Author: Pravesh Rana

गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी को मिला तीसरा स्थान, दिल्ली में किया गया पुरस्कृत

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नई दिल्ली कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में राज्य की ओर से सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल थीम पर उत्तराखंड की झांकी को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिये पुरस्कृत किया गया।नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में बृहस्पतिवार को केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और झांकी के टीम लीडर/संयुक्त निदेशक के.एस चौहान ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” थीम पर यह झांकी तैयार की गई थी।

Uttarakhand tableau got third place in India on Republic Day 2025 parade, was awarded in Delhi

झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर मुख्यमंत्री धामी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश-विदेश के लोग “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित हुए हैं। कहा कि उत्तराखंड की झांकी ने कर्तव्य पथ पर सभी का ध्यान आकर्षित किया और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व साहसिक खेलों को बखूबी रूप से प्रस्तुत भी किया।

झांकी के थीम सांग में इनका रहा योगदान
झांकी का थीम सांग “झुमैलो“ था। “झुमैलो“ गीत को जितेंद्र पंवार ने लिखा और गायक अभिनव चौहान ने स्वर दिया है। इसे अमित वी. कपूर ने संगीत देकर तैयार किया। झांकी के अग्र भाग में जो ऐपण कला प्रदर्शित की गई उसे चंपावत जिले के हस्त कलाकार निकिता, अंजलि, सुरेश राजन और योगेश कालोनी ने बनाया। झांकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवर्टाइजिंग प्रा.लि.के निदेशक सिद्धेश्वर ने किया गया। लीडर केएस चौहान के साथ चंपावत जिले 15 कलाकारों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

राज्य को तीन पुरस्कार मिल चुके
नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रतियोगिता में राज्य के कलाकारों ने प्रसिद्ध जागर गायन एवं लोकनृत्य छपेली प्रतियोगिता की प्रस्तुत दी गई। जिसको गठित समिति ने पुरस्कार के लिए चयनित किया। राज्य गठन के बाद से गणतंत्र दिवस समारोह में अब तक राज्य को तीन पुरस्कार मिले हैं जिनमें वर्ष 2021 में केदारखंड झांकी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वर्ष-2023 में मानसखंड झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ और वर्ष 2025 में सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल झांकी को पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।

हरिद्वार जा रहे खानपुर विधायक उमेश कुमार को लच्छीवाला में पुलिस ने रोका, कोतवाली लाया गया

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हरिद्वार जा रहे खानपुर विधायक उमेश कुमार को पुलिस ने डोईवाला के पास रोक लिया। उमेश कुमार को पुलिस ने टोल टैक्स लच्छीवाला पर रोक कोतवाली लेकर आ गए।इस दौरान भारी पुलिस फोर्स मौजूद रहा। विधायक उमेश कुमार की पत्नी ने बताया कि वह शांतिपूर्वक बैठक में भाग लेने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। बता दें, बीते रविवार को चैंपियन और उनके समर्थक बड़ी संख्या में उमेश कुमार के कार्यालय पर पहुंचे और जमकर तोड़फोड़ करते हुए समर्थकों से मारपीट कर दी थी। इस दौरान ताबड़तोड़ फायरिंग भी की गई है।

कुछ देर बाद विधायक उमेश कुमार भी वहां पहुंच गए। वह भी बंदूक लेकर भागे और हंगामा कर दिया। जिसके बाद समर्थकों ने उन्हें संभाला। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और घटना की जानकारी ली।वहीं, देर शाम देहरादून में नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने पूर्व विधायक कुंवर प्रवण सिंह चैंपियन को मामले में हिरासत में ले लिया। हरिद्वार पुलिस की ओर से पूर्व विधायक चैंपियन और वर्तमान विधायक खानपुर उमेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा उनके समर्थकों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

