाराज़ हैं. बल्कि हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने ये ऐलान किया  कि सीट बंटवारे से असंतुष्ट होकर वो राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ेंगी.

लालू कैंप भी हुआ एक्टिव

सूत्रों के अनुसार, नीतीश बीजेपी के साथ जा सकते हैं, इसलिए अब लालू कैंप एक्टिव हो चुका है। नीतीश कुमार को हटाकर महागठबंधन के 114 विधायक हैं। बहुमत के लिए 122 विधायक चाहिए। एआईएमआईएम के इकलौते विधायक और प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान, निर्दलीय विधायक सुमित सिंह (मंत्री) से संपर्क साधे जाने की संभावना है। साथ ही आरजेडी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के असंतुष्टों से भी संपर्क कर सकती है।

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