Category Archive : मौसम

Kedarnath: केदारनाथ पैदल मार्ग जंगल चट्टी के पास हुआ क्षतिग्रस्त, प्रशासन ने की अपील, यात्री जहां है वहीं रुकें।

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केदारनाथ पैदल मार्ग जंगल चट्टी के पास क्षतिग्रस्त हो गया है। जिस कारण दोनों ओर श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों ले अपील की है कि वो जहां पर हैं वहीं पर रूके रहें। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ डीडीआरएफ के जवान वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रहे हैं।

 

जंगल चट्टी के पास क्षतिग्रस्त हुआ केदारनाथ पैदल मार्ग-

मिली जानकारी के मुताबिक केदारनाथ पैदल मार्ग पर एक बार फिर भूस्खलन हुआ है। जिस कारण जंगल चट्टी के पास करीब 15 मीटर पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रशासन ने फिलहाल यात्रियों से यात्रा ना करने की अपील की है। इसके साथ ही घोड़े-खच्चर के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है। बता दें कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ डीडीआरएफ के जवान वैकल्पिक मार्ग से रास्ता आर-पार करवा रहे हैं।

 

प्रशासन ने की यात्रियों से ये अपील

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील कि वे जिस स्थान पर हैं वहीं पर सुरक्षित रहकर इंतजार करें। मार्ग सुचारु होने पर केदारनाथ से जंगलचट्टी के बीच दर्शन कर वापस आ रहे श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जाएगा। केदारनाथ धाम के लिए पैदल आने वाले श्रद्धालुओं से फिलहाल यात्रा ना करें.

 

 

Uttarakhand: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले, पौड़ी जिले से आये सबसे अधिक मामले सामने।

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प्रदेश में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। अब तक पांच जिलों में कुल 75 मामले सामने आए हैं। इसमें पौड़ी जिले में सबसे अधिक 59 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू रोकथाम व बचाव के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर पर डेंगू मामलों की निगरानी की जा रही है।

आगामी नवंबर व दिसंबर तक डेंगू संक्रमण के फैलने की आशंका रहती है। हालांकि गत वर्ष की तुलना में इस बार अप्रैल से लेकर 17 सितंबर तक डेंगू के कुल 75 मामले सामने आए हैं। ऋषिकेश में एक डेंगू मरीज की मौत हुई है। मरीज को पहले से कई तरह की बीमारी होने से विभाग मौत के कारणों की वास्तविकता के लिए डेथ ऑडिट करा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू रोकथाम के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय से भी नियमित रूप से मानीटरिंग करने को कहा गया है। आगामी दो माह तक डेंगू संक्रमण की संभावना को देखते हुए एहतियात बरतने की आवश्यकता है।

प्रदेश में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या

जिला            डेंगू मरीज

पौड़ी                   59

देहरादून              09

हरिद्वार                03

नैनीताल                03

ऊधमसिंह नगर    01

Uttarakhand: IMD ने भारी बारिश का अलर्ट किया जारी, 7 जिलों में बारिश का अलर्ट, देखें मौसम का लेटेस्ट अपडेट।

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मौसम विभाग ने प्रदेश के सात जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही आकाशीय बिजली चमकने की संभावना जताते हुए सावधानी बरतने की अपील की है.

IMD ने जारी किया भारी बारिश का अलर्ट-

मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार मंगलवार को देहरादून, हरिद्वार, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है. जिसे देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. जबकि शेष जनपदों में आकाशीय बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश की संभावना है.

बारिश ने बरपाया कहर-

प्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बदरीनाथ हाईवे पर चटवा पीपल पर भूस्खलन होने के कारण पिछले तीन दिनों में यहां घंटों हाईवे बंद रहा. मंगलवार सुबह भी यहां वाहन फंसने से हाईवे के दोनों ओर छह किलोमीटर लम्बा जाम लग गया. जिसकी वजह से 600 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं.

