चुनाव से ठीक पहले फिर फंसी मध्य प्रदेश की मामा सरकार…

चुनाव से ठीक पहले फिर फंसी मध्य प्रदेश की मामा सरकार…

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एक और नया ताजा घोटाला- 

मध्य प्रदेश में चुनाव हैं और एक बार फिर यहां घोटालों की आवाज सुनाई देने लग गयी है,मध्य प्रदेश में आजकल घोटाले पर घोटाले सामने आ रहे हैं. अभी एक ताजा घोटाला और सामने आया है.. जिसमें दावा किया जा रहा है कि शिवराज सरकार की एक योजना के तहत  बीजेपी नेताओ के करीबी और रिश्तेदारों पर जनता की कमाई का पैसा उड़ाया जा रहा है.. और उनको मौज कराई जा रही है.. लेकिन  इस नए घोटाले का जिक्र करने से पहले थोड़ी सी जानकारी मध्य्प्रदेश के उस घोटाले की भी लेना जरूरी है, जिसे आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला कहा जाता है।
आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला- 

मध्य प्रदेश की राजनीति,और शिवराज सरकार का जिक्र जब भी आएगा एक घोटाले का नाम हमेशा  सामने आएगा. और वो है ‘व्यापम घोटाला ‘  ये वो घोटाला है जिसे आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला कहा जाता है. साल था 2013 जब मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले का खुलासा हुआ था। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल  यानी व्यापम घोटाले का पर्दाफाश हुए 10 साल हो गए हैं। अगले कुछ महीने में मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हैं। इस वजह से व्यापम घोटाला एक बार फिर से राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है। ये इसलिए भी चर्चित है क्योंकि इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद कई पत्रकार समेत कई लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

 

2013 में हुई थी इस घोटाले से 40 से ज्यादा की मौतें- 

कई मीडिया रिपोर्ट्स के  एक अनुमान के मुताबिक व्यापम घोटाले से जुड़े 40 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं, इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हुई है. साल 2013 में  व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्‍यापम की परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की जगह किसी दूसरे को बिठाना, नकल कराना और अन्य तरह की धांधलियों की वजह से इस मामले में अब तक 125 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में जब जांच शुरू हुई तो जांचकर्ता और आरोपियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने लगी। घोटाले के तार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों से जुड़े होने की बात सामने आई। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में ये मामला पहुंचने पर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को सौंपी गई।

 

इस घोटाले के तार कई लोगों से जुड़े मिले-

व्यापम में रिश्वत लेकर प्रवेश परीक्षाओं और भर्तियों में नकल करने के मामले में 4 हजार 46 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें से 956 आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक भी  नहीं हो पाई है। वहीं CBI ने 1242 लोगों को आरोपी बनाया है। गौर करने वाली बात यह है कि इस मामले में मध्य प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल राम नरेश यादव के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है। इतना ही नहीं व्यापम घोटाले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इस धांधली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब एंट्रेंस एग्जाम के बाद अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए पहुंचे तो उनका चेहरा और एडमिट कार्ड पर लगी फोटो दोनों अलग होते। इसके बाद भी उन्हें इंटरव्यू में पास करके उन्हें एडमिशन दे दिया जाता। मामला उजागर होने पर इसके तार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय और तत्कालीन राज्यपाल राम नरेश यादव तक जुड़ते पाए गए।

 

फिर विवादों में क्यों आयी शिवराज सरकार ?

अब बात उस नए घोटाले की जिससे शिवराज सरकार फिर विवादों में आ गयी है,,मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा  कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाह रही है. सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान  युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक को रिझाने के लिए रोजाना कुछ न कुछ नया कर रहे हैं. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज ने मुख्यमंत्री हवाई तीर्थ यात्रा की शुरुआत की है.लेकिन इस योजना से बुजुर्गों को हवाई यात्रा का दावा करने वाली शिवराज सरकार की अब पोल खुलती हुई नजर आ रही है।

 

चुनाव से ठीक पहले इस योजना की शुरुवात- 

चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज ने मुख्यमंत्री हवाई तीर्थ यात्रा की शुरुआत की है. लेकिन इस योजना का लाभ बीजेपी के पदाधिकारी उठा रहे हैं. पैसे वाले रसूखदार लोग उठा रहे हैं, मिली जानकारी के अनुसार हवाई सफर रायसेन से पूर्व जिलाध्यक्ष समेत बीजेपी के दिग्गज नेता सहित हेल्थ मिनिस्टर प्रभुराम चौधरी के सबसे करीबी लोग कर रहे हैं. मंत्री विश्वास सारंग के करीबी रसूखदार बीजेपी भोपाल मंडल अध्यक्ष नीरज पचौरी के ब्रजमोहन भी सीएम की मुफ्त रेवड़ी वाली हवाई यात्रा में तीर्थ दर्शन कर आये. कद्दावर मंत्री प्रभुराम चौधरी ने तीर्थ यात्रियों को हवाई यात्रा पर भेजते हुए फेसबुक पर फोटो डाली, प्रभुराम चौधरी के साथ फोटो में रायसेन से पूर्व जिला अध्यक्ष नरेंद्र सिंह कुशवाह हैं, बीजेपी रायसेन के 2003 से 2007 तक जिला अध्यक्ष रहे हैं. इसके अलावा प्रभुराम चौधरी के खासम खास मलखान सिंह, कालूराम विश्वकर्मा भी हवाई जहाज पर सवार हुए. इस लिस्ट में बड़ी संख्या में बीजेपी नेता प्रयागराज डुपकी लगाने गए।

