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Uniform Civil Code: अब घर बैठे करा सकेंगे Live In Relationship रजिस्ट्रेशन, पढ़ें पूरा प्रोसेस.

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 उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद देश में समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। कानून बनने के 10 माह 22 दिन की मशक्कत के बाद नियमावली को कैबिनेट में प्रस्तुत किया गया, जहां इसे स्वीकृति दी गई। राज्य में संहिता के 26 जनवरी को लागू होने की संभावना है।

 

प्रदेश सरकार ने सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता कानून बनाया। आठ मार्च 2024 को सदन से इसे पारित किया गया। 12 मार्च को इसे राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त हुई। 14 मार्च को सरकार ने इसकी नियमावली बनाने के लिए समिति का गठन किया।

न्याय और विधायी विभाग से कई दौर के मंथन के बाद अब यह नियमावली अंतिम रूप ले चुकी है। 92 पन्नों की इस नियमावली में प्रदेश के सभी नागरिकों के विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के अधिकार, लिव इन रिलेशनशिप व लिव इन रिलेशनशिप की समाप्ति का पंजीकरण करने की व्यवस्था बताई गई है। आवेदक ucc.uk.gov.in पर पंजीकरण कर सकेंगे।

लिव इन पर सहमति से समाप्त हो सकेगा पंजीकरण-

लिव इन में साथ रहने वाले जोड़े आपसी सहमति से पंजीकरण निरस्त कर सकते हैं। यद्यपि इसमें एक साथी द्वारा समाप्ति के आवेदन पर दूसरे साथी की पुष्टि करना अनिवार्य किया गया है।

तीन स्तर पर बनेगी पंजीकरण की व्यवस्था-

नियमावली में पंजीकरण के लिए तीन स्तर पर रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार की व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी उप रजिस्ट्रार और एसडीएम स्तर के अधिकारी रजिस्ट्रार होंगे। नगर पालिका व पंचायतों में अधिशासी अधिकारी रजिस्ट्रार तो एसडीएम स्तर के अधिकारी रजिस्ट्रार होंगे। वहीं नगर निगमों में कर अधीक्षक सब रजिस्ट्रार और नगर आयुक्त रजिस्ट्रार की भूमिका में रहेंगे। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि आमजन स्थानीय स्तर पर ही पंजीकरण करा सकें।

 

अपील सुनने के लिए बनाए जाएंगे रजिस्ट्रार जनरल-

इन सभी पंजीकरण संबंधी विषयों पर किसी भी प्रकार की शिकायत सुनने के लिए रजिस्ट्रार जनरल भी नियुक्त किए जाएंगे। इनके पास आमजन अपने विषयों की अपील कर सकेंगे। ये एक तय समय के भीतर अपील का निस्तारण करेंगे।

 

जल्द ही पंजीकरण शुल्क होगा तय-

समान नागरिक संहिता में उल्लिखित विभिन्न कार्यों के पंजीकरण के लिए सरकार शुल्क भी तय कर रही है। इसकी दरों का निर्धारण किया जा रहा है। संहिता के लागू होने पर शुल्क की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। सूत्रों की मानें तो यह शुल्क 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक होगा।

 

घर बैठे भी करा सकेंगे पंजीकरण-

नागरिक घर बैठे अपने मोबाइल अथवा कंप्यूटर से भी इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें ucc.uk.gov.in पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए वह आधार नंबर के आधार पर पंजीकरण करा सकते हैं।

 

सीएचसी से कराने पर 50 रुपये शुल्क-

सरकार ने कामन सर्विस सेंटर (सीएचसी) के माध्यम से भी आमजन को यह सुविधा देने का निर्णय लिया है। सीएचसी के माध्यम से पंजीकरण कराने के आवेदक को 50 रुपये शुल्क देना होगा। पंजीकरण शुल्क अलग रहेगा। पर्वतीय व दूर दराज के क्षेत्रों में सीएचसी के एजेंट घर-घर जाकर नागरिकों को यह सुविधा उपलब्ध कराएंगे।

 

पोर्टल के माध्यम से भी दर्ज कर सकेंगे शिकायत-

नियमावली में पोर्टल के माध्यम से शिकायतों का पंजीकरण करने की भी व्यवस्था की गई है। आमजन अपने पंजीकरण के आवेदन व शिकायतों को को ई-मेल व एसएमएस के माध्यम से भी ट्रेक कर सकते हैं।

