आगामी फायर सीजन में वनों में आग की घटनाओं पर रोकथाम को लेकर जंगलात अभी से जुटा है। वन मुख्यालय में वनाग्नि नियंत्रण को लेकर हुई बैठक में अधिकारियों ने मोबाइल एप और डैश बोर्ड का इस्तेमाल के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण दिया।
कोलकाता में महिला डॉ से हुई दरिन्दगी के खिलाफ पुरे देश में आक्रोश है खूब प्रदर्शन हो रहे हैं, मोमबत्तियां जलाई जा रही है अपराधियों को फांसी की सजा की मांग हो रही है,
राजनैतिक दल अपने अपने हिसाब से खूब राजनीती कर रहे हैं लेकिन यही सब देवभूमि उत्तराखंड में क्यों नहीं हो रहा है, जहां हर दिन एक ऐसा ही केस सामने आ रहा है. जहां निर्भया जैसा केस पुलिस चौकी के बगल में हो जाता है और कोई आवाज नहीं उठती। एक नर्स की दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर दी जाती है और कोई केंडिल मार्च नहीं होता। कोलकाता डाक्टर केस में हर अपडेट को दिन भर दिखाने वाला राष्ट्रिय मीडिया उत्तराखंड की खबर पर मौन हो जाता है, क्यों यहां की घटना राष्ट्रिय मीडिया के लिए एक मुद्दा नहीं बनती।
उत्तराखंड में भी एक और मामला-
निर्भया केस ने जहां भारत की पूरी जनता को झकझोर कर रख दिया था,,,अब एक बार ऐसा ही केस उत्तराखंड में देखने को मिला लेकिन इसकी कोई आवाज हमें सुनाई नहीं देगी, हालाँकि इसके अपराधियों को पुलिस पकड़ चुकी है लेकिन फिर भी क्या इसको लेकर चिंता नहीं की जानी चाहिए। देवभूमि जो महिलाओं की सुरक्षा के मामले में सबसे सुरक्षित मानी जाती थी अचानक उसकी फिजा क्यों बदलने लगी है, जब एक लड़की बस स्टेशन जैसी जगह पर सेफ नहीं है तो फिर कहां सुरक्षित होगी।
उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून के बस अड्डे पर जो कुछ हुआ वो महिला सुरक्षा के दावों का मजाक उड़ाता है. देहरादून की सबसे व्यस्त रहने वाले आईएसबीटी में किशोरी को तनिक भी आभास नहीं था कि जिस ड्राइवर अंकल से उसने मदद ली वह ही हैवान बन जाएगा। दिल्ली से देहरादून का सफर तय कर वह आईएसबीटी पहुंची तो आधी रात को पांच हैवानों ने बस में ही दुष्कर्म किया। किशोरी चिल्लाई लेकिन अंधेरी रात में उसकी चीख कोई सुन न सका,,,इसमें बस ड्राइवर और कंडक्टर सहित बस अड्डे पर टिकट काउंटर वाला तक शामिल रहा.
15 अगस्त को एक और मामला हुआ था दर्ज-
कोलकत्ता में जिस तरह महिला डाक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी उसी तरह का केस उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में 15 अगस्त के दिन ही एक ऐसे ही मामले का खुलासा उधमसिंह नगर पुलिस ने किया है. यहां पर कार्यरत एक नर्स के साथ उत्तर प्रदेश के बिलासपुर में एक निर्मम कृत्य किया गया. पहले तो नर्स को बलात्कार किया गया, उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई.
