भारत के पासपोर्ट की ताकत बढ़ी या घटी ? पढ़िए ये पूरी रिपोर्ट.

भारत के पासपोर्ट की ताकत बढ़ी या घटी ? पढ़िए ये पूरी रिपोर्ट.

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पूरी भाजपा देश को हर समय ये बताने में लगी है कि मोदी जी के आने से देश के पासपोर्ट की ताकत कितनी बढ़ गयी है लेकिन असल सच्चाई कुछ और है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की इस साल की रिपोर्ट में ये बात उजागर हुई है. हेनले पासपोर्ट इंडेक्स दुनिया के सभी पासपोर्ट की मूल आधिकारिक रैंकिंग है जिससे किसी भी देश के पासपोर्ट की ताकत का पता चलता है।


2024 में हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में दुनिया भर के कुल 6 देशों ने टॉप पर जगह बनाई है दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट वाले देशों में यूरोपीय संघ के चार सदस्य देश फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन शामिल हैं जबकि एशियाई देशों में से इस लिस्ट में  हमेशा से टॉप पर रहे दो एशियाई देश इस बार भी टॉप पायदान पर अपनी जगह बनाए हुए हैं और ये देश हैं जापान और सिंगापुर यानी इन 6 देशों के पासपोर्ट सबसे ताकतवर है. यह पासपोर्ट अपने नागरिकों को दुनिया के 227 देशों  में से 194 में बिना वीजा के एंट्री की सुविधा मुहैया कराते हैं

अब आप यही सोच रहे होंगे कि फिर भारत इस लिस्ट में कहां है तो आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत इस लिस्ट में 80  नंबर पर खड़ा है,,, जी हाँ 80 नंबर पर और देश में डंका पीटा जा रहा है कि भारत के पासपोर्ट की ताकत बहुत बढ़ गयी है हेनले पासपोर्ट इंडेक्स पर टॉप 10 में यूरोपीय देशों को जगह मिली है दक्षिण कोरिया फिनलैंड और स्वीडन इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं। ये तीनों देश 193 देशों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा का दावा करते हैं तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, आयरलैंड और नीदरलैंड हैं। ये देश 192 देशों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा का दावा करते हैं।

2024 हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारत 80वें स्थान पर है भारत के पासपोर्ट के साथ थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरीशस, श्रीलंका और मालदीव जैसे जगहों की यात्रा की जा सकती है हालांकि मालदीव के साथ भी आजकल भारत के रिश्ते कुछ ठीक नहीं है दूसरी तरफ भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो जहां 85 जगहों में वीजा-फ्री एंट्री के लिए चीन को 62वें स्थान पर रखा गया है


अब जरा साल कुछ साल पहले की रैंकिंग पर भी नजर डालते हैं साल 2006 में भारत की रैंकिंग आज से काफी अच्छी थी साल 2006 में भी भारत का पासपोर्ट 71 वें स्थान पर था जबकि साल 2014 में जब तक मनमोहन सरकार का कार्यकाल खत्म हुआ था,,उस समय भी भारत के पासपोर्ट की रैंकिंग 76 वें  स्थान पर थी जबकि मोदी सरकार के एक साल सत्ता में पुरे होने के बाद 2015 में भारत के पासपोर्ट की रैंक गिरकर 88 नंबर पर पहुंच गया था गजब तो साल 2021 में हुआ जब नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में भारत के पासपोर्ट की कीमत गिरकर 90 नंबर पर पहुंच गया और आज वर्तमान में भारत का पासपोर्ट 80 नंबर पर आता है

 हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने बीजेपी के उन नेताओं को आईना दिखाया है जो कहते नहीं थकते कि मोदी जी की सरकार में भारत के पासपोर्ट की ताकत बहुत तेजी से बढ़ी है और पासपोर्ट की इज्जत बढ़ गयी है जबकि हेनले पासपोर्ट इंडेक्स साफ़ दिखा रहा है कि बजाय आज के पूर्व की मनमोहन सरकार में भारत का पासपोर्ट ज्यादा मजबूत था

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