 

आज होगी वेब पोर्टल की जांच को माक ड्रिल-

समान नागरिक संहिता के लिए बनाए गए वेब पोर्टल की जांच के लिए मंगलवार को प्रदेश स्तर पर माकड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इसमें रजिस्ट्रार व सब रजिस्ट्रार पोर्टल के माध्यम से अपने कार्यों की जांच करेंगे। सीएचसी के माध्यम से पंजीकरण के लिए आवेदन किए जाएंगे, जिन्हें सब रजिस्टार व रजिस्ट्रार स्तर से अनुमोदन दिया जाएगा। यह देखा जाएगा कि कहीं इसमें कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है।

 

उत्तराधिकार पर चाहिए होंगे नाम, पता और गवाह-

उत्तराधिकार के विषय पर पंजीकरण के लिए व्यवस्था सब रजिस्ट्रार कार्यालय के जरिये ही होगी। समान नागरिक संहिता का पोर्टल इसके पंजीकरण का जरिया होगा। इसमें सभी के नाम व पते के साथ ही गवाह का होना भी जरूरी होगा। पोर्टल में वसीयत को अपलोड कर आनलाइन पंजीकरण, संशोधन व रद करने की सुविधा भी दी गई है।

 

पंजीकरण के आंकड़े होंगे सार्वजनिक-

समान नागरिक संहिता के तहत होने वाले सभी प्रकार के पंजीकरण के आंकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे। इसमें कोई निजी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। इसके लिए पहले संबंधित व्यक्ति की अनुमति जरूरी होगी।

 

तलाक के लिए कोर्ट का आदेश जरूरी-

तलाक के मामलों का पंजीकरण भी अनिवार्य किया गया है। यद्यपि व्यवस्था यह की गई है कि बिना कोर्ट के आदेश के तलाक का पंजीकरण नहीं किया जाएगा।

 

पोर्टल को बनाया गया है सुरक्षित-

प्रदेश में हुए साइबर हमले के बाद समान नागरिक संहिता के लिए बनाए गए पोर्टल को भी सुरक्षित बनाया गया है। यह पोर्टल क्लाउड बेस्ड है और इसमें डिजास्टर रिकवरी की भी व्यवस्था की गई है।

National Games: राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के साथ उत्तराखंड को कई सौगातें भी देंगे पीएम मोदी, तैयारियां हुई तेज.

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38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ पर 28 जनवरी को उत्तराखंड आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई नई योजनाओं की भी सौगात देंगे। पीएम राज्य के पहले खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का शिलान्यास करेंगे।

 

प्रदेश सरकार और खेल विभाग राष्ट्रीय खेलों व पीएम आगमन की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हालांकि अभी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से मिनट टू मिनट जारी नहीं हुआ, लेकिन इस दिन प्रधानमंत्री करीब चार से पांच घंटे देहरादून में रहेंगे। पीएम लोहाघाट, चंपावत में बनने जा रहे पहले महिला स्पोर्ट्स कॉलेज एवं गोलापार हल्द्वानी नैनीताल में बनने वाले पहले खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेंगे।

 

इसके अलावा पीएम केंद्र के सहयोग से चल रहे कुछ बड़े प्रोजेक्ट ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, केदारनाथ-बदरीनाथ निर्माण कार्य और देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस वे आदि कार्यों की भी अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे।
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में अधूरे काम को तेजी से पूरा किया जा रहा है। 10 से 12 बैठकें हो चुकी हैं। वहीं, अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
– अमित सिन्हा, विशेष प्रमुख सचिव खेल
पीएम के आगमन को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री के हाथों से खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का शिलान्यास भी कराया जाए।
– रेखा आर्या, खेल मंत्री

Uttarakhand: कैबिनेट ने यूसीसी की नियमावली को दी मंजूरी, सीएम धामी ने कहा-प्रदेश में जल्द किया जाएगा UCC लागू.