एक हप्ते में उत्तराखंड में दो इतनी बड़ी घटनाएं हो गयी और इस पर कोई नेता बोला नहीं न ही उतनी आवाज विरोध स्वरूप उठी जो उठनी चाहिए थी, न राष्ट्रिय मिडिया ने इनको तवज्जो देना उचित समझा।
ऐसा नहीं है कि ये पहली बार हुआ है,,,उत्तराखंड के अस्पतालों में कई बार इस तरह की घटनाएं सामने आयी है एम्स ऋषिकेश में ड्यूटी कर रही महिला डॉक्टर के साथ यह छेड़छाड़ उस वक्त हुई थी, जब वह पुरुष नर्सिंग ऑफिसर के साथ मिलकर एक ऑपरेशन कर रही थी. आरोप था कि इसी दौरान पुरुष नर्सिंग ऑफिसर ने महिला डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ और अभद्रता की. इसके बाद मामला एक तरफा लग रहा था. लेकिन मामले ने तूल तब पकड़ा जब महिला डॉक्टर ने कुछ व्हाट्सएप के चैट दिखाए और यह बताया कि कैसे पुरुष नर्सिंग ऑफिसर उसको लगातार अश्लील मैसेज भेज रहा है.
इस घटना ने यह बता दिया था कि एम्स जैसे नामचीन और बड़े अस्पताल में भी इस तरह की घटना हो सकती है. अस्पताल कितने सुरक्षित हैं इसका पता एक और घटना से हमें लगता है. इसी साल 4 जुलाई के दिन उधमसिंह नगर के सितारगंज क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में एक युवती अपने इलाज के लिए जाती है. तभी एक विवाद खड़ा हो जाता है. युवती ने अस्पताल के अटेंडेंट पर आरोप लगाया था कि उसके साथ अस्पताल के अंदर छेड़छाड़ की गई है.
15 जून को हरिद्वार में भी हुआ था मामला दर्ज-
एक और घटना हरिद्वार में इसी साल 15 जून 2024 को घटित हुई थी. साल 2023 से तैनात एक इंटर्न जब शाम 7:30 पर वहां पहुंची, तो अस्पताल का ही डॉक्टर ड्यूटी के बहाने उसे एक कमरे में लेकर चला गया. फिर दरवाजा बंद कर लिया. इसके बाद डॉक्टर, इंटर्न के साथ बदतमीजी और अश्लील हरकतें करने लगा. जब इंटर्न ने इसका विरोध किया तो उसे डराया और धमकाया गया. किसी तरह से इंटर्न उस कमरे से बाहर निकली और अपनी पूरी आपबीती स्टाफ और अपने परिवार के सदस्यों को बताई. इस घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया था.
हरिद्वार के बाद हल्द्वानी में भी इसी साल 23 जुलाई 2024 के दिन प्रतिष्ठित न्यूरोसर्जन पर एक महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. महिला का आरोप था कि हल्द्वानी में एक बड़ा अस्पताल चला रहे डॉक्टर और अस्पताल के मालिक ने उसके साथ पहले अभद्रता की और उसे जान से मारने की धमकी दी. यह घटना तब हुई, जब महिला अपने इलाज के लिए गई थी.
अगर बात पूरे उत्तराखंड में महिला अपराध की करें, तो हर साल उत्तराखंड में महिला अपराध की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. नेशनल क्राइम ब्यूरो की साल 2023 की रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड महिला अपराध के मामले में छठे नंबर पर है.देहरादून जिला इस मामले में नंबर 1 पर हैं जहां इस साल सबसे ज्यादा महिला अपराध के मामले सामने आये हैं,,,,उत्तराखंड में महिला अपराध के मामले एक वर्ष में 26 प्रतिशत बढ़े हैं,,,जिसमें 905 महिलाओं से दुष्कर्म व 778 का अपहरण हुआ है. सवाल ये है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ नारा बनकर रह गया है, न तो बेटियां बच पा रही है और पढ़ गयी तो भी उनकी सुरक्षा नहीं हो पा रही है. महिलाओं की आवाज उठाने वाले राजैनतिक दल भी अपनी सहूलियत और राज्य देखकर ही आवाज उठाते हैं. ये आंकड़े बताते हैं उत्तराखंड में महिलाएं कितनी सुरक्षित रह गयी हैं लेकिन इन आंकड़ों की कोई परवाह नहीं करता न सरकार और न जनता।
निर्वाचन आयोग ने आज (शुक्रवार को) तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया। बता दें कि चुनाव आयोग ने हाल ही में दोनों राज्यों का दौरा भी किया था। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है। जहां जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में तो वहीं हरियाणा में एक चरण में मतदान होगा। दोनों राज्यों में नतीजे चार अक्तूबर को जारी होंगे।
हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है। यहां आखिरी बार 2019 में चुनाव हुए थे। तब भाजपा-जजपा ने साथ आकर सरकार बनाई थी। हालांकि, इसी साल मार्च में दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया था। दूसरी तरफ भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया था। हरियाण में 27 अगस्त को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित हो जाएगी। राज्य में एक चरण में एक अक्तूबर को मतदान होगा और चार अक्तूबर को नतीजे जारी होंगे।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 2018 में सरकार भंग होने के बाद से ही चुनाव नहीं हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में चुनाव हुए थे। तब भाजपा-पीडीपी ने गठबंधन बनाया था। हालांकि, बाद में भाजपा ने इस गठबंधन से दूरी बना ली। 2018 में भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी। जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची 20 अगस्त को जारी होगी। जम्मू कश्मीर में तीन चरणों चुनाव होगा। 18 सितंबर को पहले चरण का मतदान, 25 सितंबर को दूसरे चरण का मतदान और एक अक्तूबर को तीसरे चरण का मतदान होगा। नतीजे चार अक्तूबर को जारी होंगे।
निर्वाचन आयोग आज (शुक्रवार को) तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान करेगा। चुनाव आयोग ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा भी किया था।
हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है। यहां आखिरी बार 2019 में चुनाव हुए थे। तब भाजपा-जजपा ने साथ आकर सरकार बनाई थी। हालांकि, इसी साल मार्च में दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया था। दूसरी तरफ भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री नियुक्त किया था।
इसके अलावा महाराष्ट्र में इसी साल नवंबर में सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है। राजनीतिक रूप से सबसे पेचीदा गठबंधन वाले इस राज्य में फिलहाल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार है। यहां भाजपा गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र में भी चुनाव का एलान आज ही किया जा सकता है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 2018 में सरकार भंग होने के बाद से ही चुनाव नहीं हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में चुनाव हुए थे। तब भाजपा-पीडीपी ने गठबंधन बनाया था। हालांकि, बाद में भाजपा ने इस गठबंधन से दूरी बना ली। 2018 में भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी।
झारखंड में मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार का कार्यकाल जनवरी 2025 में खत्म हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग इस राज्य में भी विधानसभा चुनाव का एलान कर सकता है। मौजूदा समय में 81 विधायकों वाली झारखंड विधानसभा में झामुमो-कांग्रेस की गठबंधन की सरकार है। सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 48 विधायक हैं, जबकि एनडीए के पास 32 विधायक हैं।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत मिली है। देश की सर्वोच्च अदालत ने सिसोदिया को जमानत दी है। पिछले साल मार्च में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था। ईडी से पहले सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें उन्हें राहत मिली है।
दिल्ली सचिवालय जाने से रोके जाने की मांग को कोर्ट ने किया खारिज-
सुप्रीम कोर्ट ने जिस समय मनीष सिसोदिया को जमानत दी, उस समय ईडी के वकील ने यह मांग की कि पूर्व मंत्री को दिल्ली सचिवालय जाने से रोकने की शर्त को भी आधार बनाकर जमानत दिया जाए। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
उनसे कुछ बरामद भी नहीं हुआ-सिसोदिया
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 17 महीनों से जेल में बंद सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत पर बहस सुनकर छह अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सिसोदिया ने जमानत मांगते हुए दलील दी थी कि वह पिछले 17 माह से जेल में हैं। ट्रायल अभी तक शुरू नहीं हुआ है। उनसे कुछ बरामद भी नहीं हुआ है। ऐसे में, उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। सीबीआई और ईडी ने विरोध करते हुए कहा था कि ट्रायल में देरी के लिए मनीष सिसोदिया ही जिम्मेदार हैं।
