Category Archive : स्वास्थ्य

Uttarakhand: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले, पौड़ी जिले से आये सबसे अधिक मामले सामने।

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प्रदेश में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। अब तक पांच जिलों में कुल 75 मामले सामने आए हैं। इसमें पौड़ी जिले में सबसे अधिक 59 मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू रोकथाम व बचाव के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर पर डेंगू मामलों की निगरानी की जा रही है।

आगामी नवंबर व दिसंबर तक डेंगू संक्रमण के फैलने की आशंका रहती है। हालांकि गत वर्ष की तुलना में इस बार अप्रैल से लेकर 17 सितंबर तक डेंगू के कुल 75 मामले सामने आए हैं। ऋषिकेश में एक डेंगू मरीज की मौत हुई है। मरीज को पहले से कई तरह की बीमारी होने से विभाग मौत के कारणों की वास्तविकता के लिए डेथ ऑडिट करा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि सभी जिलों के सीएमओ को डेंगू रोकथाम के लिए अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय से भी नियमित रूप से मानीटरिंग करने को कहा गया है। आगामी दो माह तक डेंगू संक्रमण की संभावना को देखते हुए एहतियात बरतने की आवश्यकता है।

प्रदेश में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या

जिला            डेंगू मरीज

पौड़ी                   59

देहरादून              09

हरिद्वार                03

नैनीताल                03

ऊधमसिंह नगर    01

Uttarakhand : ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ खुलासा।

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उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। पहाड़ों में 80 हजार की आबादी पर एक सीएचसी होना चाहिए। इसके अनुसार पहाड़ में 44 सीएचसी की कमी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी हेल्थ डायनमिक्स (इंफ्रास्ट्रक्चर एंड ह्यमून रिसोर्स) रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में 31 मार्च 2023 तक उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विश्लेषण किया गया। इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के अनुसार, विशेषज्ञ डॉक्टरों की 80% कमी है।

पर्वतीय क्षेत्रों के सीएचसी में सर्जन, बाल रोग, ग्यानाक्लोजिस्ट, फिजिशियन, एनेस्थेटिस्ट के 245 विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है। इनमें 48 ही कार्यरत हंै, जबकि 197 पद खाली चल रहे हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकतर सीएचसी में ग्यानाक्लोजिस्ट डॉक्टर कार्यरत नहीं है। 2005 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 44 सीएचसी थे, जो बढ़कर 49 हो गए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों को नहीं मिल रहा पीजी डॉक्टरों का लाभ-
प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी कराने की सुविधा है, लेकिन पीजी करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों का लाभ ग्रामीण उत्तराखंड को नहीं मिल रहा है। प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 1,240 पद सृजित हैं। इसमें लगभग पांच सौ ही विशेषज्ञ डॉक्टर कार्यरत हैं।

उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी चल रही है। प्रदेश सरकार की ओर से इस कमी को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। 2027 तक प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। -डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री

Kedarnath: सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में मलबे से आज 4 शव निकाले गए, मृतकों की संख्या हुई 5, तीन घायल।

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सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में आज मंगलवार को रेस्क्यू के दौरान मलबे में दबे चार शव और निकाले गए। मृतकों की संख्या अब पांच हो गई है। तीन घायल अस्पताल में भर्ती हैं।

सोमवार देर शाम केदारनाथ से लौट रहे आठ यात्री सोनप्रयाग में ऊर्जा निगम के पावर हाउस के समीप भूस्खलन जोन में पहाड़ी से गिर रहे पत्थर व मलबे में फंस गए। सूचना पर उप निरीक्षक आशीष डिमरी के नेतृत्व में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के दौरान एक शव बरामद किया गया, जिसकी शिनाख्त गोपाल (50 ) पुत्र भक्तराम, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है।

वहीं, जीवच तिवारी पुत्र रामचरित, मनप्रीत सिंह पुत्र कश्मीर सिंह और छगन लाल पुत्र भक्तरामन घायल हो गए, जिन्हें सोनप्रयाग पहुंचाया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सोनप्रयाग बाजार से लगभग एक किमी आगे भूस्खलन जोन में पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिरने से वह फंस गए थे। क्षेत्र में अन्य यात्रियों की होने की संभावना को देखते हुए खोजबीन की जा रही थी, जिसमें आज मंगलवार को तीन शव बरामद हुए।

Kolkata Doctor Rape-Murder Case: आज उत्‍तराखंड में भी 24 घंटे के कार्य बहिष्कार पर डॉक्‍टर, देखें तस्वीरें।

