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Uttarakhand: भू-तापीय ऊर्जा से बिजली बनाने का आइसलैंड के साथ MOU, सीएम धामी और आइसलैंड के राजदूत की उपस्थिति में हुआ समझौता ज्ञापन.

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उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी VERKIS के मध्य संपादित हुआ भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और इसके विकास से संबंधित MoU

मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत बेनेडिक्ट हॉस्कुल्सन की उपस्थिति में हुआ समझौता ज्ञापन

 

उत्तराखंड सरकार और आइसलैंड की कंपनी वर्किस कंसलटिंग इंजिनियर्स के मध्य सचिवालय में मुख्यमंत्री धामी और आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन की गरिमामय उपस्थिति में उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास के संबंध में समझौता संपन्न हुआ।

 

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की उपस्थिति में एमओयू पर उत्तराखंड सरकार की ओर से सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम और आइसलैंड के राजदूत डॉ. बेनेडिक्ट हॉस्कुलसन ने हस्ताक्षर किए। वर्चुअल माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस समझौता ज्ञापन को उत्तराखंड के साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के क्षेत्र में एक माइलस्टोन बताया। उन्होंने कहा कि भू-तापीय ऊर्जा के इस एमओयू के माध्यम से न केवल स्वच्छ और नवीनीकरण ऊर्जा का लक्ष्य प्राप्त होगा बल्कि पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित रहते हुए समावेशी विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आइसलैंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है और इनके तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड भूतापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा. कहा कि भारत सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इसकी अनापत्ति भी प्राप्त हो चुकी है। कहा कि राज्य में भूतापीय ऊर्जा के व्यवहारिकता के अध्ययन का व्यय भार का वहन आइसलैंड सरकार द्वारा किया जाएगा।

मालूम हो कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण एवं वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून के आकलन के अनुसार उत्तराखंड राज्य में लगभग 40 भू-तापीय स्थल चिह्नित किए गए हैं, जिनमें भू-तापीय ऊर्जा का दोहन किया जा सकता है। इस समझौते के दौरान दिलीप जावलकर, दीपेंद्र चौधरी, रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, वर्किस कंपनी से हैंकर हैरोल्डसन, रंजीत कुंना व आइसलैंड एंबेसी से राहुल चांगथम उपस्थित रहे।

अध्ययन का व्यय भार आइसलैंड सरकार उठाएगी-

मुख्यमंत्री ने कहा कि आइसलैंड भू-तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी देश है। इसके तकनीकी सहयोग और अनुभव से उत्तराखंड भू-तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से इसकी अनापत्ति भी प्राप्त हो चुकी है। कहा कि राज्य में भू-तापीय ऊर्जा के व्यवहारिकता के अध्ययन का व्यय भार का वहन आइसलैंड सरकार की ओर से किया जाएगा।

 

MoU में क्या-क्या है खास-

उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के अन्वेषण और विकास में जुड़ेगा नया आयाम.

आइसलैंड की कंपनी वर्किस की विशेषज्ञता का लाभ.

उत्तराखंड के साथ-साथ देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास में माइलस्टोन होगा साबित.

उत्तराखंड में भू तापीय ऊर्जा के दोहन योग्य 40 भूतापीय स्थल चिन्हित.

भारत के 2070 के कार्बन न्यूट्रल बनने के संकल्प में होगा सहायक.

 

इस दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर व दीपेंद्र चौधरी, विशेष सचिव /रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा, अपर सचिव रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक यू.जे.वी.एन. लिमिटेड संदीप सिंहल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी सहित वर्किस कंपनी से हैंकर हैरोल्डसन, रंजीत कुंना व आइसलैंड एंबेसी से राहुल चांगथम उपस्थित थे।

Uttarakhand: राष्ट्रीय खेलों को लेकर मुख्यमंत्री धामी की पहल, पढ़ें पूरी खबर।

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राष्ट्रीय खेलों को लेकर मुख्यमंत्री की पहल।

सोशल मीडिया अकाउंट्स की DP पर राष्ट्रीय खेलों का लोगो लगाए जाने का मुख्यमंत्री ने किया आग्रह।