Uttarakhand: 2 धामों के लिए फिर शुरू होंगी हेलिकॉप्टर सेवा, सितंबर के लिए हेली सेवा फुल, अब अक्तूबर के लिए होंगी शुरू।

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बरसात का सीजन खत्म होने के बाद 15 सितंबर से जौलीग्रांट से रुद्राक्ष एविएशन का एमआई 17 हेलिकॉप्टर एक बार फिर अपनी सेवाएं शुरू करेगा। जिसके लिए कंपनी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए जौलीग्रांट से हेलिकॉप्टर की बुकिंग सितंबर माह की फुल हो चुकी हैं। कंपनी ने अक्टूबर माह की बुकिंग भी शुरू कर दी है।

जौलीग्रांट हेलीपैड से बीते 10 मई से दो धामों बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए रुद्राक्ष एविएशन ने अपने 18 सीटर एमआई 17 हेलिकॉप्टर से हेली सेवाएं शुरू की थी। लेकिन बरसात को देखते हुए 15 जून को यह सेवाएं बंद कर दी गई थी। इस दौरान करीब 1000 श्रद्धालुओं ने दोनों धामों के दर्शन किए थे। अब फिर से जौलीग्रांट हेलीपैड से हेलिकॉप्टर सेवाएं शुरू करने की तैयारियां की जा रही है।

मौसम ठीक रहने पर हेलिकॉप्टर सुबह करीब साढे छह बजे से दो धामों के लिए उड़ान भरेगा। मौसम साफ रहने पर हेलिकॉप्टर दो धामों के लिए एक से अधिक फेरे लगाएगा। जौलीग्रांट से दो धामों के लिए एक व्यक्ति का किराया सवा लाख के करीब होगा।

फिलहाल ऑनलाइन बुकिंग की कोई सुविधा नही है। जिस कारण श्रद्धालु कंपनी की वेबसाइट पर जाकर फोन से संपर्क कर अपना टिकट बुक करा सकते हैं। कंपनी के अधिकारी 10 सितंबर तक देहरादून पहुंच जाएंगे। वहीं 13 सितंबर तक हेलिकॉप्टर भी श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए जौलीग्रांट पहुंच जाएगा।

 

कंपनी ने शुरू कर दी है अक्तूबर माह की बुुकिंग
बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए जौलीग्रांट से हेलिकॉप्टर की बुकिंग सितंबर माह की फुल हो चुकी हैं। वहीं अक्तूबर माह की बुकिंग भी कंपनी ने शुरू कर दी है। मौसम ठीक रहा तो जौलीग्रांट से हेलिकॉप्टर प्रत्येक दिन दोनों धामों के लिए उड़ान भरेगा।

बरसात को देखते हुए 15 जून से जौलीग्रांट से दो धामों की हेली सेवाएं बंद कर दी गई थी। अब 15 सितंबर से फिर से हेली सेवाएं शुरू की जाएंगी। किराया पूर्व की तरह सवा लाख प्रति पैसेंजर रखा गया है। सितंबर की बुकिंग फुल हो गई है। आगे की बुकिंग जारी है। – राज शाह, ऑपरेशन मैनेजर रुद्राक्ष एविएशन

 

Uttarakhand: चमोली के पगनो गांव में बारिश का कहर, मलबा आने से 4 मकान क्षतिग्रस्त, कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी.

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उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश का कहर जारी है. चमोली के पगनो गांव में बारिश ने कहर बरपाया हुआ है. गुरुवार देर रात को मूसलाधार बारिश के बाद मलबा आने से 4 मकान और 2 गौशाला क्षतिग्रस्त हो गए. ग्रामीण किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से बाहर निकल आए.

पगनो गांव में मलबा आने से चार मकान क्षतिग्रस्त-

गुरुवार की रात को पगनो गांव में मलबा आने से 2 गौशाला और 4 मकान क्षतिग्रस्त हो गए. किसी तरह ग्रामीण अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागे. आपको बता दें कि लगातार पिछले तीन साल से पगनो गांव में भूस्खलन हो रहा है जिससे गांव के 53 परिवार खतरे के साए में जी रहें हैं. गांव के लोगों में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों का कहना है कि देर रात बारिश के बाद अचानक घरों में तेजी से मलबा आ घुसा.

दहशत में ग्रामीण-

ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के चलते लगातार मलबा गांव में आ रहा है जिसके कारण खेत और रास्ते मलबे से भरे हुए हैं. लोगों का कहना है कि रात को यदि बारिश होती है तो सभी लोग दहशत में आ जाते हैं.

