प्रधानमंत्री ने शमी को लगाया गले-
शमी ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की तस्वीर शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि दुर्भाग्य से कल हमारा दिन नहीं था। मैं पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमारी टीम और मेरा समर्थन करने के लिए सभी भारतीयों को खूब धन्यवाद देना चाहता हूं। विशेष रूप से ड्रेसिंग रूम में आने और हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं। हम फिर वापसी करेंगे!
भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप के फाइनल में पहुंच गई है। उसने बुधवार (15 नवंबर) को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को 70 रन से हरा दिया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मिली जीत के बाद भारतीय टीम फाइनल में पहुंच गई है। 19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका से होगा। वह भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का आखिरी मैच हो सकता है।
एक लड़का जो गली मोहल्ले में क्रिकेट खेलते हुए ख्वाब सजा लेता है कि वो क्रिकेटर बनेगा उस लड़के का दिन के उजाले में देखा गया ये ख्वाब जुनून बनता जाता है। उस लड़के को लगता है कि कोई एकेडमी ज्वाइन करने पर उसके खेल में निखार आ जाएगा तो वो और कमाल का क्रिकेट खेलने लगेगा, मगर गरीबी का दंश कई बार टैलेंट को निगल जाता है। वही उस लड़के के साथ हुआ। लेकिन वो लड़का पढ़ने में काफी बुद्धिमान था। तब उसने बच्चों को ट्यूशन देना शुरू कर दिया। मगर उस शौक का क्या करता जो उसके अंदर समंदर की तरह मौजें मार रहा था। क्रिकेट का शौक उसे बच्चों की एकेडमी ले जाता है। वो बच्चों को क्रिकेट खेलना सिखाने लगता है। बच्चे सीख कर जब अच्छा परफॉर्म करते तो उसे लगता है जैसे उसके खुद के खेल में निखार आ रहा है। और वो बच्चों की कामयाबी को अपनी खुशी मान लेता। फिर एक दिन किस्मत उसे हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से असिस्टेंट फील्डिंग कोच की जॉब दिला देती है।
ये लड़का कोई और नहीं T दिलीप था। वही टी दिलीप जो फिलहाल वर्ल्ड कप 2023 में खेल रही टीम इंडिया के फील्डिंग कोच हैं। टी दिलीप ऐसे कोच बनकर उभरे हैं कि मैदान पर टीम इंडिया पूरी तरह से स्पाइडरमैन बनी नज़र आ रही है। लिहाजा ये कहानी टी दिलीप की है।
तारीख 22 अक्टूबर 2023, उस रोज धर्मशाला के मैदान पर थीं न्यूजीलैंड और भारत की टीमें। भारत 20 साल से न्यूजीलैंड को हराने की कोशिश कर रहा था, मगर कामयाबी नहीं मिल रही थी। इस बार ऐसा जादू हुआ कि मोहम्मद शमी के 5 विकेट के दम पर टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 273 के स्कोर पर रोक दिया। और फिर भारत ने 4 विकेट से न्यूजीलैंड को करारी शिकस्त दे डाली।
इस मैच में जिस तरह श्रेयस अय्यर ने हवा में उड़कर न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवोन कॉन्वे का कैच लपका उसने सुर्खियां बटोर लीं। कैच लपकते ही श्रेयस ने एक इशारा किया। ये इशारा था अपने फील्डिंग कोच टी दिलीप के लिए। जिसका मयना था कि कोच साहब ज़रा इस कैच को उस वक्त याद रखना जब आप बेस्ट फील्डर का मेडल देने का ऐलान करो। टी दिलीप जब से टीम इंडिया के फील्डिंग कोच बने हैं, तब से उन्होंने ड्रेसिंग रूम में बेस्ट फील्डिंग करने वाले इंडियन प्लेयर को मेडल देने की व्यवस्था की है। और इस मेडल को पाने के लिए सभी खिलाड़ी लालायित रहते हैं। यही वजह है कि कोई भी चूक वो मैदान पर नहीं करना चाहते,,
उस रोज मैच में कॉन्वे ने सिराज की गेंद पर लेग साइड में मारा और स्क्वायर लेग पर फिल्डिंग में लगे श्रेयस ने हवा में गोता लगाकर एकदम स्पाइडर रैन की तरह ये कैच लपक लिया।
मैच खत्म होने के बाद टीम ड्रेसिंग रूम में पहुंची। तो बेस्ट फिल्डिंग का मेडल देने के लिए सभी जमा हो गए। इस मौके पर टी दिलीप ने कहा, भारत ने इस मैच में कई कैच छोड़े, लेकिन कई खिलाड़ियों ने शानदार फील्डिंग भी की और कैच भी पकड़े। एक खिलाड़ी पानी में मछली की तरह नजर आया, उसने स्क्वेयर लेग पर शानदार कैच लपका और फील्डिंग में भी कई अहम बचाव किए। इस मैच का बेस्ट फील्डर का मेडल उसे दिया जाता है। इतना कहने के बाद टी दिलीप ने प्लेयर का नाम नहीं लिया, बल्कि उसे और इंटरेस्टिंग बनाने के लिए स्पाइडर कैम का सहारा लिया। हवा में चलते हुए स्पाइडरमैन की तरह स्पाइडर कैम आया, उस पर मेडल को जीतने वाले खिलाड़ी श्रेयस अय्यर की तस्वीर लटकी थी। ये देखकर सभी खिलाड़ी खुशी से उछल पड़े.