राज्य की जनता सामूहिक तौर पर सभी खिलाड़ियों का करेगी स्वागत।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय खेलों को लेकर चल रही तैयारी के बीच राज्य में प्रदेशवासियों से सामूहिक रूप से देवभूमि आ रहे खिलाड़ियों के स्वागत में विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट्स की DP पर राष्ट्रीय खेलों का लोगो लगाए जाने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने का जो गौरव प्राप्त हुआ है, वो ऐतिहासिक है। आगामी राष्ट्रीय खलों में देशभर के विभिन्न राज्यों से लगभग 10,000 खिलाड़ी देवभूमि आ रहे हैं। उन्होंने जनता से निवेदन करते हुए कहा कि हमारी ‘अतिथि देवो भवः’ की संस्कृति का पालन करते हुए, सभी खिलाड़ियों का गर्मजोशी से स्वागत करना है। और उनके उत्साहवर्धन हेतु अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की DP पर राष्ट्रीय खेलों का लोगो लगाना है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता सामूहिक तौर पर सभी खिलाड़ियों का स्वागत करेगी। सभी ने मिलकर आगामी राष्ट्रीय खेलों को विशेष और ऐतिहासिक बनाना है। हमारा यह कर्तव्य है कि देवभूमि आ रहे खिलाड़ी, हमारे राज्य से बेहतर यादें और अनुभव लेकर जाएं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कथन 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बनाए जाने के संकल्प में राष्ट्रीय खेल भी सहायक सद्ध होंगे।

National Games: CM धामी की प्रदेशवासियों से अपील, खिलाड़ियों के स्वागत के लिए हर घर में जलाएं दीप.

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साल 2025 उत्तराखंड के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के लिए बेहद खास है। खास इसलिए, क्योंकि 28 जनवरी से यहां 38वें राष्ट्रीय खेलों का आगाज होना है। एक ओर खिलाड़ी अधिक से अधिक पदक जीतने के लिए अभ्यास कर रहे हैं। वहीं, इस आयोजन को पूरी तरह से अच्छा और ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है।

राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर उजाला से विशेष बातचीत की। सीएम धामी ने प्रदेश वासियों से अपील करते हुए कहा, राष्ट्रीय खेलों के लिए देशभर से करीब 10 हजार से अधिक खिलाड़ी उत्तराखंड आएंगे। ऐसे में उनके स्वागत के लिए हर घर में दीप जलाये जाएं और अपने घर को लड़ियों से रोशन करें।

इतना ही नहीं प्रदेश की महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा पहनकर पारंपरिक रूप से स्वागत करें। जिस तरह जी-20 सम्मेलन के दौरान विदेशी मेहमानों का प्रदेश की महिलाओं ने किया था। कहा, राष्ट्रीय खेलों को ऐतिहासिक बनाने के लिए हर दिन इसकी समीक्षा की जा रही है। कहा, प्रदेश के हर व्यक्ति, माता-बहन, बड़े-बुजुर्ग और बच्चे सभी इन राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित हों और किसी न किसी रूप में उनका स्वागत करें।

 

हर एक खिलाड़ी उत्तराखंड से लेकर जाए अच्छा अनुभव-

 

सीएम ने कहा, राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड आने वाला देश का हर एक खिलाड़ी यहां से अच्छा अनुभव लेकर जाए, इसके लिए हमने पूरी तैयारियां कर ली हैं। सरकार के साथ खेल व सभी विभागों के अधिकारी, सभी जिलों के जिलाधिकारी और खेल संघों के पदाधिकारी के साथ जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।

 

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पूरा साल हमारे लिए है महत्वपूर्ण-

साल 2025 हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह साल हमारे राज्य का रजत जयंती वर्ष है, तो इसकी महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। रजोत्सव शुरू हो गया है और यह वर्ष हमारे लिए कई उपलब्धियां लेकर आएगा। कहा, उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासी सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जो 17 देशों से आए हुए उत्तराखंडी अपनी मातृभूमि से जुड़ रहे हैं और वह निश्चित रूप से राज्य के आर्थिक विकास के लिए अपना योगदान देंगे। इसके अलावा यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने जा रहे हैं, जो हमारे पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा।