सीएम धामी के कंधे पर जुड़ा चुनावी सफलता का एक और सितारा

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निकाय चुनाव की शुरुआत में 11 नगर निगम की मेयर सीट पर भाजपा व कांग्रेस के बीच कड़े मुकाबले की उम्मीद लग रही थी। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सत्ता विरोधी रुझान को कैश कर भारी उलटफेर करने की रणनीति पर काम भी कर रहे थे।

दून, ऋषिकेश,हल्द्वानी ,श्रीनगर, कोटद्वार व पिथौरागढ़ समेत अन्य निगमों में कांग्रेस ने आक्रामक प्रचार कर कुछ सीटों की उम्मीद भी जगा कर रखी। कांग्रेस ने नगर निकाय के ज्वलन्त मुद्दे भी उठाए।

कई निकायों से जुड़े भाजपा के चर्चित मंत्री व विधायकों के खिलाफ कांग्रेस ने जोरदार हमला बोल कर चुनावी माहौल गरमाया।

लेकिन जैसे जैसे मतदान की तारीख करीब आयी ,भाजपा अपनी रणनीति को बखूबी अमलीजामा पहनाती दिखी।

सीएम धामी के 13 जिलों में ताबड़तोड़ जनसभाएं व रोड शो में मतदाता से विकास के वादे के साथ ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की बात कही।
सीएम धामी ने साफ तौर पर केंद्र, राज्य के साथ अब निकाय में जीत की अपील की। कहा कि, उम्मीदवार को जिताने की बारी आपकी और फिर विकास की गारंटी मेरी।

चुनाव से कुछ दिन पूर्व कुमाऊं के उत्तरायणी मेले में रोटी पर थूक लगाने का वीडियो वायरल होते ही धामी सरकार तुरन्त एक्शन में आ गयी। और दोषियों को गिरफ्तार करते ही सीएम धामी ने थूक जिहाद के खिलाफ जमकर बोला।

 

किसी मेले में रोटी पर थूक लगाने की घटना ने चुनाव के मुद्दों में प्रमुख जगह बनाई। इसी दौरान सीएम धामी ने कैबिनेट से यूसीसी को पास करवा अपनी उपलब्धि को नये सिरे से मतदाताओं के सामने रखा।

सीएम धामी ने अपने चुनाव प्रचार में यह भी कहा कि प्रदेश में फतवे की राजनीति करने वालों को जनता नकारेगी।

बीच चुनाव प्रचार के दौरान धामी सरकार ने काशीपुर में अतिक्रमण किये हुए दो अवैध धार्मिक स्थल तुड़वा दिए।

हाथ से निकल चुकी ऋषिकेश नगर निगम सीट पर सीएम धामी के आखिरी क्षण में कई गयी जनसभा का असर चुनावी नतीजों में झलका।
पहाड़ी बनाम बाहरी के चुनाव में सीएम धामी ने क्षेत्रवाद व जातिवाद से ऊपर उठकर मतदान की अपील की। यहां भाजपा के शम्भू पासवान जीत गए।

रुड़की नगर निगम की सीट पर भी मुकाबला कड़ा हो गया था। चुनाव प्रचार के दौरान इमरान मसूद की ‘बयानबाजी’ को भाजपा ने लपका। और यहां हिन्दू मतों के ध्रुवीकरण का असर भी देखने को मिला।

इस निकाय चुनाव में भाजपा के कई मंत्री व विधायकों के खिलाफ मतदाता नाराज दिखा। कई निकाय में कांग्रेस व निर्दलीय बाजी मार गए। इन सीटों के परिणाम पर कांग्रेस सन्तोष जता सकती है।

लेकिन निगम की मेयर सीट पर भाजपा का कब्जा कांग्रेस की चुनावी रणनीति को फेल कर गया। देहरादून मेयर के कांटे के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सौरभ थपलियाल एक लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत गए। सौरभ ने जीत का श्रेय मतदाताओं व सीएम धामी के विकास आधारित चुनावी प्रचार को दिया।

श्रीनगर नगर निगम सीट को छोड़कर शेष 10 सीटों पर भाजपा का कब्जा सीएम धामी को प्रदेश की राजनीति में एक नया तमगा भी दे गया।