इन जिलों में अलर्ट जारी-

मौसम निदेशक के अनुसार शुक्रवार को देहरादून, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत और नैनीताल जिले में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और बारिश के तीव्र दौर की संभावना है. मौसम वैज्ञानिकों ने इन जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. जबकि उत्तरकाशी, चमोली, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान है.

 

मानसून का कहर: केदारघाटी में मलबे में दबने से 4 श्रमिकों की मौत, रेस्क्यू टीम ने बरामद किए शव.

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उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने प्रदेश में कहर बरपाया हुआ है. केदारनाथ हाईवे के फाटा के पास भारी बारिश के चलते मलबे में दबने से चार नेपाली मूल के मजदूरों की मौत हो गई. घटना की सूचना पर रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर श्रमिकों के शव बरामद कर लिए हैं.

 

केदारघाटी में मलबे में दबे 4 श्रमिक-

भारी बारिश के कारण प्रदेश के अलग-अलग जिलों से भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है. प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार लगातार हो रही भारी बारिश के चलते 22 अगस्त की रात करीब एक बजे के आसपास फाटा में पवनहंस के हैलीपैड के पास खाट गधेरे के किनारे बने डेरे में रह रहे चार लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना पुलिस को मिली.

रेस्क्यू टीम ने बरामद किए शव-

सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य के लिए रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंची. रेस्क्यू टीमों ने मलबे में दबे हुए लोगों को निकालने का कार्य शुरू किया. कड़ी मशक्कत के बाद के बाद मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला गया है. तब तक चार श्रमिकों की मौत हो चुकी थी.

मौसम विभाग ने जारी किया भारी बारिश का अलर्ट-

मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार शुक्रवार को कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले के भारी बारिश के आसार हैं. जिसे देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि देहरादून, चमोली, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले के कुछ क्षेत्रों में बारिश के साथ-साथ आकाशीय बिजली चमकने का येलो अलर्ट जारी किया है.

 

Kedarnath Update: केदारनाथ पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त, 16 जगह पूरी तरह से बहे…230 मजदूर रस्सी के सहारे मार्ग को कर रहे हैं ठीक।

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केदारनाथ पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त जबकि 16 स्थानों पर पूरी तरह से बह गया है। लोक निर्माण विभाग ने रास्ते की मरम्मत के लिए 230 मजदूर लगाए हैं। संवेदनशील स्थानों पर मजदूर खाई में उतरकर खुदाई कर रहे हैं।

वहीं, रस्सों को पकड़कर पुश्ता निर्माण के लिए बुनियाद रख रहे हैं। पूरे मार्ग को दुरस्त करने में लगभग एक माह का समय लग सकता है। आने वाले दिनों में लोनिवि द्वारा मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।

बता दें कि 31 जुलाई की देर शाम को अतिवृष्टि से केदारनाथ पैदल मार्ग गौरीकुंड से लिनचोली तक व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां 11 किमी के दायरे में रास्ता 16 स्थानों पर दो मीटर से 25 मीटर तक पूरी तरह से वॉशआउट हो रखा है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर पुश्ता ढहने, मिट्टी कटान व भूस्खलन से मार्ग को क्षति पहुंची है।

लोक निर्माण विभाग पैदल मार्ग को दुरस्त करने में जुट गया है। जहां पर रास्ता पूरी तरह से वॉशआउट हुआ है, वहां पर मजदूर खाई में उतरकर पुश्ता निर्माण के लिए खुदाई कर रस्सों के सहारे बुनियाद रख रहे हैं। इन स्थानों पर हल्की सी चूक जान पर भारी पड़ सकती है।
यही नहीं, मार्ग को दुरस्त करने के लिए प्रभावित स्थानों पर पत्थर, सिमेंट व अन्य सामग्री पहुंचाने में भी अन्य मजदूरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ क्षेत्र में आए दिन हो रही बारिश से मरम्मत व पुनर्निर्माण कार्य में दिक्कत आ रही हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अति संवेदनशील स्थानों पर आरसीसी पुश्तों का निर्माण किया जाना है। साथ ही जहां पर वॉशआउट हुआ है, वहां ऊपरी तरफ कटान के साथ ही निचली तरफ से सुरक्षा दीवार भी बनाई जानी है। इधर, सोनप्रयाग के समीप भूस्खलन जोन में भूस्खलन जोन में मरम्मत कार्य शुरू हो गया है।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को दुरस्त करने के लिए 230 मजदूर लगाए गए हैं। आने वाले दिनों में मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। जहां पर रास्ता वॉशआउट हो रखा है, वहां पर पुनर्निर्माण के लिए मजदूरों को काम करने में दिक्कतें हो रही हैं। सभी साइट पर स्वयं सहित सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता द्वारा किए जा रहे कार्य की मॉनीटरिंग की जा रही है।
-विनय झिक्वांण, अधिशासी अभियंता लोनिवि गुप्तकाशी