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उत्तराखंड कैबिनेट ने आज समान नागरिक संहिता( यूसीसी) की नियमावली को मंजूरी दे दी है। अब इसे जल्द ही प्रदेश में लागू किया जा सकेगा।

सीएम धामी की अध्यक्षता में आज प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें यूसीसी का प्रस्ताव लाया गया। इस दौरान कैबिनेट ने नियमावली के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। सीएम धामी ने कहा कि 2022 में हमारी सरकार ने यूसीसी बिल लाकर जनता से किया वादा पूरा किया था। तब से हम इसकी सारी प्रक्रियाएं पूरी कर इसे जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।यह उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है कि हमारा प्रदेश सबसे पहले यूसीसी लागू करेगा। सब तैयारियां पूरी हो गई हैं। जल्द हम इसे लागू करेंगे।

21 जनवरी को वेबपोर्टल पर पूरे प्रदेश में होगी मॉक ड्रिल-

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का वेबपोर्टल 21 जनवरी को पहली बार प्रदेशभर में एक साथ उपयोग में आएगा। फिलहाल यह कवायद सरकार के अभ्यास (मॉक ड्रिल) का हिस्सा होगी। इसके बाद यूसीसी को लागू किया जा सकता है। मॉक ड्रिल में यूसीसी का प्रशिक्षण ले रहे रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में यूसीसी पोर्टल पर लॉगइन करेंगे। उसके जरिये विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशन, वसीयत आदि सेवाओं के पंजीकरण का अभ्यास करेंगे। सुनिश्चित करेंगे कि यूसीसी लागू होने के बाद आम लोगों को उससे संबंधित सेवाएं मिलने में कोई तकनीकी बाधा तो नहीं आएगी। मॉक ड्रिल से सरकार, विशेष समिति और प्रशिक्षण टीम अपनी-अपनी तैयारियों को परख सकेंगी।

घोषणा से कानून बनने तक का सफर-

  • 12 फरवरी 2022 को विस चुनाव के दौरान सीएम धामी ने यूसीसी की घोषणा की।
  • मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी लाए जाने पर फैसला।
  • मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनी।
  • समिति ने 20 लाख सुझाव ऑफलाइन और ऑनलाइन प्राप्त किए।
  • 2.50 लाख लोगों से समिति ने सीधा संवाद किया।
  • 02 फरवरी 2024 को विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
  • 06 फरवरी को विधानसभा में यूसीसी विधेयक पेश हुआ।
  • 07 फरवरी को विधेयक विधानसभा से पारित हुआ।
  • राजभवन ने विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा।
  • 11 मार्च को राष्ट्रपति ने यूसीसी विधेयक को अपनी मंजूरी दी।
  • यूसीसी कानून के नियम बनाने के लिए एक समिति का गठन।
  • नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में आज 18 अक्तूबर 2024 को राज्य सरकार को नियमावली साैंपी।
  • 20 जनवरी 2025 को नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली।

यूसीसी लागू होगा तो यह होंगे बदलाव-

  • सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक ही कानून।
  • 26 मार्च 2010 के बाद से हर दंपती के लिए तलाक व शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
  • ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, महानगर पालिका स्तर पर पंजीकरण की सुविधा।
  • पंजीकरण न कराने पर अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना।
  • पंजीकरण नहीं कराने वाले सरकारी सुविधाओं के लाभ से भी वंचित रहेंगे।
  • विवाह के लिए लड़के की न्यूनतम आयु 21 और लड़की की 18 वर्ष होगी।
  • महिलाएं भी पुरुषों के समान कारणों और अधिकारों को तलाक का आधार बना सकती हैं।
  • हलाला और इद्दत जैसी प्रथा खत्म होगी। महिला का दोबारा विवाह करने की किसी भी तरह की शर्तों पर रोक होगी।
  • कोई बिना सहमति के धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का अधिकार होगा।
  • एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
  • पति-पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय पांच वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी उसकी माता के पास रहेगी।
  • संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार होंगे।
  • जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा।
  • नाजायज बच्चों को भी उस दंपती की जैविक संतान माना जाएगा।
  • गोद लिए, सरगोसी से असिस्टेड री प्रोडेक्टिव टेक्नोलॉजी से जन्मे बच्चे जैविक संतान होंगे।
  • किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार संरक्षित रहेंगे।
  • कोई व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को वसीयत से अपनी संपत्ति दे सकता है।
  • लिव इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  • युगल पंजीकरण रसीद से ही किराया पर घर, हॉस्टल या पीजी ले सकेंगे।
  • लिव इन में पैदा होने वाले बच्चों को जायज संतान माना जाएगा और जैविक संतान के सभी अधिकार मिलेंगे।
  • लिव इन में रहने वालों के लिए संबंध विच्छेद का भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
  • अनिवार्य पंजीकरण न कराने पर छह माह के कारावास या 25 हजार जुर्माना या दोनों का प्रावधान होंगे।