निकाय चुनाव में मंत्री-विधायकों के ‘दमखम’ पर टिका कैबिनेट फेरबदल

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प्रदेश के 11 नगर निगमों में  मेयर के 10 पद जीतने वाली भाजपा के कई मंत्रियों व विधायकों के क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन से कैबिनेट फेरबदल की सुगबुगाहट एक बार फिर तेज हो गयी है।

क्षेत्र में जनता की नाराजगी और 2027 के विधानसभा चुनाव में पड़ने वाले असर को देखते हुए भाजपा में नये चेहरों को कैबिनेट में शुमार किये जाने की संभावना बनती नजर आ रही है।

नगर निकाय में निर्दलीयों व बागियों की जोरदार जीत से भाजपा के साथ कांग्रेस के टिकट वितरण फार्मूले को कई निकाय में गहरा धक्का लगा है।

निकाय चुनाव परिणाम में गढ़वाल क्षेत्र के मंत्री धन सिंह रावत,सतपाल महाराज व सुबोध उनियाल के इलाके में भाजपा उम्मीदवार कांग्रेस व निर्दलीय उम्मीदवार से हार गए।

हालांकि, विवादों व चर्चाओं में रहे मंत्री गणेश जोशी मसूरी व प्रेम अग्रवाल ऋषिकेश सीट पर भाजपा जीत गयी। बेहद कम अंतर से जीत के बाद ऋषिकेश और पिथौरागढ़ नगर निगम सीट पर 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा हाईकमान कुछ समय बाद धामी मन्त्रिमण्डल के विस्तार को हरी झंडी दे सकता है। मंत्रियों और विधायकों की चुनावी परफार्मेंस की इस नये विस्तार में अहम भूमिका रहेगी।

सूत्रों का कहना है कि 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ नये चेहरे मंत्रिमंडल का हिस्सा बनेंगे। बीते कुछ सालों में विभिन्न कारणों से जिन मंत्रियों की साख कम हुई या जनता जिन प्रतिनिधियों को लेकर खासी मुखर रही हो। ऐसे मंत्रियों को किनारे बैठाया जाएगा। कुछ नये व कुछ अनुभवी चेहरों को भी जगह मिलेगी।

देखें निकाय चुनाव में दलीय प्रदर्शन

हालिया सम्पन्न निकाय चुनावों में निर्दलीय व बागियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

यही कारण रहा कि सात निगमों में सत्तारूढ़ भाजपा को सभासद वार्ड में बहुमत नहीं मिला। राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार नगर प्रमुख/अध्यक्ष के कुल 100 पदों में से भाजपा 42, निर्दलीय 29, कांग्रेस 27 व बहुजन समाज पार्टी 2 सीट जीतने में सफल रही। इनमें से नगर निगम के नगर प्रमुखों (मेयर) के 11 पदों में से 10 पर भाजपा को जीत मिली हैं जबकि श्रीनगर की सीट निर्दलीय द्वारा जीती गयी है।

नगर पालिका अध्यक्ष के 43 पदों में से भाजपा केवल 17, निर्दलीय 13, कांग्रेस 12 व 1 सीट बहुजन समाज पार्टी ने जीती।

नगर पंचायत अध्यक्ष की 46 सीट पर भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय क्रमशः 15-15-15 सीट जीती। जबकि 1 पर बहुजन सामज पार्टी को जीत मिली है।

11 में से 7 निगमों में भाजपा के पार्षदों का बहुमत न होने के चलते वहां वह अपने तरीके से नगर की सरकार नहीं चला सकेगी। 11 में से केवल 4 नगर निगमों में ही भाजपा को पार्षदों की आधे से अधिक सीटें मिली हैं। जिसमें रूद्रपुर में 40 में से 21, रूड़की में 24, देहरादून में 100 में से 63 तथा हरिद्वार में 60 में से 40 पार्षद शामिल हैं।