कोर्ट ने रखी ये शर्तें
- सुप्रीम कोर्ट ने Manish Sisodia को जमानत देते हुए कहा कि वो समाज के सम्मानित व्यक्ति हैं, इसलिए उनके भागने की आशंका तो नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ जो सबूत अब तक थे, वो जुटाए भी जा चुके हैं, इसलिए अब कोई गड़बड़ी की संभावना नहीं है, लेकिन कुछ शर्तें लगानी ही पड़ेंगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को 2 लाख के मुचकले पर जमानत दी है।
- सिसोदिया को जमानत के लिए पासपोर्ट जमा करना होगा।
- मनीष सिसोदिया के सामने सबसे बड़ी शर्त ये है कि उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को पुलिस के सामने हाजिरी लगानी होगी।
राज्य में नगर निकायों के चुनाव अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में होंगे। सरकार ने इस टाइमलाइन के साथ तैयारियां तेज कर दी हैं। ओबीसी आरक्षण से लेकर निकायों के परिसीमन आदि की सभी तैयारियां 15 सितंबर से पहले पूरी कर ली जाएंगी।
इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेज दिया जाएगा। वहीं, सरकार ने निकाय चुनाव से पहले अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ को नगर निगम बनाने की कवायद भी तेज कर दी है। प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का कार्यकाल पिछले साल दो दिसंबर को पूरा हो गया था। छह माह यानी दो जून तक के लिए निकाय प्रशासकों के हवाले हो गए थे।
इस अवधि में चुनाव न होने के चलते सरकार ने तीन माह के लिए अवधि बढ़ा दी थी। इस बीच हाईकोर्ट के आदेश आए और सरकार ने अंतिम टाइमलाइन तय कर ली है। राज्य में अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव होंगे। इससे पहले 15 सितंबर तक ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए नियमावली आदि का काम पूरा होगा।
निकायों का परिसीमन, वोटर लिस्ट का काम भी तब तक पूरा करने की समय सीमा रखी गई है। उधर, सचिव शहरी विकास नितेश झा ने बताया, निर्धारित समय सीमा में निकाय चुनाव कराने के लिए तैयारी तेज कर दी गई हैं।
उत्तराखंड में बुधवार को हुई भारी बारिश से कई जगह जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। अलग-अलग हादसों में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग लापता हैं, उनकी तलाश जारी है। उधर, केदारघाटी में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। टिहरी में तिलवाड़ा पुल बह गया है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली के पास बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशाने से ऊपर पहुंच गया है।
देहरादून में 1 की मौत, एक लापता –
देहरादून शहर में बुधवार शाम से शुरू हुई तेज बारिश देर रात तक जारी रही। कुछ ही देर में नालापानी में सड़क पर पानी इतना तेज बहने लगा कि दो लोग बहकर लापता हो गए। जिनमें से एक का शव बरामद हो गया। वहीं, रिस्पना समेत शहर के नदी-नाले उफान पर आ गए। नदियों किनारे बसे निचले इलाकों में रात तक बाढ़ जैसे हालात बन गए। कई कॉलोनियों में पानी भर गया।
कुमाऊं : 2 बच्चे बहे, एक की मौत-
कुमाऊं में भी बारिश से जानमाल का खासा नुकसान हुआ है। बागेश्वर जिले में शुभम (14) पुत्र संतोष सरयू में बह गया। हल्द्वानी के इंदिरानगर निवासी रिजवान(8) नाले में बह गया। धारी ब्लॉक के उडियारी पल्लाधार में पहाड़ी से पत्थर गिरने से लालराम (48) की मौत हो गई। इसके अलावा तीन लोगों को बहने से बचाया गया है।
रुड़की में करंट से 2 लोगों की मौत-
रोडवेज बस स्टेशन के पास बिजली के तारों से घिरे एक खंभे के नीचे पेड़ में बारिश के कारण अचानक करंट फैल गया। पेड़ के नीचे बस का इंतजार कर रहे सरोज निवासी कांवली रोड देहरादून और प्रदीप निवासी लंढौरा करंट की चपेट में आ गए। दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर सामने आया है। कुल्लू, मंडी और शिमला में तीन जगहों पर बादल फटा है। जिसमें 50 लोग लापता हो गए हैं। दो लोगों की मौत भी हो गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। राहत बचाव कार्य बहुत तेजी से चल रही है।