Uttarakhand: अब IMA के बारे में पढ़ेंगे सरकारी स्कूलों के छात्र, पाठ्यचर्या रूपरेखा के ड्राफ्ट में की गई सिफारिश.

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प्रदेश के सरकारी स्कूलों के छात्र देश की सबसे पुरानी सैन्य अकादमियों में से एक भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के बारे में पढ़ेंगे। राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा के ड्राफ्ट में इसकी सिफारिश की गई है।एससीईआरटी की ओर से तैयार ड्राफ्ट में कहा गया कि छात्र-छात्राओं में देश की सैन्य परंपरा के प्रति सम्मान विकसित करने के लिए देश के प्रतिष्ठित सैन्य संस्थान भारतीय सैन्य संस्थान देहरादून की जानकारी विषय वस्तु के रूप में शामिल की जानी चाहिए।

एससीईआरटी की ओर से तैयार ड्राफ्ट में यह भी कहा गया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान के साथ-साथ उत्तराखंड के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के प्रकाशित शोध एवं सर्वेक्षण एवं उनकी प्रेरणा का लाभ भी छात्र-छात्राओं को दिया जाना चाहिए।

प्रदेश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक शोध संस्थानों जैसे खगोल विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित आर्य भट्ट प्रेक्षण शोध संस्थान नैनीताल, भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून, भारतीय पेट्रोलियम शोध संस्थान देहरादून, जड़ी-बूटी शोध संस्थान मंडल गोपेश्वर, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान मुक्तेश्वर नैनीताल, आईआईटी रुड़की सहित कई संस्थानों हैं, जो भ्रमण कार्यक्रम के लिए अहम स्थान हैं।

राज्य में 17 स्थानीय लोक भाषाएं हैं बोलचाल में
एससीईआरटी की ओर से तैयार किए गए एससीएफ में कहा गया कि राज्य में लगभग 17 स्थानीय लोक भाषाएं आम बोलचाल में प्रयोग की जाती है, जिनमें अपार स्थानीय पारंपरिक ज्ञान के संदेश और उदाहरण हैं। जिनकी शब्द संपदा बहुत ही समृद्ध है। ध्वनि, अनुभूति, स्वाद व स्पर्श आदि के लिए उनके भाव के अनुसार अलग-अलग शब्द हैं, जो किसी अन्य भाषा में देखने को नहीं मिलते।

Uttarakhand: भू-तापीय ऊर्जा से बिजली बनाने का आइसलैंड के साथ MOU, सीएम धामी और आइसलैंड के राजदूत की उपस्थिति में हुआ समझौता ज्ञापन.

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उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी VERKIS के मध्य संपादित हुआ भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और इसके विकास से संबंधित MoU

मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत बेनेडिक्ट हॉस्कुल्सन की उपस्थिति में हुआ समझौता ज्ञापन

 

उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी वर्किस कंसलटिंग इंजिनियर्स के मध्य सचिवालय में मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन की गरिमामय उपस्थिति में उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास के संबंध में समझौता संपन्न हुआ।

 

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की उपस्थिति में एमओयू पर उत्तराखंड सरकार की ओर से सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम और आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन ने हस्ताक्षर किए। वर्चुअल माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस समझौता ज्ञापन को उत्तराखंड के साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के क्षेत्र में एक माइलस्टोन बताया। उन्होंने कहा कि भू-तापीय ऊर्जा के इस एमओयू के माध्यम से न केवल स्वच्छ और नवीनीकरण ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त होगा बल्कि पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित रहते हुए समावेशी विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आइसलैंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है और इनके तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा. कहा कि भारत सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इसकी अनापत्ति भी प्राप्त हो चुकी है। कहा कि राज्य में भूतापीय ऊर्जा के व्यवहारिकता के अध्ययन का व्यय भार का वहन आइसलैंड सरकार द्वारा किया जाएगा।