अन्य 40 पार्षदों वाले निगमों में काशीपुर में 19, अल्मोड़ा में 15, ऋषिकेश में 18, श्रीनगर में 16 तथा कोटद्वार में 18 पार्षद ही भाजपा के जीते हैं जबकि 60 पार्षदों वाले हल्द्वानी में भाजपा के एक तिहाई 20 पार्षद ही जीत सके हैं।

सभासद/सदस्यों के कुल 1282 पदों में से 1280 में चुनाव हुआ हैं जिसमें से आधे से कम 445 में ही भाजपा को जीत मिली हैं जबकि कांग्रेस को 169, निर्दलीय को 651, बसपा व अन्य को 2-2 तथा उक्रांद को 1 सीट पर जीत मिली है। नगर पालिका परिषद के 444 सदस्यों में से 129 पर ही भाजपा जीत सकी हैं, जबकि 269 पर निर्दलीय तथा 46 पर कांग्रेस जीती।

नगर पंचायत सदस्यों के 297 पदों में से 67 पर ही भाजपा को जीत मिली । 37 पर कांग्रेस तथा 190 पर निर्दलीय 2 पर आप तथा 1 पर बसपा को जीत मिली है।जिलावार प्रदर्शन में भी अधिकतर जिलों में भाजपा या किसी भी राजनैतिक दल का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। अल्मोड़ा जिले में नगर प्रमुख/अध्यक्ष के 5 पदों में से 3 पर कांग्रेस तथा 2 पर भाजपा ने जीत हासिल कर है। सभासद/सदस्यों में 58 में से 18 पर भाजपा जीती जबकि 40 पर निर्दलीय जीते हैं।

बागेश्वर जिले में अध्यक्ष के 3 पदों में से 2 पर भाजपा 1 पर कांग्रेस जीती जबकि सभासद/सदस्यों के 25 में से 14 पर भाजपा 6 पर कांग्रेस तथा 1 पर निर्दलीय जीते हैं।

चमोली जिले में 10 अध्यक्षों में से 2 पर भाजपा, 6 पर कांग्रेस तथा 5 पर निर्दलीय जीते हैं। 63 सभासदों/सदस्यों में 24 भाजपा, 21 कांग्रेस तथा 18 पर निर्दलीयों को मिले हैं।

चम्पावत के 4 अध्यक्षों में सभी में भाजपा को जीत मिली है जबकि 34 सदस्यों में से 10 पर भाजपा 23 पर निर्दलीय जीते हैं।देहरादून जिले में 7 नगर प्रमुख/अध्यक्ष के पदों में से 5 भाजपा 1-1 कांग्रेस व निर्दलीय जीते हैं। सदस्य/सभासदों के 202 पदों में से 108 भाजपा 40 कांग्रेस तथा 54 निर्दलीय जीते हैं।

हरिद्वार जिले में 14 नगर प्रमुख/अध्यक्ष के पदों में 3 भाजपा 4 कांग्रेस 5 निर्दलीय 2 बसपा ने जीते हैं। जबकि 231 सभासद/सदस्यों के पदों में से 87 भाजपा 27 कांग्रेस 113 निर्दलीय 2 बसपा तथा 2 आप ने जीते हैं।

नैनीताल जिले मंे नगर प्रमुख/अध्यक्ष के 7 पदों में से भाजपा 1, कांग्रेस व निर्दलीय 3-3 पदों पर जीते हैं जबकि सदस्य/सभासद के 125 पदों में से 27 पर भाजपा 3 पर कांग्रेस 94 पर निर्दलीय तथा 1 उक्रंाद ने जीते हैं।

पौड़ी गढ़वाल के 7 प्रमुख/अध्यक्ष में से 1 भाजपा, 3-3 निर्दलीय व कांग्रेस को जीत मिली। जबकि 107 सदस्यों में से 43 भाजपा, 22 कांग्रेस तथा 42 निर्दलीय को मिले है। पिथौरागढ़ जिले के 6 अध्यक्षों मे से 2 भाजपा 3 कांग्रूेस तथा 1 पर निर्दलीय की जीत हुई। जबकि सभासद/सदस्यों के 75 में से 11 भाजपा 3 कांग्रेस 61 निर्दलीय जीतेे है।