कितना कूल और कितना एक्साइटेड माहौल क्रिएट कर दिया टी दिलीप ने। तभी तो मैदान पर टीम की एकजुटता बता रही है कि कैसे उसके सामने कोई भी धुरंधर टिक नहीं पा रहा है। इसमें कोई शक नहीं टीम प्लेयर टैलेंटेड और मजबूत है। मगर जिस तरह टीम इंडिया परफॉर्म कर रही है, उसके पीछे टी दिलीप जैसे कई लोगों की मेहनत शामिल है। फील्डिंग कोच जिस तरह टीम के लिए अपने एफर्ट लगा रहे हैं वो बेहद ही काबिले तारीफ हैं। लेकिन टी दिलीप का यहां तक पहुंचना, उनके शौक और जज़्बे की बेमिसाल कहानी है। वो उस ख़्वाब को ताबीर दे रहे हैं, जो वो बचपन में देखा करते थे कि काश मैं भी टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेलूं। भले वो कोई फर्स्ट क्लास मैच ना खेले हों, मगर जिस तरह उन्होंने फील्डिंग के लिए खिलाड़ियों को तैयार किया है, वो यकीनन उनके खेलने जैसा ही है।
उन्होंने कैसे किया ये सब?
हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन ने जब टी दिलीप को असिस्टेंट फील्डिंग कोच बनाया तो उन्होंने शादी करने का प्लान पोस्टपोन कर दिया। उन्हें लगा अगर शादी की तो जिम्मेदारियों में क्रिकेट पर फोकस नहीं कर पाऊंगा। उनका लक्ष्य सिर्फ नेशनल क्रिकेट एकेडमी से जुड़ना था। किस्मत भी शायद उनके जुनून और मेहनत के सामने रेड कारपेट बिछा रही थी। आईपीएल टीम डेक्कन चार्जर्स में उन्हें नौकरी करने का मौका मिल गया। यहां उन्होंने क्रिकेट की बारीकियों पर रिसर्च कर डाली। और फिर जब नैशनल क्रिकेट एकेडमी में उन्हें जॉइनिंग मिल गई, तो ना जाने कितने ऑफर उनके पास आने लगे। पैसे की पेशकश की जाने लगी। मगर दिलीप ने तो सिर्फ नैशनल क्रिकेट एकेडमी का ख्वाब देखा था, जो मुकम्मल हो रहा था। साल 2017 में इंडिया ए की टीम बांग्लादेश गई, उनके साथ फील्डिंग कोच बनकर टी दिलीप भी गए। यहीं उनकी मुलाक़ात राहुल द्रविड़ से हुई। इसके बाद उन्हें टीम इंडिया का फील्डिंग कोच चुन लिया गया।
टी दिलीप जानते थे कि टीम इंडिया में सारे कीमती मोती हैं, मगर जब तक उनको एक माला में नहीं पिरोया गया, वो बिखरे रहेंगे। उसी दौरान उन्होंने बेस्ट फिल्डिंग मेडल देने का प्रस्ताव सामने रखा। और ये एक अच्छा आइडिया था। इससे मैदान पर खिलाड़ियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई। जिसके नतीजे अब हमारे सामने आने लगे हैं। दिलीप की कामयाबी के सबूत मैदान पर देखने को मिल रहे हैं। जैसे ही कोई खिलाड़ी बेस्ट फील्डिंग करता है तो इशारा करता है, वो इशारे से जताना चाहते हैं, जनाब ये मैंने मेडल वाली फील्डिंग की है।
इतना ही नहीं टी दिलीप उस मेडल को देने के लिए भी सेरेमनी को दिलचस्प बना दे रहे हैं, इससे खिलाड़ियों का उत्साह हर मैच को जीतने के बाद अगले मैच में और भी शानदार प्रदर्शन करने के लिए बढ़ रहा है। टीम इंडिया अपनी परफॉर्मेंस के लिए बधाई की पात्र है, तो टीम इंडिया की कामयाबी के लिए जुटे टी दिलीप जैसे लोग भी बधाई के पात्र हैं। भले ही टी दिलीप के पास कोई मेडल या रेकॉर्ड ना हो। भले कोई बड़ा मैच ना खेला हो। मगर आज उनका जुनून मैदान पर क्रिकेट खेलकर उनका ख्वाब पूरा कर रहा है।
आज भारत विश्व कप 2023 जीतने से बस एक कदम दूर है, अगर भारत इस बार विश्व कप जीतता है तो एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा,जैसा टीम इंडिया इस समय खेल रही है, उसे देख ये कोई मुश्किल काम नहीं लग रहा,अगर भारत विश्व कप जीतने में कामयाब हो गया तो कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा के अलावा टी दिलीप का सबसे बड़ा योगदान होगा,क्योकि पर्दे के पीछे टीम इंडिया को निखारने मे सबसे बड़ा काम उन्होंने ही किया है, जिस तरह टीम इंडिया इस समय खेल रही है उसमें टी दिलीप की बड़ी भूमिका है देश को भी भारत की टीम से इस बार कप की आशा है.