Uttarakhand: राष्ट्रीय खेलों से पहले प्रदेश को मिली बड़ी सौगात, CM धामी ने चकरपुर, खटीमा में स्पोर्ट्स स्टेडियम का किया लोकार्पण।

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राष्ट्रीय खेलों से पहले प्रदेश को मिली बड़ी सौगात, CM धामी ने चकरपुर, खटीमा में स्पोर्ट्स स्टेडियम का किया लोकार्पण।

मुख्यमंत्री ने चकरपुर, खटीमा में नव निर्मित वन चेतना केंद्र स्पोर्ट्स स्टेडियम का किया लोकार्पण।

नव निर्मित स्टेडियम में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से क्षेत्र के युवाओं का खेल के प्रति बढ़ेगा उत्साह – मुख्यमंत्री।

प्रदेश की जनता से मुख्यमंत्री का वादा- ऐतिहासिक होंगे राष्ट्रीय खेल और उत्तराखंड को देंगे विश्वस्तरीय पहचान।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को चकरपुर, खटीमा में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹ 1615.62 लाख की लागत नव निर्मित वन चेतना केंद्र स्पोर्ट्स स्टेडियम का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित स्टेडियम के उद्घाटन पर सभी क्षेत्रवासियों को शुभकामना देते हुए कहा कि 2017 में खटीमा के विधायक के रूप में उन्होंने इस स्टेडियम की घोषणा की थी। हालांकि, कई बाधाओं के चलते उनके विधायक रहते हुए इस स्टेडियम का कार्य पूर्ण नहीं हो सका था। लेकिन प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में उन्हें इसका शुभारंभ करने का सुअवसर प्राप्त हुआ, जो उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा ये स्टेडियम क्षेत्र के युवाओं को खेल का मंच प्रदान करेगा, जहाँ वे अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे और उसके माध्यम से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खटीमा सहित पूरे राज्य का गौरव बढ़ा सकेंगे।

 

राष्ट्रीय खेलो के आयोजन से युवाओं में खेलों के प्रति उत्साह को बढ़ावा मिलेगा- CM धामी

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवनिर्मित स्टेडियम आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। जहां बास्केटबॉल, फुटबॉल, वालीबॉल, कबड्डी जैसे खेलों के मैदानों का निर्माण कराया गया है, साथ ही खिलाड़ियों के ठहरने के लिए हॉस्टल और इनडोर कार्यक्रमों के लिए बहुउद्देश्यीय हॉल का भी निर्माण किया गया है। नए स्टेडियम में आगामी राष्ट्रीय खेलों की मलखंभ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो के आयोजन से क्षेत्र के युवाओं में खेलों के प्रति रुचि और उत्साह को बढ़ावा मिलेगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल, युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ ही युवाओं में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्षशीलता जैसे गुणों का भी विकास करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने की मजबूत नींव रखी है। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है।

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा प्रदेश में नई खेल नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी, आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों के खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण और शिक्षा तथा खेल-छात्रवृत्ति जैसी सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम भी किया जा रहा है।

 

 

राज्य सरकार ने खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण और पुरस्कार राशि को दोगुना किया-CM धामी

 

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण और पुरस्कार राशि को दोगुना करने जैसे कदम भी उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हम शीघ्र ही राज्य में एक खेल विश्वविद्यालय भी स्थापित करने जा रहे हैं, जो खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज देवभूमि और वीरभूमि के साथ-साथ खेलभूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। आगामी 28 जनवरी से हमारे राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होने जा रहा है। इस बार, हम राष्ट्रीय खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित कर रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन खेलों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा मुझे पूर्ण विश्वास है कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हमारे प्रदेश के युवाओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से वादा करते हुए कहा कि इस बार के राष्ट्रीय खेल न केवल ऐतिहासिक होंगे, बल्कि खेलों के क्षेत्र में उत्तराखंड की साख को विश्वस्तरीय रूप देने में भी सफल रहेंगे। उन्होंने कहा खटीमा उनका घर है, यहीं से उन्होंने अपनी जनसेवा की यात्रा आरंभ की थी, और इस क्षेत्र की प्रत्येक गली, प्रत्येक गाँव उनके दिल के करीब है। उन्होंने कहा कि खटीमा की माटी और यहाँ के लोगों से उन्हें हमेशा ऊर्जा और प्रेरणा मिली है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खटीमा में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल से लेकर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गदरपुर और खटीमा बाईपास का निर्माण, नए हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण कार्य, खटीमा को अन्य क्षेत्रों से जोड़ने वाली सड़कों के चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण का कार्य जैसे अनेकों कार्य इस क्षेत्र में हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश एवं खटीमा क्षेत्र के विकास में आगे भी कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। राज्य सरकार सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के अपने विकल्प रहित संकल्प के आधार पर निरंतर कार्य कर रही है।