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8 अगस्त को कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर साथ बलात्कार और हत्या की घटना से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तराखंड में भी आज डॉक्टर 24 घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे। आज पूरे प्रदेश में अस्पतालों में ओपीडी की सेवाएं ठप रहेंगी।

आज उत्तराखंड में भी डॉक्टरों की हड़ताल-

कोलकाता में रेजिडेंट महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना से पूरे देश में आक्रोश देखने को मिल रहा है। डॉक्टर्स और नर्स हड़ताल कर रहे हैं।

आज उत्तराखंड में भी डॉक्टरों की हड़ताल है। 24 घंटे तक प्रदेश में ओपीडी की सेवाएं ठप रहेंगी। हालांकि इमरजेंसी, पोस्टमार्टम और वीआईपी ड्यूटी के लिए सेवाएं यथावत रहेंगी।

ऋषिकेश एम्स में आज भी चिकित्सकों की हड़ताल-

आपको बता दें कि बीते चार दिनों से ऋषिकेश एम्स में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। आज पांचवे दिन भी ऋषिकेश एम्स में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है।वहीं, आज आईएमए ऋषिकेश के बैनर तले निजी अस्पतालों में भी चिकित्सक सामूहिक हड़ताल पर हैं। हिमालयन विश्वविद्यालय जौली ग्रांट के चिकित्सकों व मेडिकल स्टूडेंट की ओर से कोलकाता प्रकरण को लेकर विरोध मार्च निकाला गया।

कोलकाता पुलिस और राज्य सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिससे देश-प्रदेश के चिकित्सकों में आक्रोश है। उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें। अपराधियों व अराजक तत्वों को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किया जाए।चिकित्सालयों में चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए जो एक्ट बना हुआ है, उसका सख्ती से पालन किया जाए। ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें।

कोमा में जा सकते हैं सीएम केजरीवाल, शुगर लेवल 50 से नीचे- आतिशी

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दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. आतिशी ने कहा कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल को जेल में मारने की कोशिश कर रही है. केजरीवाल का शुगर लेवल 50 से नीचे आ गया है ऐसे में वो कोमा में जा सकते हैं. आतिशी ने कहा कि केजरीवाल को ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा है. वहीं दिल्ली एलजी के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा कि अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर सही डाइट नहीं ले रहे हैं जिसकी वजह से उनका वजन तेजी से कम हो रहा है. केजरीवाल डाइट चार्ट का पालन नहीं कर रहे हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले के चलते तिहाड़ जेल में बंद हैं. हाल ही में दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर सीएम केजरीवाल की डाइट को लेकर सवाल उठाए हैं. एलजी के प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर कहा कि जेल में अरविंद केजरीवाल जानबूझकर कम कैलोरी ले रहे हैं. अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य का जिक्र करते हुए कहा गया है कि कम कैलोरी से उन का वजन कम हो रहा है, साथ ही सवाल उठाए गए हैं कि केजरीवाल प्रॉपर डाइट नहीं ले रहे हैं.

सीएम केजरीवाल नहीं ले रहे प्रॉपर डाइट

प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर आरोप लगाए कि सीएम न तो प्रॉपर डाइट ले रहे हैं और न ही उन्होंने डाइट चार्ट का पालन किया है. सचिव ने कहा, केजरीवाल ने 6 जून से 13 जुलाई के बीच प्रॉपर डाइट नहीं ली है, वो डाइट चार्ट का पालन नहीं कर रहे हैं.

AAP ने दिया जवाब

एलजी के प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर सीएम की डाइट पर आरोप लगाए जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने इस पर जवाब दिया. मंत्री आतिशी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सीएम केजरीवाल को मारने की साजिश रच रही है. सीएम की सेहत के बारे में जानकारी देते हुए आतिशी ने कहा कि सीएम केजरीवाल का शुगर लेवल 8 से ज्यादा बार 50 से नीचे आ चुका है, इन सब चीजों के चलते सीएम केजरीवाल कोमा में जा सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा है.