रुद्रप्रयाग जिले के अध्यक्षों के 5 पदों में से 2 भाजपा 1 कांग्रेस तथा 2 निर्दलीयों को मिले हैं। जबकि 26 सदस्यों में से 3 भाजपा 1 कांग्रेस 22 निर्दलीय को मिले हैं। टिहरी गढ़वाल के 10 अध्यक्षों में 7 भाजपा, 3 कांग्रेस को मिले है। सदस्यों के 65 पदों में से 25 भाजपा 11 कांग्रेस 29 निर्दलीय जीते हैं।

उधमसिंह नगर के 17 नगर प्रमुख/अध्यक्ष के पदों में से 10 भाजपा 1 कांग्रेस 6 निर्दलीय जीते हैं जबकि 230 सदस्य/सभासदों में से केवल 75 भाजपा 35 कांग्रेस तथा 120 निर्दलीय जीते हैं।

उत्तराखंड में बागी उम्मीदवारों पर कांग्रेस की सख्ती, पार्टी से छह साल के लिए किया निष्कासित

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उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर बागी नेताओं पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सख्ती बरती है। कमेटी ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले कांग्रेसजनों व पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पार्टी नेताओं को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

Read More : आज चुनावी प्रचार के मैदान में उतरेंगे सीएम, कर्णप्रयाग में रेल लाइन कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे

 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के सोशल मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह ने बताया कि रुड़की में मेयर पद के खिलाफ अपनी पत्नी को बागी के रूप में चुनाव लड़ा रहे पूर्व मेयर यशपाल राणा, रुद्रप्रयाग से बागी उम्मीदवार संतोष रावत, ऊखीमठ से बागी उम्मीदवार कुब्जा धर्मवाण, नगर पालिका बागेश्वर से बागी कवि जोशी, कोटद्वार में बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष महेन्द्र पाल सिंह रावत, ऋषिकेश नगर निगम में बागी उम्मीदवार दिनेशचन्द मास्टर और महेन्द्र सिंह, चमोली जनपद के गौचर से बागी उम्मीदवार सुनील पंवार, कर्णप्रयाग से गजपाल लाल सैनी, अनिल कुमार व अनीता देवी, गैरसैंण से पुष्कर सिंह रावत, पीपलकोटी से आरती नवानी, टिहरी के नगर पालिका चंबा से बागी प्रीति पंवार, घनसाली से विनोद लाल शाह और नगर पालिका टिहरी से भगत सिह नेगी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। सभी को पार्टी से छह साल के लिए निष्कसित किया है।

 

कांग्रेस की उम्मीदवार को हरी झंडी: हरबर्टपुर नगर पालिका से चुनाव लड़ सकेंगी कांग्रेसी प्रत्याशी यामिनी

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हरबर्टपुर नगर पालिका के अध्यक्ष पद की कांग्रेस उम्मीदवार यामिनी रोहिल्ला चुनाव में प्रतिभाग कर सकेंगी। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने नामांकन रद्द करने ठहरा चुनाव लड़ने के निर्देश दिए हैं। हालांकि उनके चुनाव परिणाम को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखा है।

 

फरवरी के दूसरे पखवाड़े में बजट पेश कर सकती है धामी सरकार, सत्र की तैयारियां तेज

 

रोहिल्ला ने अपील दायर कर कहा था कि रिटर्निंग आफिसर ने उनके नामांकन को रद्द करने का जो आधार बताया वह गलत है। विकासनगर के तहसीलदार ने अपने कार्यालय से जारी जाति प्रमाण पत्र को ही विवादित ठहरा दिया। इसके बाद आरओ ने उनका नामांकन रद्द कर दिया। कोर्ट ने उन्हें चुनाव लड़ने के निर्देश दे दिए।

फरवरी के दूसरे पखवाड़े में बजट पेश कर सकती है धामी सरकार, सत्र की तैयारियां तेज

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प्रदेश सरकार फरवरी के दूसरे पखवाड़े में बजट लाने की तैयारी कर रही है। पहली फरवरी को केंद्र सरकार का बजट पेश होने के बाद राज्य सरकार अपने बजट को अंतिम रूप दे देगी। सचिव वित्त दिलीप जावलकर के मुताबिक, आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी विभागों से प्रस्ताव प्राप्त हो गए हैं और इन पर विचार विमर्श हो रहा है।

 

मौजूदा बजट की प्रगति के संबंध में सचिव वित्त ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, बजट के सापेक्ष अभी तक 40 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इसमें 6,000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय है। अंतिम तिमाही चल रही है जिसमें खर्च बढ़ता है। पिछले वर्ष की तुलना में अभी तक की खर्च की दर आठ फीसदी अधिक है।इसमें और अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

 

केंद्र सरकार से हो रही स्वीकृतियों का प्रवाह ठीक है। बजट की तैयारी पर कहा, केंद्र सरकार एक फरवरी को बजट पेश करेगी। इससे हमें अंदाजा हो जाएगा कि कौन सी नई योजनाएं आ रही हैं और कहां से हमें मदद मिल सकती है।

इसके हिसाब से हम अपनी तैयारी करेंगे।कहा, संसाधनों की कोई दिक्कत नहीं है। जीएसटी, वैट में खनन में अच्छा प्रदर्शन रहा है। वन विभाग, यूपीसीएल और अन्य कारपोरेशन में लक्ष्य के अनुरूप धनराशि नहीं मिल रही है।

आज चुनावी प्रचार के मैदान में उतरेंगे सीएम, कर्णप्रयाग में रेल लाइन कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गढ़वाल में निकाय चुनाव प्रचार का आगाज  कर्णप्रयाग से करेंगे। सीएम जहां कर्णप्रयाग में गौचर और कर्णप्रयाग नगर पालिका के प्रत्याशियों के प्रचार में जनसभा को संबोधित करेंगे वहीं सिवाई में रेल लाइन निर्माण के कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को दोपहर दो बजकर बीस मिनट पर कर्णप्रयाग-ऋषिकेश रेल लाइन के सिवाई स्टेशन के नजदीकी खेल मैदान में हेली सेवा से पहुंचेंगे। रेल लाइन के कार्याें के निरीक्षण के बाद सीएम अपराह्न तीन बजे कर्णप्रयाग पहुंचेंगे।

 

यहां सीएम प्रदेश में हो रहे निकाय चुनावों के तहत गढ़वाल में प्रचार का आगाज करेंगे। भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी ने बताया कि सीएम कर्णप्रयाग में गौचर और कर्णप्रयाग के नगर पालिका अध्यक्ष और सभासद के प्रत्याशियों के लिए चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे।

उत्तराखंड कांग्रेस में एक नया भुचाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने छोड़ा कांग्रेस का साथ

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उत्तराखण्ड कांग्रेस से जुड़ी खबर से, निकाय चुनाव के बीच कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड कांग्रेस के संगठन उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है। बताया जा रहा है कि मथुरा दत्त जोशी पत्नी को पिथौरागढ़ सीट से मेयर का टिकट ना मिलने से नाराज़ चल रहे थे और पिछले दिनों उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है। इस बीच चर्चा है कि कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मथुरा दत्त जोशी और पूर्व राज्यमंत्री बिट्टू कर्नाटक आज भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हांलाकि इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

 

मथुरादत्त जोशी लगातार कांग्रेस हाई कमान से नाराज नजर आ रहे थे। उन्होंने अपनी पत्नी के लिए मेयर पद पर टिकट मांगा था। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिलने के बाद मथुरादत्त जोशी पार्टी नेतृत्व से बहुत नाराज हो गए थे। उन्होंने कई बड़ी बताया कि किस तरह से उन्होंने लगभग 50 सालों तक पार्टी की सेवा की है, बावजूद पार्टी ने उन्हें इस योग्य नहीं समझा।

वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का बयान भी सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा कि मथुरा दत्त जोशी को पार्टी ने हर वह पद दिया है जो एक बड़े नेता को किसी भी पार्टी में मिलना चाहिए।

मथुरादत्त जोशी की छवि एक शांत नेता की मानी जाती है। वहीं जब भी कांग्रेस पार्टी को जरूरत पड़ी है जोशी लगातार सामने आकर कांग्रेस पार्टी के लिए खड़े रहे हैं। जब कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा जरूरत बड़े नेताओं की थी और एक के बाद एक कई बड़े नेता कांग्रेस पार्टी को छोड़ रहे थे खासकर मथुरादत्त जोशी के कई करीबी नेता पार्टी को छोड़कर भाजपा में जा रहे थे, तब भी अकेले मथुरादत्त जोशी डटकर कांग्रेस के साथ खड़े नजर आए। बावजूद अब जाकर मथुरादत्त जोशी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

किस मुंह से चलाएंगे महेंद्र भट्ट बागियों पर अनुशासन का डंडा- Congress

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उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के उस बयान को हास्यास्पद बताया है जिसमें उन्होंने बागीयों से नामांकन वापस लेने की बात कही है और नामांकन ना वापस लेने की सूरत में उन्हें पार्टी से निकाल बाहर करने की धमकी दी है। गरिमा ने कहा कि आखिर किस मुंह से महेंद्र भट्ट कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही की बात कर रहे हैं?दसौनी ने भट्ट पर सवाल दागते हुए कहा कि पार्टी का अनुशासन तब कहां गया था जब मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति होने का गंभीर आरोप लगा था? यह अनुशासन तब कहां गया था जब सीबीआई जांच में उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला होने की पुष्टि हुई थी? यह अनुशासन की धमकी तब कहां थी जब रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल न सिर्फ भारत नेपाल बॉर्डर पर 40 जिंदा कारतूसों के संग पकड़े गए थे और तो और उद्यान घोटाले में पौध वितरण में भी उनका नाम आया था? और यह अनुशासन का डंडा लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत पर क्यों नहीं चला जिन्होंने सार्वजनिक सभा में अपने भाषण में पार्टी टिकट ना मिलने की स्थिति में कार्यकर्ताओं से निर्दलीय मैदान में कूदने का निर्देश दिया था, आरक्षण की अनंततिम सूची का विरोध करने वाले विकास नगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान के लिए यह अनुशासन का डंडा कहां चला गया था? भट्ट की यह धमकी मंत्री अरविंद पांडे के लिए क्यों नहीं चली? दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता इस बात को समझ चुका है कि पार्टी की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है। अनुशासन और राजनीतिक सुचिता का खौफ सिर्फ गरीब और छोटे कार्यकर्ताओं को दिखाया जाता है रसूखदार मंत्री और विधायकों के लिए दूसरा कानून और कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी के अंदर दूसरे नियम हैं ,गरिमा ने कहा शायद यही कारण है कि भाजपा में कार्यकर्ता अब ना डरता है और ना ही घबराता है और खुलकर पार्टी के फैसलों का विरोध करता है क्योंकि जब बड़े नेताओं पर ही अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं हो रही है तो फिर छोटे कार्यकर्ताओं पर क्यों? गरिमा ने चुटकी लेते हुए कहा की कहीं महेंद्र भट्ट अनुशासन का डंडा चलाने में ढीले इसलिए तो नहीं पड़ रहे हैं क्योंकि वह अध्यक्ष पद से हटने वाले हैं और बड़े नेताओं से अपने संबंध बिगाड़ना नहीं चाहते?