 

करीबियों को हो रहा है योजना का फायदा- 

भोपाल की हवाई तीर्थ दर्शन की सूची में मंत्री विश्वास के विस्वस्थ हवाई सरकार पर खूब उड़े. मंत्री ने मुख्यमंत्री की योजना को पलीता लगा दिया है. पोस्टर में नजर आ रहे है नीरज पचौरी जो की बीजेपी के मंडल अध्यक्ष पोस्टर पर मंत्री विश्वास सारंग का फोटो बताता है की ये उनके बेहद करीबी हैं, करीबी होने की वजह से फायदे भी मिल रहे हैं. मंडल अध्यक्ष नीरज पचौरी के पिता ब्रजमोहन पचौरी इनके पास करोड़ों की सम्पति है पर मंत्री विश्वास के करीबी हैं तो इन्हें गरीबों की योजना का लाभ मिल रहा है. क्योंकि ब्रजमोहन पचौरी मंत्री विश्वास के लिए वोट बटोरने के लिए नरेला में काम आते है . मकसद ये था कि इस यात्रा में निर्धन परिवार के लोग ही यात्रा करें, लेकिन निर्धन बुजुर्गों के हक को बीजेपी नेताओं ने मार लिया है।

 

12 अप्रैल को सर्कुलर किया था जारी- 

पहली बार किसी राज्य में सरकार के खर्च पर हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा की शुरुआत हुई ..शिवराज सिंह चौहान के द्वारा काफी धूम-धाम से शुरु की गयी शिवराज सरकार धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग ने 12 अप्रैल 2023 को यात्रा से जुड़ा सर्कुलर जारी किया था. इसके मुताबिक, यात्रियों को चुनने के दो क्राइटेरिया पहला, यात्री की उम्र 65 साल से ज्यादा होना चाहिए, दूसरा, वो इनकम टैक्स न देता हो. सर्कुलर के हिसाब से यात्रियों के सिलेक्शन की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को दी गई है. ये भी कहा गया है कि तय संख्या से ज्यादा आवेदन आने पर यात्रियों का सिलेक्शन कम्प्यूटराइज्ड लॉटरी सिस्टम से किया जाए।

 

आखिर इन लोगों को क्यों करवाया गया तीर्थाटन- 

21 मई को पहला ग्रुप राजधानी भोपाल से हवाई जहाज से  प्रयागराज भेजा गया था, इसमें कुल 32 यात्री शामिल थें, लेकिन इन यात्रियों में अधिकांश भाजपा के पदाधिकारी और उसके नेताओं के परिजन थें. इसमें दो यात्रियों की पहचान महाराष्ट्र और तमिलनाडु निवासी के रुप में हुई है. अब सवाल है कि मध्य प्रदेश सरकार उन्हें अपने खर्चे से यात्रा कैसे करवा रही थी?  इसके साथ ही तीर्थ योजना का लाभार्थी के लिए जो मापदंड तय किया गया था, उसकी भी धज्जियां उड़ाई गयी है, मापदंड के विपरीत इसमें से अधिकांश बड़े-बड़े हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले लोग हैं, जिनके पास आलीशान गाड़ियां और लग्जरी भरी जिंदगी है, बावजूद इसके इन सभी को गरीब-वचिंत बताकर तीर्थाटन करवाया गया।

 

10 साल बीत चुके हैं व्यापम घोटाले को-

व्यापम घोटाले का पर्दाफाश हुए 10 साल बीत चुके हैं। लेकिन घोटालों का जिन्न आज भी शिवराज सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा,,  पिछले दिनों पटवारी भर्ती परीक्षा में एक बार फिर से धांधली के आरोप लगे। आरोप ये भी लगे कि ये भी व्यापम की तरह ही एक और घोटाला है, जिससे शिवराज सरकार फिर से निशाने पर आ गयी, ये मामला थोड़ा हल्का पड़ा  ही  था कि अभी हाल ही में एक और घोटाले के आरोपों में शिवराज सरकार घिर गयी है, जिस पर खूब हंगामा मचा हुआ है,और अब विपक्षी भी शिवराज सरकार पर तंज कस रहे हैं कि वो दिन दूर नहीं जब गूगल पर घोटाला सर्च करेंगे  तो शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर सामने आएगी।

प्रियंका गांधी के द्वारा मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान को 50 फीसदी कमीशन वाली सरकार बताने पर मुकदमा दर्ज किया गया है,  प्रियंका और दूसरे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ करीब 45 थानों में मुकदमा दर्ज किया गया है. साफ है कि जिस प्रकार वहां से भ्रष्टाचार की खबरें आ रही है, और कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा जिस गैर जरूरी उग्रता के साथ प्रतिक्रिया दे रही है, मध्यप्रदेश में भी भाजपा कर्नाटक की राह चलती नजर आ रही है।

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