बांग्लादेशी-घुसपैठियों का समर्थन और प्रोटेक्शन करती है दिल्ली की ‘आप’ सरकार, CM धामी का हमला.
Dehradun: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी शोर थम चुका है. इस बार दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने तमाम दिग्गजों को चुनाव प्रचार में उतारा, जिसमें सीएम पुष्कर धामी भी शामिल रहे. उन्होंने चुनाव प्रचार को धार दी. वहीं, दिल्ली में चुनावी प्रचार प्रसार कर देहरादून लौटे सीएम धामी ने बड़ा बयान दिया है. सीएम धामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली की आप सरकार एक ओर घुसपैठियों-बांग्लादेशियों का समर्थन और प्रोटेक्शन करती है तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
सीएम धामी ने बांग्लादेशी घुसपैठिए के मामले में आप सरकार को घेरा-
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में प्रचार प्रसार के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले को लेकर आप सरकार पर जमकर निशाना साधा था. सीएम धामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब घुसपैठियों और बांग्लादेशियों की बात आती है तो आम आदमी पार्टी वाले उनका समर्थन करते हैं. साथ ही उनको प्रोटेक्शन करते हैं. जबकि, उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के रहने वाले लोगों को अपना नहीं समझते हैं, बल्कि उनको बाहरी समझते हैं. साथ ही इन लोगों के साथ दोगलापन जैसा व्यवहार करते हैं.
सीएम धामी-
सीएम धामी ने कहा कि जब बांग्लादेश में नरसंहार हो रहा था. हिंदुओं के साथ अत्याचार और अमानवीय व्यवहार हो रहा था. माताओं-बहनों के साथ हर तरह से अन्याय हो रहा था, उस दौरान इन लोगों ने एक भी आवाज नहीं उठाई. जबकि, ये लोग छोटी-छोटी बातों पर जंतर मंतर में धरना करते हैं. कभी कैंडल मार्च निकालते हैं, लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मामले पर विपक्ष को सांप सूंघ गया था. यही वजह है कि दिल्ली की जनता अब इनसे सवाल कर रही है कि उस दौरान इन्होंने सवाल क्यों नहीं उठाया?
जेएनयू की रिपोर्ट से खलबली-
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बीच बांग्लादेशी घुसपैठियों का मामला काफी चर्चाओं में रहा. हाल ही में जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) ने एक रिपोर्ट भी जारी की है. जिसके अनुसार दिल्ली के 20 इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठियों की आबादी काफी ज्यादा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली में करीब बांग्लादेशी घुसपैठियों की आबादी 20 लाख है. यही वजह है कि बीजेपी लगातार इस पूरे मामले पर सवाल उठा रही है. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी इस मामले को भुनाने की कवायद में भी जुटी हुई है.