 

पूरे भारत में प्रचंड गर्मी का कहर, अब तक 40 हजार हीट स्ट्रोक के मामले सामने आए; सैकड़ों मौतें हुई दर्ज।

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जलवायु परिवर्तन का असर पूरी दुनिया पर पड़ता दिखाई दे रहा है। कहीं गर्मी तो कहीं बारिश का तांडव देखा जा सकता है। भारत  के कई हिस्सों में गर्मी से कोहराम मचा हुआ है। आए दिन लोगों के मरने की खबर आ रही है। तापमान ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अब तक 50 डिग्री के पार जा चुका है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि इस बार गर्मी के मौसम में अबतक 40 हजार से अधिक हीटस्ट्रोक के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं प्रचंड गर्मी ने पूरे देश में सौ से ज्यादा जीवन लील लिए। जबकि पूर्वोत्तर के कुछ हिस्से भारी बारिश से बाढ़ से जूझ रहे हैं।

अरबों लोग भीषण गर्मी से जूझ रहे-
वैज्ञानिकों का कहना है कि मानव गतिविधियों की वजह से जलवायु पर खासा असर पड़ रहा है। इसकी वजह से एशिया भर में अरबों लोग भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। उत्तर भारत में तापमान लगभग 50 डिग्री सेल्सियस (122 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक चला गया है। जो अब तक की सबसे लंबी गर्मी की लहरों में से एक है।
पक्षी आसमान से गिर रहे-
प्रचंड गर्मी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बेचारे पक्षी आसमान में उड़ने की बजाय धरती पर आकर गिर रहे हैं। अस्पतालों में गर्मी से प्रभावित रोगियों की संख्या बढ़ रही है। लोग जरूरी काम के लिए भी दोपहर में घर से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। इन सब की वजह यह भी है कि इस बार मार्च में गर्मी की शुरुआत के बाद से हाल के हफ्तों में दिन और रात दोनों का तापमान चरम पर था।

 वहीं, सबसे ज्यादा परेशानी देश की राजधानी दिल्ली में दर्ज की जा रही है। यहां लोगों को न तो पीने के लिए पर्याप्त पानी और न ही बिजली मिल रही हैं। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने संघीय और राज्य संस्थानों को मरीजों का तुरंत इलाज करने का आदेश दिया है। जबकि दिल्ली के अस्पतालों को निर्देश दिया गया था कि वे अधिक बिस्तर उपलब्ध कराएं।

इतने लोगों की मौत-
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि एक मार्च से 18 जून के बीच हीट स्ट्रोक के 40,000 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए और कम से कम 110 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। इस दौरान उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में सामान्य से दोगुनी संख्या में गर्म हवाएं चलीं।

मौसम विभाग ने इस महीने के लिए भी सामान्य तापमान से अधिक रहने का अनुमान जताया है, क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि असंतुलित वृद्धि के कारण भारतीय शहर हीट ट्रैप बन गए हैं।

Uttarakhand News: राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान में इलाज करना होगा जरूरी… सरकार ने दी चेतावनी।

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आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज कराने से बच रहे निजी अस्पतालों को लेकर सरकार सख्त है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान में इलाज करना होगा। अस्पताल प्रबंधकों के साथ बैठक हो चुकी है। जल्द ही विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे।

कांग्रेस विधायक ममता राकेश के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में चल रहे सभी छोटे-बड़े अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड धारकों को इलाज सुविधा देनी होगी।

कई बड़े अस्पताल कार्ड धारकों को इलाज की सुविधा नहीं दे रहे हैं। इस पर सरकार ने साफ निर्देश दिए कि राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान में इलाज करना होगा।

 

 

अब तक 4.87 लाख कर्मचारियों के कार्ड बन चुके हैं। इसमें 1.15 लाख कर्मचारियों ने विभिन्न बीमारियों का कैशलेस इलाज कराया। इस पर 349 करोड़ राशि खर्च हुई है। कर्मचारियों को ओपीडी में कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं है। इसका कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति की जाती है। भर्ती होने पर असीमित व्यय पर कैशलेस इलाज किया जा रहा है।

Budget 2024 में इन चार जातियों पर फोकस, यहां पढ़िए किसे मिली क्या सौगात.

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TB: जल्द शुरू होगा टीबी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर ट्रायल, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन करेगी पूरी फंडिंग

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टीबी की नई वैक्सीन के बड़े पैमाने पर ट्रायल जल्द शुरू होंगे। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन इस ट्रायल की फंडिंग करेगी। फाउंडेशन के सीईओ मार्क सुजमैन ने इसकी पुष्टि की है। बीते 100 सालों में नई टीबी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर यह पहला ट्रायल होगा। मार्क सुजमैन ने बताया कि उनके फाउंडेशन ने इस ट्रायल के लिए फंडिंग देने का फैसला किया है क्योंकि निजी कंपनियों इसके लिए निवेश नहीं कर रही हैं।

 
 
अरबों डॉलर खर्च करेगी गेट्स फाउंडेशन-

मार्क सुजमैन ने कहा कि ‘हम ट्रायल पर सैंकड़ों करोड़ डॉलर खर्च करेंगे। जिन लोगों को टीबी की बीमारी है, वह अधिकतर गरीब लोग हैं और वह इलाज के लिए पैसे खर्च नहीं कर सकते।’ सुजमैन ने कहा कि ‘अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा भारत को मिलेगा। भारत में टीबी के सबसे ज्यादा मरीज हैं।’ जून 2023 में वेलकम फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने टीबी की वैक्सीन एम72 को विकसित करने के लिए फंडिंग करने का एलान किया था। बीते 100 सालों में यह टीबी की पहली वैक्सीन हो सकती है। अभी टीबी की एकमात्र वैक्सीन बीसीजी है, जिसे पहली बार साल 1921 में लगाया गया था। उसके बाद अब टीबी वैक्सीन के ट्रायल शुरू हो रहे हैं। ट्रायल पर गेट्स फाउंडेशन, वेलकम फाउंडेशन के साथ मिलकर करीब 550 मिलियन डॉलर खर्च करेगी। सैंकड़ों करोड़ डॉलर खर्च करेगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में टीबी से मरने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 के बाद सबसे ज्यादा है। टीबी की बीमारी सभी उम्र के लोगों को हो सकती है और इससे बचाव भी संभव है। टीबी में मरीज के फेफड़ों में बैक्टीरिया का संक्रमण हो जाता है। टीबी मरीज के संपर्क में आने से यह संक्रमण होने का खतरा होता है। केंद्र सरकार भी टीबी उन्मूलन के लिए कार्यक्रम चला रही है। सरकार ने साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
सरकार भी TB उन्मूलन के खिलाफ चला रही योजना-

सरकार ने साल 2022 में सरकार ने नि-क्षय मित्र कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार टीबी मरीजों की जांच, उन्हें पोषण और वॉकेशनल सपोर्ट देने का काम कर रही है। इसके लिए सरकार कई एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रही है। इस योजना का असर दिख भी रहा है और साल 2014 में जहां भारत में टीबी के 15.5 लाख मरीज रजिस्टर हुए थे। साल 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 24.22 लाख हो गया था।

Corona: कोरोना संक्रमितों की संख्या में हुआ इजाफा, बीते दिन 159 लोगों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव; जानें देश का हाल

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कोविड-19 का दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। 2020 में तेजी से फैंले कोविड महामारी ने दुनिया को चारदीवारी तक कैद कर दिया था। इसी बीच, कोविड-19 के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में एक्टिव नए आंकड़ों को जारी किया है। जिसमें कहा गया कि भारत में एक दिन में संक्रमित कोविड के 159 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसी के साथ ही पूरे देश भर में सक्रिय मामलों की संख्या 1623 हो गई है।

फिर बढ़ रहे कोविड के मामले- केंद्रीय मंत्रालय

केंद्रीय मंत्रालय की सुबह आठ बजे की रिपोर्ट में दर्ज आकंड़ों के मुताबिक, केरल में 24 घंटे में एक संक्रमित व्यक्ति ने दम तोड़ा है। गौरतलब है कि कि कोविड के दैनिक मामलों में पांच दिसंबर तक गिरावट दर्ज की गई थी। संक्रमित आंकड़ों अब दोहरे अंक को पार कर चुके हैं। लेकिन ठंड के मौसम की स्थिति के बाद से ही नए संस्करण के फैलने का सिलसिला शुरू हो गया है। 31 दिसंबर को एक दिन में सबसे ज्यादा 841 नए मामले समाने आए।

आधिकारिक सू्त्रों की मानें तो मौजूदा आंकड़ों से पता चलता है कि जेएन.1 वैरिएंट न तो नए मामलों में वृद्धि कर रहा है और न ही अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर में वृद्धि कर रहा है। गौरतलब है कि भारत ने कोविड-19 की तीन लहरों को झेला था। अप्रैल-जून 2021 के दौरान डेल्टा लहर, इस दौरान दैनिक नए मामलों और मौतों की चरम घटनाएं दर्ज की गई थी। 7 मई, 2021 को 4,14,188 मामले और 3,915 मौतें दर्ज की गई थी।

लगभग 220 करोड़ खुराकें दी जा चुकी है-

मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, इस बीमार से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 4.4 करोड़ से अधिक है, जिसकी रिकवरी दर 98.81 प्रतिशत है। मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक कोविड टीकों की 220.67 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।