मालूम हो कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण एवं वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून के आकलन के अनुसार उत्तराखंड राज्य में लगभग 40 भू-तापीय स्थल चिह्नित किए गए हैं, जिनमें भू-तापीय ऊर्जा का दोहन किया जा सकता है। इस समझौते के दौरान दिलीप जावलकर, दीपेंद्र चौधरी, रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, वर्किस कंपनी से हैंकर हैरोल्डसन, रंजीत कुंना व आइसलैंड एंबेसी से राहुल चांगथम उपस्थित रहे।

अध्ययन का व्यय भार आइसलैंड सरकार उठाएगी-

मुख्यमंत्री ने कहा कि आइसलैंड भू-तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है। इसके तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड भू-तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इसकी अनापत्ति भी प्राप्त हो चुकी है। कहा कि राज्य में भू-तापीय ऊर्जा के व्यवहारिकता के अध्ययन का व्यय भार का वहन आइसलैंड सरकार की ओर से किया जाएगा।

 

MoU में क्या-क्या है खास-

उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास में जुड़ेगा नया आयाम.

आइसलैंड की कंपनी वर्किस की विशेषज्ञता का लाभ.

उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास में माइलस्टोन होगा साबित.

उत्तराखंड में भू तापीय ऊर्जा के दोहन योग्य 40 भूतापीय स्थल चिन्हित.

भारत के 2070 के कार्बन न्यूट्रल बनने के संकल्प में होगा सहायक.

 

इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर व दीपेंद्र चौधरी, विशेष सचिव /रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक यू.जे.वी.एन. लिमिटेड संदीप सिंहल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी सहित वर्किस कंपनी से हैंकर हैरोल्डसन, रंजीत कुंना व आइसलैंड एंबेसी से राहुल चांगथम उपस्थित थे।

Uttarakahnd: दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी ने CM धामी को दी बड़ी जिम्मेदारी.. निभाएंगे ये बड़ी भूमिका, पढ़ें पूरी खबर.

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का स्टार प्रचारक नियुक्त किया गया है। धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून बनाने और लव जिहाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इन निर्णयों से उनका कद बढ़ा है और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लोकसभा चुनाव और फिर विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के लिए तय किए गए स्टार प्रचारकों की सूची में मुख्यमंत्री धामी को प्रमुखता से शामिल किया था।

उत्तराखंड में लागू हुआ यूसीसी-

भाजपा ने मुख्यमंत्री धामी को स्टार प्रचारक बनाया है तो इसके पीछे उनकी सरकार के महत्वपूर्ण निर्णय को माना जाता है। उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता विधेयक विधानसभा से पारित कराया और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उसे यह अधिनियम मिल गया है, जो इसी माह क्रियान्वित किया जाएगा।

 

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Uttarakhand: निजी बसों की सवारियों को भी मिले दुर्घटना बीमा/आर्थिक सुरक्षा, CM ने कहा- 10 दिन के भीतर प्रस्ताव प्रस्तुत करें.

 

इस पहल के लिए मुख्यमंत्री धामी देशभर में चर्चा के केंद्र में रहे हैं। इसके साथ ही भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने को सख्त कानून, लव जिहाद के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई, दंगारोधी कानून को लेकर भी उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर सराहना बटोरी।
इन निर्णयों से मुख्यमंत्री धामी का कद बढ़ा है। उनकी सरकार के बड़े निणयों को देश में व्यापक फलक पर देखा जा रहा है। माना जा रहा कि इस सबके दृष्टिगत ही पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में स्थान दिया है।

 

सीएम योगी, फडणवीस और एमपी सीएम के नाम भी प्रचारक की लिस्ट में-

धामी को इस सूची में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, शिवराज सिंह चौहान, मनोहरलाल खट्टर, धर्मेंद्र प्रधान, सरदार हरदीप पुरी, गिरिराज सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ स्थान मिला है। इस सूची में कुल 40 स्टार प्रचारक हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Uttarakhand: शीतकाल में श्रद्धालुओं के लिए खुले आदिबदरी मंदिर के कपाट,दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु.

