महंगे पेंट का खर्चा भूल जाइए, गाय के गोबर से बना एंटी बैक्टीरियल पेंट से चमकेगा घर…
गाय के गोबर से बनेगा प्राकृतिक पेंट, जाने इसके फायदे-
गौशालाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की मुहिम.
प्राकृतिक पेंट बनाने में किया जाएगा गोबर का इस्तेमाल.
गोबर युक्त पेन्ट एन्टी फंगल, एन्टी बैक्टीरियल, अन्य केमिकल पेन्ट से सस्ता.
यूपी के बांदा में अन्ना गोवंशों को संरक्षित रखने के लिए तीन सौ से अधिक गौशाला बनाए गए हैं। इन गौशालाओं में संरक्षित गोवंशों के भरण पोषण के लिए पर्याप्त बजट न होने पर जन भागीदारी से गोवंशों को चारा भूसा उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल गौशालाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुहिम चला रही हैं। इसी मुहिम के तहत अब गौशाला से निकलने वाले गोबर का इस्तेमाल प्राकृतिक पेंट बनाने में किया जा रहा है।
किसानों के लिए मुनाफे का सौदा-
गोवंश के गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार खाद कृषि उत्पादन के लिए बहुत लाभकारी है। इसके साथ ही गौवंश के गोबर युक्त पेन्ट एन्टी फंगल, अन्य केमिकल पेन्ट से सस्ता, एन्टी बैक्टीरियल भी होता है। इसका फसलों में इसका छिड़काव और प्रयोग करने से भी फसल पैदावार में भी लाभ मिलता है।इस तरह तैयार होगा प्राकृतिक पेंट-
- सबसे पहले गाय के गोबर से कंकड़, घास निकाल कर अलग किया जाता हैं और उसका वजन किया जाता हैं।
- इसके बाद साफ किए गए गोबर को एक भंडारण टैंक में डाला जाता हैं जिसमें पानी होता है।
- मोटर चलित भंडारण टैंक गाय के गोबर और पानी को 40 मिनट तक मथता है।
- इससे पहले उस मिश्रण को दूसरे सेक्शन में ले जाया जाता है। जहां इसे एक समान पेस्ट जैसे तरल में बदल दिया जाता है।
- तरल को 100 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर आधे घंटे तक गर्म किया जाता है, जिसके बाद इसे ब्लीच किया जाता है।
- इसके बाद मिश्रण में रंग मिलाया जाता है, और यह प्राकृतिक पेंट तैयार होता है।
- इस पेंट को प्राकृतिक पेंट के ब्रांड नाम से बाजार में बेचा जाता है।
प्राकृतिक पेंट बनाने का निर्णय-
इस प्राकृतिक पेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत, स्थानीय गौशाला संचालकों, पंचायत प्रमुखों, स्वयंसेवी संस्थाओं, और अधिकारियों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत, तीन स्वयंसेवी संस्थाएं प्राकृतिक पेंट बनाने का निर्णय ले चुकी है। इसके अलावा गौवंशों को हरा चारा प्रदान करने के लिए भी कई मादक उपायों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे उनकी सुरक्षा और खुशहाली सुनिश्चित की जा सकती है।
प्रतिदिन 5500 रुपये की होगी आमदनी-
प्रोजेक्ट मैनेजर की माने तो 1 किलोग्राम गोबर में पाउडर मिलाकर 3 लीटर पेंट तैयार होगा. 1 लीटर पेंट 225 से 250 रुपये लीटर में बिकेगा. यानी 1 किलो गोबर से करीब 700 रुपये की आमदनी होगी. एक गाय प्रतिदिन 8 किलोग्राम गोबर देती है, जिससे प्रतिदिन करीब 5500 रुपये तक की आमदनी होगी. इसके लिए खादी आश्रम से अनुबंध होगा, जो पेंट लेकर बिक्री करेगा. यह पेंट दो किस्म के डिस्टेंपर और इमल्शन में तैयार होगा. गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट को घर की दीवारों पर कराया जा सकेग।