 

मुख्यमंत्री ने मलखम्ब खिलाड़ियों से संवाद किया व उनके खेल प्रतिभा को देख उनकी सराहना की।

इस अवसर पर विधायक खटीमा भुवन चंद कापड़ी, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, पूर्व दर्जामंत्री राजपाल सिंह, विवेक सक्सेना, गिरीश जोशी, भैरव दत्त पाण्डे, जीवन धामी, कैलाश चंद्र, अमित पाण्डे, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, निदेशक खेल प्रशांत आर्या, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन: 17 देशों से आएंगे 60 प्रतिनिधि, सीएम धामी करेंगे कार्यक्रम का उद्घाटन.

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अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में 17 देशों से 60 प्रतिनिधि शामिल होंगे। 12 जनवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। सम्मेलन में चार अलग-अलग सत्रों में कृषि एवं उद्यान, पर्यटन, उद्योग, कौशल विकास की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी।

सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सम्मेलन के दौरान राज्य की लोक संस्कृति, खानपान, स्थानीय हस्तशिल्प, उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने के निर्देश दिए। इसके अलावा जिला प्रशासन को सम्मेलन के आयोजन के दौरान शहर व आयोजन स्थल की स्वच्छता, पार्किंग व्यवस्था, विदेश से आने वाले प्रवासी अतिथियों के स्वागत-सत्कार के लिए संपर्क अधिकारियों, परिवहन, प्रोटोकाॅल, रहने, ट्रैफिक की पुख्ता व्यवस्था करने को कहा।

बैठक में बताया गया कि सम्मेलन में उद्योग विभाग की ओर से विनिर्माण, ऊर्जा व स्टार्टअप में निवेश की संभावनाओं, पर्यटन विभाग : हाॅस्पिटेलिटी एंड वेलनेस, कौशल विकास विभाग की ओर से कौशल विकास व विदेश में रोजगार के अवसर, कृषि विभाग उद्यान की ओर से हर्बल मेडिसिन व ऐरोमेटिक पौधों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रवासियों के साथ राज्य के विकास में योगदान के साथ ऊर्जा क्षेत्र में निवेश, पलायन को रोकने पर चर्चा की जाएगी। 

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सम्मेलन में पर्यटन एवं वेलनेस सत्र में एस्ट्रो टूरिज्म, हेली सेवाओं के माध्यम से राज्य को जोड़ने, राज्य में पर्यावरणीय एवं वन्यजीव पर्यटन और आयुष एवं वेलनेस पर चर्चा की जाएगी। बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगौली, विनोद कुमार सुमन, डीजी सूचना बंशीधर तिवारी समेत सभी संबंधित विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

इन देशों से आएंगे प्रवासी
यूएई से 19, जापान से 10, सिंगापुर से चार, न्यूजीलैंड से तीन, कनाडा, चीन, यूनाइटेड किंगडम, इंडोनेशिया, अमेरिका, वियतनाम व ओमान से दो-दो और जर्मनी, आयरलैंड, मलेशिया, नाइजीरिया व थाइलैंड से एक-एक प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में आएंगे।

Kolkata Case: कोलकाता मामले को लेकर दुनियाभर में उठी आवाजें, न्यूयॉर्क से लेकर लंदन तक सड़कों पर उतरे लोग।