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मकर सक्रांति के पावन पर्व पर आज चमोली में स्थित आदिबदरी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल गए हैं. बता दें यह प्राचीन मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है.

मकर संक्रांति पर आज भगवान आदिबदरी मंदिर के कपाट ब्रह्ममुहूर्त में सुबह चार बजे खोल दिए गए हैं. पौराणिक परंपराओं के अनुसार यह मंदिर सालभर में सिर्फ पौष माह में बंद रहता है. एक माह बंद रहने के बाद आज मकर संक्रांति के पावन पर्व पर आदिबदरी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. इसके साथ ही मंदिर में शीतकालीन दर्शन शुरू हो गए हैं। इस अवसर पर आदिबदरी मंदिर परिसर के साथ ही नगर के सभी मंदिरों और बाजार को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया है।

मंदिर के मुख्य पुजारी चक्रधर थपलियाल ने बताया कि कपाट ब्रह्ममुहूर्त में सुबह चार बजे खोले गए। जबकि श्रद्धालुओं को सुबह छह बजे से दर्शन शुरू किए। साथ ही मंदिर में वेद ऋचाओं के स्वरों के साथ कड़कड़ाती ठंड में भी माहौल भक्तिमय हो गया।

भगवान विष्णु को समर्पित है आदिबदरी मंदिर-

आदिबदरी मंदिर में कपाट खुलने के बाद शीतकालीन दर्शन शुरू हो गए हैं. सुबह छह बजे के बाद से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी हो गया है. बता दें मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया है. आदिबदरी का यह प्राचीन मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है.

बता दें कि कपाट उदघाटन की शुभ बेला पर और भगवान आदिबदरी के माघ मास के पहले श्रृंगार के दर्शन करने के लिए भारी संख्या में लोग आदिबदरी मंदिर पहुचंते है।

Uttarakhand: राष्ट्रीय खेलों को लेकर मुख्यमंत्री धामी की पहल, पढ़ें पूरी खबर।

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राष्ट्रीय खेलों को लेकर मुख्यमंत्री की पहल।

सोशल मीडिया अकाउंट्स की DP पर राष्ट्रीय खेलों का लोगो लगाए जाने का मुख्यमंत्री ने किया आग्रह।

राज्य की जनता सामूहिक तौर पर सभी खिलाड़ियों का करेगी स्वागत।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेलों को लेकर चल रही तैयारी के बीच राज्य में प्रदेशवासियों से सामूहिक रूप से देवभूमि आ रहे खिलाड़ियों के स्वागत में विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट्स की DP पर राष्ट्रीय खेलों का लोगो लगाए जाने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने का जो गौरव प्राप्त हुआ है, वो ऐतिहासिक है। आगामी राष्ट्रीय खलों में देशभर के विभिन्न राज्यों से लगभग 10,000 खिलाड़ी देवभूमि आ रहे हैं। उन्होंने जनता से निवेदन करते हुए कहा कि हमारी ‘अतिथि देवो भवः’ की संस्कृति का पालन करते हुए, सभी खिलाड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत करना है। और उनके उत्साहवर्धन हेतु अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की DP पर राष्ट्रीय खेलों का लोगो लगाना है।

ये भी पढ़ें..Uttarakhand: प्रदेश को 2025 तक ड्रग्स मुक्त करने का संकल्प, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया ये मास्टर प्लान.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता सामूहिक तौर पर सभी खिलाड़ियों का स्वागत करेगी। सभी ने मिलकर आगामी राष्ट्रीय खेलों को विशेष और ऐतिहासिक बनाना है। हमारा यह कर्तव्य है कि देवभूमि आ रहे खिलाड़ी, हमारे राज्य से बेहतर यादें और अनुभव लेकर जाएं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कथन 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बनाए जाने के संकल्प में राष्ट्रीय खेल भी सहायक सद्ध होंगे।

Uttarakhand: प्रदेश को 2025 तक ड्रग्स मुक्त करने का संकल्प, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया ये मास्टर प्लान.