Kedarnath Rescue: पांचवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सेना ने संभाला मोर्चा; चिनूक से यात्रियों को किया जा रहा एयरलिफ्ट।

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केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग से अब तक दस हजार से अधिक तीर्थयात्रियों व स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। सोमवार को केदार घाटी का मौसम साफ होने के साथ ही एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू का कार्य शुरू हो गया है। एमआई चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है। जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतरेगा। सुबह 9 बजे तक 133 लोगों को केदारनाथ से एमआई एवं चिनूक एवं छोटे हेलिकॉप्टर की मदद से सुरक्षित एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किए जा चुके हैं।

31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि से केदारनाथ मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक 16 किमी का मार्ग है, इसमें 10 जगह मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। लोक निर्माण विभाग की टीम मार्ग को खोलने में जुटी है। लोनिवि की रिपोर्ट के अनुसार जो स्थितियां हैं उनमें मार्ग को पूर्व की दशा में लाने में करीब एक महीने का समय लग सकता है।

वहीं, सेना ने मोर्चा संभालते हुए मंदाकिनी नदी पर अस्थायी ट्राली स्थापित कर दी है। साथ ही वैकल्पिक पुल का निर्माण भी शुरू कर दिया है। गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव के पास लगभग 15 मीटर लंबाई में रास्ता पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां पर लो.नि.वि श्रमिक वैकल्पिक मार्ग स्थापित करने में जुटे हैं।

सोमवार सुबह 100 लोगों को सुरक्षा बलों की देखरेख में श्री केदारनाथ धाम से लिनचोली हेलीपैड के लिए रवाना कर दिया गया है। इन यात्रियों को लिनचोली से एयर लिफ्ट कर शेरसी हैलीपैड पर उतारा जाएगा। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमें जंगल एव मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं।

रविवार को लगभग 1100 लोगों का सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया। वहीं सेना ने भी अब कमान संभाल ली है। पैदल मार्ग पर आम लोगों को खोजने के लिए स्निफर डाँग भेजे गए हैं, सेना क्षतिग्रस्त् पैदल मार्ग को आवाजाही के लिए खोजे जाने में भी मदद करेगी।

वहीं गौरीकुंड व सोनप्रयाग के बीच वाशआउट हुए हाइवे कपर ट्राली लाकर बुजर्ग व घायलों को निकालने का कार्य भी सेना ने शुरू कर दिया है। रेस्क्यू आपरेशन के चौथे दिन रविवार को कुल 1155 का रेस्क्यू किया गया, जिसमें हेलीकाप्टर से 628 व पैदल मार्ग से 527 लोगों को रेस्क्यू किया गया।

हेली से लिनचोली, चीरबासा व केदारनाथ से रेस्क्यू किया गया, वहीं चौमास पैदल मार्ग से भी रविवार को 210 लोगों को रेस्क्यू किया गया। केदारनाथ पैदल मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू भी जारी है। सोनप्रयाग में मैन्युल रेस्क्यू के लिए अब सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस के जवानों संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं।

रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के 25 बुजर्ग व घायलों का रेस्क्यू किया गया। वहीं स्निफर डाँग की टीम भी भेजी गई है, जो जंगल में भटक गए लोगों की खोजबीन करेगी, साथ ही भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में भी सर्च अभियान करेगी।

 

 

 

 

Uttarakhand Weather: आज भी तेज बारिश का अलर्ट…देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में तेज बारिश का येलो अलर्ट।

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राज्य के आठ जिलों में आज अधिकांश स्थानों पर बारिश की संभावना है। जबकि इनमें से तीन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। ज्यादातर स्थानों पर आसमान में बादल छाए रहेंगे। कहीं मध्यम तो कहीं भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।

मौसम विभाग की ओर से पूर्वानुमान के अनुसार राज्य के तीन जिलों देहरादून, नैनीताल और बागेश्वर में कहीं-कहीं पर तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, चंपावत और ऊधमसिंहनगर जिले में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।

वहीं देहरादून में बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री तक रहने की संभावना है। उधर, बुधवार को देहरादून के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। दोपहर करीब दो बजे क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में आधा घंटा तक तेज बारिश हुई। वहीं राजपुर क्षेत्र में तीन बजे के आसपास बारिश की बौछारें पड़ी। बारिश के चलते लोगों को गर्मी से राहत मिली। 

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट… मौसम विभाग ने दी अगले 24-48 घंटे सतर्क रहने की चेतावनी

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मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24-48 घंटे सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। उत्तराखंड के कुमाऊं में ऑरेंज अलर्ट और गढ़वाल में येलो अलर्ट जारी किया गया है।गढ़वाल के अधिकांश जिलों और राजधानी देहरादून में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने बारिश को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही नदी-नालों के पास जाने से बचने की चेतावनी दी। प्रदेश के चार जिलों में भारी बारिश होने की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत पौड़ी, चम्पावत और नैनीताल जिले के कुछ हिस्सों में तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

इसके अलावा उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में कई दौर की तेज बारिश होने के भी आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है अगले तीन से चार दिन प्रदेश भर के पर्वतीय जिलों के साथ मैदानी इलाकों में भी तेज बारिश होने की संभावना है।

जौनसार बावर व पछवादून में भूस्खलन से मलबा आने पर 13 मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। जिसमें दो राज्य मार्ग, एक मुख्य जिला मार्ग, एक अन्य जिला मार्ग शामिल है। पीएमजीएसवाई कालसी के चार, लोनिवि चकराता के दो, लोनिवि साहिया के पांच, लोनिवि प्रांतीय खंड देहरादून के दो मोटर मार्ग बंद हैं। नरेंद्रनगर – रानी पोखरी रोड मलबा आने से बंद है। टिहरी जिले में 12 लिंक रोड मलबा आने से बंद हैं। राजमार्ग खुले हैं। चमोली में शुक्रवार रात बारिश हुई। वहीं शनिवार को मौसम साफ हो गया। बदरीनाथ हाईवे सहित जनपद चमोली अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात हेतु सामान्य सुचारू हैं। बदरीनाथ व हेमकुंड यात्रा जारी है।

उत्तरकाशी जिले में मौसम साफ है। गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर वर्तमान में यातायात सुचारू है। शनिवार को सुबह के दौरान गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नलूणा और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डाबरकोट के पास करीब एक से दो घंटे बंद रहा। जनपद में दो संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं।वहीं शनिवार को गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में बारिश के कारण नदियों ने विकराल रूप ले लिया। अलकनंदा व मंदाकिनी नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है। दोनों नदियां उफान पर हैं। नदी किनारे रहने वालों लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

 

उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन गढ़वाल के ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा नहीं हो रही है। देहरादून के कुछ क्षेत्रों में और कुमाऊं में भारी वर्षा का क्रम बना हुआ है। दून में शुक्रवार को सुबह धूप खिली और दोपहर तक उमसभरी गर्मी ने बेहाल किया।इसके बाद आसमान में बादल मंडराने लगे और राजपुर, मालसी, जोहड़ी, सहस्रधारा क्षेत्र में जोरदार वर्षा हुई। जिससे क्षेत्र के बरसाती नाले उफान पर आ गए। शहर में भी रात करीब साढ़े आठ बजे गरज-चमक के साथ बौछारों का दौर शुरू हो गया।

अगले कुछ दिन वर्षा और जोर पकड़ सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर व अल्मोड़ा में भी कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा हो सकती है, जिसे लेकर यलो अलर्ट है