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बीते दिनों एक महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से पूरे देश में गुस्सा है। इसे लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। खासकर डॉक्टर्स और मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोग लगातार कोलकाता मामले में न्याय की मांग उठा रहे हैं। अब यह विरोध प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर पहुंच गया है। दुनियाभर में फैले भारतीय मूल के लोग इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठा रहे हैं और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं।

न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर पर हुआ प्रदर्शन-
कोलकाता की घटना के विरोध में 14 अगस्त की रात को न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर पर एक धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस दौरान करीब 40 लोग इकट्ठा हुए और बंगाल में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और डॉक्टर्स के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया। अमेरिका के लॉस एंजेल्स में लेक हॉलीवुड पार्क में भी प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और कोलकाता की घटना को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान करीब 250 भारतीय मूल के लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने अपने हाथों में प्लेकार्ड और बैनर पकड़े हुए थे।

इसी तरह ह्यूस्टन में रहने वाले भारतीय समुदाय ने भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर अपना विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने एक महिला डॉक्टर की मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर दुष्कर्म और हत्या को सिस्टम की असफलता करार दिया और सख्त कार्रवाई की मांग की। शिकागो में बंगाली समुदाय के लोगों ने गुरुवार को एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। साथ ही अटलांटा में भी कोलकाता की घटना को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया।

जर्मनी, पौलेंड और कनाडा में भी प्रदर्शन-
जर्मनी के कोलोग्ने में भी भारतीय मूल के लोग इकट्ठा हुए और डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना पर नाराजगी जाहिर की। ब्रिटेन के लीड्स में भी बीती 14 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने कहा कि वह घटना को लेकर दुखी और गुस्से में हैं। लोगों ने इस दौरान अपनी बांह पर विरोध स्वरूप काली पट्टी बांध रखी थी और पीड़िता की याद में एक मिनट का मौन धारण किया। लीड्स के साथ ही मैनचेस्टर में भी लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। साथ ही लंदन के ट्रिनिटी चर्च, एडिनबर्ग की प्रिंसेस स्ट्रीट, पौलेंड के कराकोव, कनाडा के ऑस्टिन में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।

Goldy Brar Death:अमेरिका में गोल्डी बराड़ की हत्या! सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस का था मास्टरमाइंड।

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पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ मारा गया है। सूत्रों के अनुसार, उसे अमेरिका में गोली मारी गई है। गोल्डी की हत्या की जिम्मेदारी डल्ला-लखबीर गैंग ने ली है। 

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उसका नाम मीडिया में चर्चा में है। हालांकि इससे पहले भी वह कई वारदात कर चुका था। चंडीगढ़ में चचेरे भाई गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद गोल्डी बराड़ ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित एक क्लब के बाहर 11 अक्तूबर 2020 की रात पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के छात्र नेता गुरलाल बराड़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
गोल्डी का चचेरा भाई था लॉरेंस का नजदीकी-
गोल्डी बराड़ का चचेरा भाई गुरलाल बराड़ लॉरेंस बिश्नोई का सबसे करीबी था। गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद लॉरेंस गैंग ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि अब नई जंग की शुरुआत है, सड़कों पर खून नहीं सूखेगा।

इस बीच गोल्डी बराड़ स्टडी वीजा पर कनाडा पढ़ाई करने जा चुका था। मगर गुरलाल की हत्या के बाद वह जरायम की दुनिया में कूद पड़ा। कनाडा से ही गोल्डी ने हत्याओं की साजिश रचनी शुरू की और कई वारदातों को अपने गुर्गों से अंजाम दिलवाया। इन्हीं में एक वारदात थी गुरलाल सिंह की हत्या। 18 फरवरी 2021 को पंजाब के फरीदकोट में जिला यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोल्डी बराड़ ने अपने भाई की हत्या का बदला लेने की खातिर ही यूथ कांग्रेस नेता को मरवाया था।