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Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को वर्ष 2025 में ही ड्रग्स फ्री किया जाएगा। इस संकल्प को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य में संस्थागत, प्रवर्तन व जागरूकता तीनों स्तर पर कार्य हो रहे हैं। मादक पदार्थों की तस्करी और इनके अवैध व्यापार में लगे हुए अपराधियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स के माध्यम से प्रवर्तन की कार्रवाई की जा रही है।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में वर्चुअल प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में मादक पदार्थों की रोकथाम के संबंध में की गई प्रवर्तन की कार्रवाई, विशेष अभियान व लक्ष्यों की जानकारी दी।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत और नशामुक्त भारत बनाने में सहयोग करने के लिए राज्य में अनेक स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों विषय आपस में जुड़े हुए हैं। युवाओं का नशे की ओर जाना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि सामाजिक विघटन का कारण भी बन सकता है। इसी को देखते हुए राज्य में नशे के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है।

 

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नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं-

एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। नशे की जद में आए हुए व्यक्तियों को मुख्यधारा में लाने के लिए जिलों में पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं। नशे के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान के अंतर्गत महिला मंगल दलों और युवा मंगल दलों को साथ लेते हुए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्रों तक जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं। कारागार और विद्यालयों में काउंसलरों की नियुक्ति की गई है। टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।

गत वर्ष 2183 जागरूकता रैली, 1050 गोष्ठियां, 75 नुक्कड नाटक और 10 मैराथन का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राओं और आमजन को प्रत्यक्ष रूप से जागरूक किया गया। सरकार विभागों और विभिन्न संस्थाओं में भी नशामुक्ति के लिए अभियान चला रही है।

National Games: CM धामी की प्रदेशवासियों से अपील, खिलाड़ियों के स्वागत के लिए हर घर में जलाएं दीप.

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साल 2025 उत्तराखंड के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के लिए बेहद खास है। खास इसलिए, क्योंकि 28 जनवरी से यहां 38वें राष्ट्रीय खेलों का आगाज होना है। एक ओर खिलाड़ी अधिक से अधिक पदक जीतने के लिए अभ्यास कर रहे हैं। वहीं, इस आयोजन को पूरी तरह से अच्छा और ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है।

राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर उजाला से विशेष बातचीत की। सीएम धामी ने प्रदेश वासियों से अपील करते हुए कहा, राष्ट्रीय खेलों के लिए देशभर से करीब 10 हजार से अधिक खिलाड़ी उत्तराखंड आएंगे। ऐसे में उनके स्वागत के लिए हर घर में दीप जलाये जाएं और अपने घर को लड़ियों से रोशन करें।

इतना ही नहीं प्रदेश की महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा पहनकर पारंपरिक रूप से स्वागत करें। जिस तरह जी-20 सम्मेलन के दौरान विदेशी मेहमानों का प्रदेश की महिलाओं ने किया था। कहा, राष्ट्रीय खेलों को ऐतिहासिक बनाने के लिए हर दिन इसकी समीक्षा की जा रही है। कहा, प्रदेश के हर व्यक्ति, माता-बहन, बड़े-बुजुर्ग और बच्चे सभी इन राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित हों और किसी न किसी रूप में उनका स्वागत करें।

 

हर एक खिलाड़ी उत्तराखंड से लेकर जाए अच्छा अनुभव-

 

सीएम ने कहा, राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड आने वाला देश का हर एक खिलाड़ी यहां से अच्छा अनुभव लेकर जाए, इसके लिए हमने पूरी तैयारियां कर ली हैं। सरकार के साथ खेल व सभी विभागों के अधिकारी, सभी जिलों के जिलाधिकारी और खेल संघों के पदाधिकारी के साथ जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।

 

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पूरा साल हमारे लिए है महत्वपूर्ण-

साल 2025 हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह साल हमारे राज्य का रजत जयंती वर्ष है, तो इसकी महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। रजोत्सव शुरू हो गया है और यह वर्ष हमारे लिए कई उपलब्धियां लेकर आएगा। कहा, उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासी सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जो 17 देशों से आए हुए उत्तराखंडी अपनी मातृभूमि से जुड़ रहे हैं और वह निश्चित रूप से राज्य के आर्थिक विकास के लिए अपना योगदान देंगे। इसके अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने जा रहे हैं, जो हमारे पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा।