जोशीमठ में फिर दहशत में लोग, दोबारा आने लगी घरों के नीचे से पानी बहने की आवाजें…

जोशीमठ में फिर दहशत में लोग, दोबारा आने लगी घरों के नीचे से पानी बहने की आवाजें…

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उत्तराखंड के जोशीमठ में धंस रही जमीन और दरारों को देखकर हर कोई डरा हुआ है…आज 8 महीने गुजर जाने के बाद भी जोशीमठ में भू-धसाव और पानी रिसाव का सच अभी तक बाहर नहीं आ पाया है. आज भी जोशीमठ के ये हालत किसी से छिप नहीं पाए हैं. जोशीमठ में पानी बहने की आवाजें सुनाई दे रही हैं. जोशीमठ नगर के भू-धसाव वाले क्षेत्रों में फिर से घरों के नीचे से पानी के बहने की आवाजें सुनाई देने लगी है। लेकिन ये पानी कहाँ से आ रहा है और कहां से निकल रहा है. इसका अभी तक कुछ पता नहीं चल रहा है. लोगों में भय की स्थिति बनी हुई है। सुनील वार्ड जो की जोशीमठ में ही है. वहा पर रहने वाले लोग फर्श में कान लगाकर पानी के बहने की आवाजें सुन रहे हैं, ये आवाज ऐसे लग रही हैं, जैसे कि नीचे से कोई गदेरा बह रहा हो।

फिर से आने लगी घरों के नीचे से पानी बहने की आवाजें- 

जनवरी माह के शुरुआत से ही जोशीमठ में भू-धसाव शुरू हो गया था। तब जोशीमठ की तलहटी में बसी जेपी कॉलोनी में एक जलधारा फूट गई थी। उस समय से ही  कई घरों के नीचे पानी बहने की आवाजें आ रही थी। तब कई एजेंसियों ने इसका अध्ययन किया था। मार्च के माह में भू-धसाव थम गया। लेकिन फिर से वही शुरू हो गया. क्योंकि बरसात के समय रोज बारिश के कारण फिर से घरों के नीचे पानी बहने की आवाजें आने लगी हैं। 13 अगस्त को फिर से रात को हुई अतिवृष्टि के बाद विनोद सकलानी के घर के अंदर पानी बहने की आवाज आने लगी।

विनोद सकलानी कहते हैं कि पहले दिन घर के अंदर खड़े होने पर ही ऐसा लग रहा था कि नीचे कोई बड़ी सी नदी बह रही है। अब पानी की आवाज कुछ कम हो गई है। लेकिन हैरत की बात ये है कि न तो मकान के ऊपर और न ही मकान के नीचे कहीं भी पानी बहता हुआ नहीं दिखाई देता है केवल आवाज ही सुनाई देती है। यदि ये  पानी है तो कहां से आ रहा है और ये पानी कहां जा रहा है। उन्होंने कहा कि वार्ड में कई जगहों पर फिर से भू-धसाव हो रहा है। पैदल रास्तों में भी धसाव हो रहा है।

यहाँ 13 अगस्त के बाद आयी दरार- 

उसी वार्ड के दूसरे मोहल्ले में रह रहे भारत सिंह पंवार का कहना है कि उनके घर में तो पहले दरारें नहीं आई थी. लेकिन 13 अगस्त की बारिश के बाद यहाँ भू-धसाव शुरू हो गया है. और रास्ता ध्वस्त हो गया, खेतों में भी दरार पड़ गई है। उन्होंने कहा कि उनका मकान तो अभी सही है, लेकिन उनके आंगन तक दरार आ चुकी है। पूरे क्षेत्र में जगह-जगह भू धसाव हो रहा है। इससे लोगों में भय बना हुआ है। उनका कहना है कि घर के दो कमरे अभी फिलहाल ठीक हैं, परिवार के लोग भी अभी उन्ही कमरों में रह रहे हैं। लेकिन अधिक बारिश होने पर सभी होटल में बने राहत शिविर में चले जाते हैं।

बरसात के कारण रास्तों और खेतों में आयी दरार-  

बरसात ने आपदा प्रभावित जोशीमठ वासियों के जख्मों को फिर से हरा कर दिया है। बरसात शुरू होने के बाद से ही अलग-अलग जगह पर गड्ढे होने, जमीन में दरार आने, घरों की दरार अधिक चौड़ी होने के मामले सामने आए हैं। मनोहर बाग वार्ड में औली रोड पर हाल ही में 22 मीटर लंबी और दो फीट गहरी पड़ी। सिंहधार वार्ड में भी कई जगह पर रास्तों और खेतों में दरार आई है।

ये है जोशीमठ भू-धसाव की स्थिति-

जोशीमठ भू-धसाव के कारण 868 भवनों में दरारें आई थी, जिनमें से प्रशासन ने 181 भवनों को असुरक्षित श्रेणी में रख दिया था। प्रशासन की ओर से 145 प्रभावित परिवारों को पुनर्वास पैकेज के तहत 31 करोड़ रुपये मुआवजा वितरित कर दिया गया है। नगर पालिका जोशीमठ के अंतर्गत अभी भी 57 परिवार ऐसे हैं जो कि राहत शिविरों में रह रहे हैं। जबकि 239 परिवार अपने रिश्तेदारों या फिर वे लोग किराए के घरों में रह रहे हैं।सुनील वार्ड में भी कुछ जगहों पर भू-धसाव हुआ है। यहां प्रभावित सभी परिवारों को राहत शिविर में जाने के लिए कहा गया है। क्षेत्र में अन्य जगहों पर स्थिति सामान्य है। लोगों से विस्थापन के लिए विकल्प मांगे गए हैं। अभी तक किसी की ओर से कोई भी लिखित रूप में विकल्प नहीं दिए हैं। जल्द ही अब मानसून सीजन के बाद फिर से लोगों से विस्थापन को लेकर विकल्प मांगे जाएंगे।

क्या कहा जल विज्ञान वैज्ञानिक गोपाल कृष्ण ने-

डॉ गोपाल कृष्ण ने कहा कि अधिकारिक रूप से हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। जमीन के भीतर मिट्टी के सेटलमेंट के चलते भीतर रुका हुआ पानी कहीं न कहीं अपना रास्ता बना लेता है।जमीन के भीतर पानी बहने की आवाज के पीछे इस तरह के कारण हो सकते हैं। इस बारे में जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

जमीन के भीतर पानी का अपना एक चैनल काम करता है। जोशीमठ के मामले में पूर्व में हुए अध्ययनों में ये बात सामने आ चुकी है, वहां भी पानी का चैनल काम कर रहा है। बरसात में इसमें वृद्धि हो सकती है। बाकी मौके की क्या स्थिति है, ये जब जांच होगी उसके बाद ही स्पष्ट हो सकती है।

 

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