मई 2022 में हुई थी मूसेवाला की हत्या-

29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले के जवाहरके गांव के पास पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली थी। गोल्डी ने हत्या की वजह भी बताई थी। गोल्डी के मुताबिक मोहाली में मिड्डूखेड़ा की हत्या में शामिल लोगों को मूसेवाला के मैनेजर ने आश्रय दिया था। बाद में मूसेवाला ने अपने मैनेजर की मदद की। इसी रंजिश में लॉरेंस गैंग ने मूसेवाला की हत्या की। पंजाब के मुक्तसर जिले के मलौट में रणजीत सिंह उर्फ राणा सिद्धू की हत्या में भी गोल्डी बराड़ शामिल था। हत्याओं से शुरु हुआ अपराध का यह सिलसिला अभी तक जारी है।

रक्षा मंत्रालय ने 29 हजार करोड़ के सौदों को दी मंजूरी, सर्विलांस एयरक्राफ्ट खरीदेगी नौसेना.

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रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए नौ मेरीटाइम सर्विलांस एयरक्राफ्ट और भारतीय तटरक्षक बल के लिए छह पेट्रोल एयरक्राफ्ट खरीदने के सौदे को मंजूरी दे दी है। इस सौदे के तहत 15 मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत देश में ही बनाए जाएंगे। साथ ही सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी बनाए जाएंगे। यह सौदा कुल 29 हजार करोड़ रुपये का होगा।

 

नौसेना की सर्विलांस क्षमताओं में होगा इजाफा-

बुधवार को रक्षा मंत्रालय ने कानपुर स्थित एक कंपनी से 1752.13 करोड़ रुपये के सौदे का भी करार किया है। इस सौदे के तहत 463, 12.7 एमएम की रिमोट कंट्रोल गन का निर्माण किया जाएगा। ये गन भी नौसेना और तटरक्षक बल के जवानों को मिलेंगी। रक्षा मंत्रालय के इन सौदों से ना सिर्फ भारत की समुद्री ताकत में इजाफा होगा बल्कि इससे आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा मिलेगा। सौदे के तहत टाटा एडवांस्ड सिस्टम और एयरबस मिलकर एयरक्राफ्ट का निर्माण करेंगे। इन एयरक्राफ्ट्स में आधुनिक रडार और सेंसर्स लगे होंगे। इस सौदे के पूरे होने के बाद नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की सर्विलांस की क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा होगा। चीन जिस तरह से हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ा रहा है और साथ ही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर हमले बढ़ रहे हैं।

चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने में अहम साबित होगा ये सौदा-

चीन के हिंद महासागर में बढ़ते दखल और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर बढ़ते हमलों की चुनौती से निपटने के लिए भारतीय नौसेना लगातार अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है। अब इस सौदे से नौसेना की तैयारियों में तेजी आने की उम्मीद है। भारतीय वायुसेना को मिला पहला सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट स्पेन में बना था। सौदे के तहत 16 एयरक्राफ्ट स्पेन से बनकर आएंगे और बाकी के 40 एयरक्राफ्ट गुजरात के वडोदरा में टाटा द्वारा बनाए जाएंगे।   

 

ISRO: चंद्रयान-3 मिशन की एक और बड़ी सफलता, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पथ-प्रदर्शक की तरह करेगा काम.

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भारत के चंद्रयान-3 मिशन को एक और सफलता मिली है। दरअसल चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पथ प्रदर्शक की तरह काम करना शुरू कर दिया है। इसरो ने एक बयान जारी कर बताया कि चंद्रयान-3 मिशन के तहत चांद की जमीन पर उतरे लैंडर के साथ एक लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे (LRA) भी चांद पर भेजा गया था। अब इस उपकरण की मदद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के एलआरओ (Lunar Reconnaissance Orbiter) ने लेजर रेंज का मापन कर लिया है। 

चांद पर जाने वाले मिशनों को मिलेगा बड़ा फायदा- 

एलआरओ, नासा का ऑर्बिटर है, जो चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। इस एलआरओ ने ही चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगे एलआरए से मिले सिग्नल लेकर लेजर रेंज का मापन किया। इसरो ने बताया कि मापन का काम 12 दिसंबर 2023 को किया गया था। इसरो ने बताया कि एलआरओ ने रात के समय यह मापन किया, जब वह चंद्रयान-3 के लैंडर वाली जगह से पूर्व की तरफ बढ़ रहा था। अब इस मापन की मदद चांद पर भेजे जाने वाले मिशनों को काफी फायदा होगा। 

चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगे लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे को नासा ने विकसित किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तहत चंद्रयान-3 के साथ चांद पर भेजा गया था।  

भारत के पासपोर्ट की ताकत बढ़ी या घटी ? पढ़िए ये पूरी रिपोर्ट.