बादल फटने की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सचिवालय में एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हिमाचल को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
मंडी में दो की मौत 9 लापता
मंडी जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के धम्चयाण पंचायत के राजवन गांव में आधी रात को बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कई घर पानी में तेज बहाव में बह गए हैं। 11 लोग लापता हो गए हैं। 2 शव भी बरामद हुए हैं।
उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन राहत एवं बचाव दल के साथ मौके पर पहुंच गए हैं। प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान के लिए वायुसेना की मदद मांगी है।बुधवार रात करीब 12 बजे राजवन गांव में बादलों की गड़गड़ाहट के बीच जोर का धमाका हुआ। देखते ही देखते चारों ओर पानी ही पानी हो गया।
समेज खड्ड में फटा बादल, 32 लापता
शिमला जिला के रामपुर क्षेत्र के समेज में बादल फटने से तबाही हुई है। जिसमें 6 परिवार लापता हो गए हैं। हादसे में 32 लोग लापता हो गए हैं। लापता लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है। समेज में एसेंट हाइड्रो 6 मेगावाट प्रोजेक्ट भी बह गया है।
रामपुर के खनेरी अस्पताल से चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंच गई है। समेज खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के नजदीक बादल फटा है। लापता लोगों की संख्या 32 हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत तेजी से चल रहा है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम, पुलिस, रेस्क्यू दल घटना स्थल के रवाना हो चुके हैं।
कुल्लू के मणिकर्ण वैली में फटा बादल
बागीपुल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बुद्वि सिंह ठाकुर ने बताया कि बागीपुल में टॉप पर बादल फटने से कुर्पन खड्ड में बाढ़ आ गई। इसमें सिंह गांड में कई दुकानें, होटल बह गए। यहां पर किसी के जानी नुकसान की सूचना नहीं है। जबकि बागीपुल में नौ मकान बह गए हैं। इसमें एक मकान में चार सदस्यों का परिवार भी लापता है। उनके बहने की आशंका है। ऐसे में सुबह से उनकी तलाश की जा रही है।
देर रात को आई पार्वती नदी, ब्यास नदी, का जल स्तर काफी बढ़ गया है। उधर सैंज में भी पिन पार्वती नदी का जल स्तर बढ़ने से नुकसान की आशंका बनी है। हालांकि अभी तक कोई सूचना नहीं मिल पाई है।
षिकेश में गंगा फिर उफान पर आती नजर आ रही है। पर्वतीय क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा के कारण गंगा की सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ गया। जिसके चलते ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से .20 मीटर ऊपर आ गया है।
पुलिस की टीम त्रिवेणी घाट समेत आसपास गंगा के तटीय इलाकों में मौजूद लोगों को अलर्ट कर रही है। गुरुवार की सुबह 8:00 बजे ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 339.70 मीटर दर्ज किया गया। जो कि चेतावनी रेखा (339.50) से दशमलव 20 मीटर अधिक है। हालांकि, अभी खतरे की रेखा (340.50) से नीचे है, लेकिन जल स्तर में लगातार आंशिक वृद्धि दर्ज की जा रही है।
हाइवे किनारे पेड़ गिरा
बुधवार देर शाम तेज वर्षा के दौरान खांड गांव रायवाला के निकट हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग पर किनारे की तरफ एक पेड़ गिर गया। मोतीचूर के रेंज अधिकारी महेश सेमवाल ने बताया कि पेड़ को हटवा दिया गया है। राजमार्ग पर यातायात सुचारू रूप से चालू है।
प्रदेश के आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन बच्चों की मौत के मामले का संज्ञान लेकर उत्तराखंड में कोचिंग सेंटर के लिए निर्देश जारी किए हैं। मंत्री डॉ अग्रवाल ने अपर सचिव आवास अतर सिंह और एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी से दूरभाष पर निर्देश दिए हैं।