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पूरी भाजपा देश को हर समय ये बताने में लगी है कि मोदी जी के आने से देश के पासपोर्ट की ताकत कितनी बढ़ गयी है लेकिन असल सच्चाई कुछ और है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की इस साल की रिपोर्ट में ये बात उजागर हुई है. हेनले पासपोर्ट इंडेक्स दुनिया के सभी पासपोर्ट की मूल आधिकारिक रैंकिंग है जिससे किसी भी देश के पासपोर्ट की ताकत का पता चलता है।


2024 में हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में दुनिया भर के कुल 6 देशों ने टॉप पर जगह बनाई है दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट वाले देशों में यूरोपीय संघ के चार सदस्य देश फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन शामिल हैं जबकि एशियाई देशों में से इस लिस्ट में  हमेशा से टॉप पर रहे दो एशियाई देश इस बार भी टॉप पायदान पर अपनी जगह बनाए हुए हैं और ये देश हैं जापान और सिंगापुर यानी इन 6 देशों के पासपोर्ट सबसे ताकतवर है. यह पासपोर्ट अपने नागरिकों को दुनिया के 227 देशों  में से 194 में बिना वीजा के एंट्री की सुविधा मुहैया कराते हैं

अब आप यही सोच रहे होंगे कि फिर भारत इस लिस्ट में कहां है तो आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भारत इस लिस्ट में 80  नंबर पर खड़ा है,,, जी हाँ 80 नंबर पर और देश में डंका पीटा जा रहा है कि भारत के पासपोर्ट की ताकत बहुत बढ़ गयी है हेनले पासपोर्ट इंडेक्स पर टॉप 10 में यूरोपीय देशों को जगह मिली है दक्षिण कोरिया फिनलैंड और स्वीडन इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं। ये तीनों देश 193 देशों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा का दावा करते हैं तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, आयरलैंड और नीदरलैंड हैं। ये देश 192 देशों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा का दावा करते हैं।

2024 हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में भारत 80वें स्थान पर है भारत के पासपोर्ट के साथ थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरीशस, श्रीलंका और मालदीव जैसे जगहों की यात्रा की जा सकती है हालांकि मालदीव के साथ भी आजकल भारत के रिश्ते कुछ ठीक नहीं है दूसरी तरफ भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो जहां 85 जगहों में वीजा-फ्री एंट्री के लिए चीन को 62वें स्थान पर रखा गया है


अब जरा साल कुछ साल पहले की रैंकिंग पर भी नजर डालते हैं साल 2006 में भारत की रैंकिंग आज से काफी अच्छी थी साल 2006 में भी भारत का पासपोर्ट 71 वें स्थान पर था जबकि साल 2014 में जब तक मनमोहन सरकार का कार्यकाल खत्म हुआ था,,उस समय भी भारत के पासपोर्ट की रैंकिंग 76 वें  स्थान पर थी जबकि मोदी सरकार के एक साल सत्ता में पुरे होने के बाद 2015 में भारत के पासपोर्ट की रैंक गिरकर 88 नंबर पर पहुंच गया था गजब तो साल 2021 में हुआ जब नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में भारत के पासपोर्ट की कीमत गिरकर 90 नंबर पर पहुंच गया और आज वर्तमान में भारत का पासपोर्ट 80 नंबर पर आता है

 हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने बीजेपी के उन नेताओं को आईना दिखाया है जो कहते नहीं थकते कि मोदी जी की सरकार में भारत के पासपोर्ट की ताकत बहुत तेजी से बढ़ी है और पासपोर्ट की इज्जत बढ़ गयी है जबकि हेनले पासपोर्ट इंडेक्स साफ़ दिखा रहा है कि बजाय आज के पूर्व की मनमोहन सरकार में भारत का पासपोर्ट ज्यादा मजबूत था