उत्तराखंड के 100 नगर निकायों में मेयर, अध्यक्ष से लेकर वार्डों की आपत्तियों का निपटारा रविवार को देर रात तक कर दिया गया। इसके साथ ही शहरी विकास निदेशालय ने दोनों रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब इसका अध्ययन करके शासन निकायों की अंतिम अधिसूचना जारी करेगा। इसके बाद निर्वाचन आयोग को चुनाव का प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।
निकाय चुनाव की तैयारियां चरम पर हैं। शनिवार को देर रात तक काम करने के बाद शहरी विकास निदेशालय ने मेयर, नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण पर आई आपत्तियों का निपटारा करके शासन को रिपोर्ट भेज दी। रविवार को सभी जिलों के साथ ही शहरी विकास निदेशालय भी रोजमर्रा की तरह खुला रहा।
रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद शासन अंतिम अधिसूचना जारी करेगा-
दिनभर जिलों से निकायों की वार्डवार आपत्तियों के निपटारे के बाद की रिपोर्ट आती रहीं। खबर लिखे जाने तक देहरादून, अल्मोड़ा और हरिद्वार को छोड़कर बाकी सभी जिलों की रिपोर्ट निदेशालय को मिल चुकी थीं। निदेशालय के अफसरों ने बताया कि देर रात तक सभी जिलों की रिपोर्ट प्राप्त करके शासन को भेज दी जाएगी।
इन दोनों रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद शासन अंतिम अधिसूचना जारी करेगा। इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव का प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। इसके बाद आयोग चुनाव का कार्यक्रम तैयार करके शासन के संज्ञान के लिए भेजेगा और फिर हरी झंडी मिलते ही चुनाव की अधिसूचना जारी कर देगा। माना जा रहा है कि इस सप्ताह में प्रदेश में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। इसके साथ ही आचार संहिता लागू हो जाएगी।
नियमावली के तहत परखी गईं आपत्तियां-
शहरी विकास निदेशालय ने जिस नियमावली के तहत आरक्षण रोस्टर बनाकर अनन्तिम अधिसूचना जारी की थी, उसके मुताबिक ही आपत्तियों को परखने के बाद उनका निपटारा किया गया। इसके तहत ही रिपोर्ट तैयार की गई है। इसी प्रकार जिलाधिकारियों ने भी अपने स्तर से नियमावली के तहत आपत्तियों की सुनवाई और निपटारा किया है।
Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी में 188.07 करोड़ रुपये के 74 कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इनमें चार ईवी स्टेशनों समेत 36 कार्यों का लोकार्पण किया गया। इन पर लगभग 111.22 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। जबकि, 76.85 करोड़ रुपये के 38 कार्यों का शिलान्यास भी किया।
सीएम धामी ने कहा कि देहरादून को आदर्श शहर की तरह विकसित करना है। इसी क्रम में जनता की सहूलियत के लिए सरकार लगातार विकास कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस वक्त देहरादून की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक जाम है। इससे निजात के लिए पार्किंग स्थलों को विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में 11 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली दो ऑटोमेटेड और एक भूतल पार्किंग का भी शिलान्यास किया जा रहा है। इससे बहुत हद तक शहर के एक बड़े हिस्से को जाम से मुक्त रखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए तीन रेस्क्यू वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय में पत्र प्रबंधन डेस्क का भी शुभारंभ किया गया। इससे यहां आने वाले पत्रों की ट्रेकिंग भी आसान हो जाएगी। वहीं, प्रस्तावित 11 ईवी चार्जिंग स्टेशनों में से चार स्टेशनों का भी लोकार्पण मुख्यमंत्री ने किया। जल्द ही सात ईवी चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे शहरवासियों को इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की सुविधा मिलेगी। इससे शहर में पर्यावरण संरक्षण भी हो सकेगा।
समग्र विकास के लिए काम कर रही सरकार : CM धामी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत स्मार्ट शौचालय बनाने, स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट की शुरुआत की गई है। स्मार्ट स्कूलों की स्थापना करने के साथ ही लैंसडाउन चौक पर 650 पाठकों की क्षमता वाली अत्याधुनिक लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है।
शहर में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। हर्रावाला में 300 बेड वाले कैंसर अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजानदास, सहदेव पुंडीर, सविता कपूर, निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा आदि मौजूद रहे।
Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रविवार को सीएम आवास में बॉलीवुड की अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे ने शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बड़े फिल्म शूटिंग डेस्टीनेशन के तौर पर उभर रहा है। देशभर से फिल्म निर्माता उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर राज्य में फिल्म शूटिंग के लिए आ रहें हैं। यहां फिल्मांकन की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार, इस दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड की नई फिल्म नीति, राज्य में फिल्मों को बढ़ावा दे रही है। बॉलीवुड के साथ ही स्थानीय बोली भाषाओं पर आधारित फिल्मों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। देवभूमि में आने वाला हर कोई यहां का बेहतर अनुभव लेकर जा रहा है।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य में उत्तराखण्ड फिल्म नीति-2024 बनाई गई है। हिन्दी एवं संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की फिल्मों को अनुदान राशि राज्य में व्यय कुल धनराशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है। विदेशी फिल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट की फिल्मों पर राज्य में व्यय राशि का 30 प्रतिशत या अधिकतम 03 करोड़ तक का अनुदान दिया जा रहा है।
Dehradun: सीएम धामी ने आज जनपद पौड़ी गढ़वाल के सतपुली में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान पूर्वी नयार नदी में बनने वाली बहुउद्देशीय सतपुली झील का शिलान्यास सहित लगभग 172.65 करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। जिसमें ₹123.53 करोड़ की 04 योजनाओं का शिलान्यास व ₹49.12 करोड़ की 20 योजनाओं का लोकार्पण शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड बीरोंखाल के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज भरोली खाल व बीरोंखाल में नवीन भवन का निर्माण कराए जाने, विकासखण्ड एकेश्वर व कल्जीखाल के मध्य नयार पाटीसैण व असवालस्यूँ के मध्य पश्चिमी नयार नदी के ऊपर मोटर पुल निर्माण कराए जाने, विकासखण्ड एकेश्वर मुख्यालय में मिनी स्टेडियम का निर्माण , रवांसा नदी के ऊपर निर्मित पीपलडोंगा पुल से 500 मीटर ऊपर की ओर बैराज का निर्माण, ताड़केश्वर महादेव में पुलिस चौकी की स्थापना किए जाने की घोषणा की।
सीएम धामी ने कहा कि आज जिस झील का शिलान्यास किया गया है उसका लाभ आने वाली कई पीढ़ियों को भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क, हवाई कनेक्टिविटी के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास किया जा रहा है। प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में वृहद स्तर पर निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करने के लिए हम संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में 5000 एकड़ से अधिक भूमि से अतिक्रमण हटाया गया है। उन्होंने कहा कि 2025 के जनवरी माह में हम प्रदेश में यूसीसी लागू करने जा रहे हैं। बहुत जल्द हम राज्य की जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सख्त भू-कानून भी लाने वाले हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र चौबट्टाखाल की विकास पुस्तिका का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर सतपाल महाराज भी रहे मौजूद-
विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, विधायक लैंसडाउन महंत दिलीप रावत, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र अंथवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष कोटद्वार वीरेंद्र रावत, जिलाध्यक्ष पौड़ी सुषमा रावत, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
Dehradun: प्रदेश में 374 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ओ 6185 सहायिकाओं समेत कुल रिक्त 6559 पदों पर महिलाओं को शीघ्र रोजगार मिलेगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने गुरुवार को इन पदों पर नियुक्ति करने के निर्देश जारी किए।
विभाग अगले दो दिन में इसकी विज्ञप्ति जारी कर सकता है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय में विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मंत्री रेखा आर्य ने यह जानकारी दी। बताया, प्रदेश में लगभग सभी जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का उच्चीकरण किया गया था, जिसके बाद वहां तैनात सहायिकाएं आंगनबाड़ी बन गईं।
इससे सहायिकाओं के काफी पद खाली हो गए थे। हाल ही में आंगनबाड़ी भर्ती नियमावली में संशोधन के बाद इसका शासनादेश हुआ था, जिससे इन पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हुआ। मंत्री ने बताया, विभाग को अगले एक-दो दिन के भीतर विज्ञप्ति जारी करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगाए जाएंगे। आवेदन करने के लिए महिला अभ्यर्थियों को करीब 30 दिन का समय दिया जाएगा। विभाग के अधिकारियों को यह भर्ती प्रक्रिया तेजी से पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
5 दिन के भीतर मांगे प्रस्ताव-
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने नंदा गौरा योजना व अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केद्रों के नए मानकों के मुताबिक वहां पेयजल, बिजली और शौचालय की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मंत्री ने सभी 13 जिलों के जिला कार्यक्रम अफसरों को पांच दिन के भीतर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में इन सुविधाओं को मुहैया कराने संबंधित प्रस्ताव निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा, नंदा गौरा योजना में 31 दिसंबर तक ज्यादा से ज्यादा आवेदन मंगाए जाएं।
आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण में बहानेबाजी सहन नहीं-
बैठक में प्रदेश में प्रस्तावित 3940 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की समीक्षा की गई । विभागीय मंत्री ने चेतावनी दी कि आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण को लेकर कोई बहानेबाजी सहन नहीं की जाएगी। यदि किसी जगह पर भूमि उपलब्ध नहीं हो रही है तो आंगनबाड़ी केंद्र के लिए ऐसा स्थान चिह्नित करें, जहां भूमि उपलब्ध हो। बैठक में सचिव चंद्रेश यादव, निदेशक प्रशांत आर्या, उप निदेशक विक्रम सिंह, मोहित चौधरी, आरती बलोदी, उदय प्रताप सिंह उपस्थित रहे।
Dehradun: प्रदेश में अवैध रूप से चल रहे मदरसों की जांच के लिए पुलिस ने भी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब पुलिस प्रदेश में मदरसों का वेरिफिकेशन करेगी। साथ ही मदरसों में अवैध फंडिंग को लेकर भी जांच की जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति भी बनाई गई है।
आईजी व पुलिस प्रवक्ता उत्तराखंड डॉ. नीलेश आंनद भ रणे ने बताया कि प्रदेशभर में मदरसों का वेरिफिकेशन कराया जाएगा। इसके साथ ही मदरसों में अवैध फंडिंग की भी जांच कराई जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि मदरसों में बाहरी राज्यों के बच्चे तो नहीं पढ़ रहे हैं।
इसके लिए जिले में डीएम की अध्यक्षता में समिति भी बनाई गई है। इसमें सभी विभाग मिलकर मदरसों की जांच करेंगे। समिति में पुलिस से लेकर सभी विभागों को शामिल किया गया हैं। समिति सभी मदरसों की जांच कर एक महीने में इसकी रिपोर्ट सौंपेगी।
Dehradun: राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभाग और सरकारी कार्यालयों में आयोजित होने समारोहों, बैठकों के लिए स्थानीय समूहों के उत्पाद खरीदे जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
महिलाओं और किसानों की मजबूती का बनेगा आधार –
मुख्य सचिव की ओर से गुरुवार को जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड में अलग – अलग विभागों के सहयोग से विभिन्न प्रकार के स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों, महिला कृषकों और एकल महिला उद्यमियों द्वारा कई प्रकार के उच्च गुणवत्ता युक्त स्थानीय उत्पाद बनाए जा रहे हैं। उत्तराखंड सरकार भी विभिन्न शासकीय कार्य्रकमों, बैठकों, समारोह में उपहार देने के लिए स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता के आधार पर क्रय करने पर जोर दे रही है। इसी क्रम में सभी विभाग, कार्यालय अपने अधीन होने वाले कार्यक्रमों, समारोहों के लिए स्थानीय उत्पादों की खरीद करेंगे। इससे समूहों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ ही, लोगों को भी गुणत्ता पूर्ण उत्पाद हासिल हो सकेंगे।
प्रदेश सरकार ने गत वर्ष स्थानीय उत्पादों का अम्ब्रेला ब्रांड हाउस आफ हिमालयाज भी लांच किया है। इसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों, दिसंबर 2023 के दौरान देहरादून में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर समिट के दौरान हुआ था। वर्तमान में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के तहत आठ श्रेणी में कुल 35 उत्पादों को शामिल किया गया है। इसमें मिलेट्स बिस्किट, मुन्स्यारी, चकराता, हर्षिल की राजमा, चौलाई, तोर दाल, पहाड़ का परंपरागत लाल चावल, झंगोरा, गहथ, काले भट्ट, चाय, तेल, पर्सनल केयर, हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखंडी उत्पादनों की मांग विगत कुछ वर्षों से पूरे देश में की जा रही है .. इससे न केवल प्रदेश के आम लोगों की आजीविका मजबूत होगी बल्कि महिलाओं के लिए ,जो स्वयं सहायता समूह के जरिए या खुद संचालन करती हैं उनको भी बहुत फायदा होगा।
Dehradun: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि नई दिल्ली में नवनिर्मित उत्तराखंड निवास आम जन के लिए भी उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। सीएम ने प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए कहा कि उत्तराखंड निवास में कक्ष आरक्षण के लिए जारी शासनादेश को तत्काल संशोधित किया जाए और उत्तराखंड के आम व्यक्ति को भी उपलब्धता के आधार पर वहां कक्ष मिल सके ऐसी व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने दरों का भी पुनर्निर्धारण करने के निर्देश दिए है।
बुधवार को जारी शासनादेश को सीएम धामी ने संशोधित करने के निर्देश दिए। शासनादेश के मुताबिक दिल्ली में बनाए गए नए उत्तराखंड निवास में केवल नेता और आला अफसरों को ही ठहरने की सुविधा दिए जाने की बात कही गई थी। बाकी के लिए यहां प्रवेश नहीं रहेगा। राज्य संपत्ति विभाग ने इसके लिए रेट लिस्ट और ठहरने के पात्र लोगों की सूची जारी कर दी थी।
उत्तराखंड निवास में केवल राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीश, सांसद, विधायक, दायित्वधारी, पूर्व मुख्यमंत्री, एडवोकेट जनरल, राष्ट्रीय या राज्य स्तर का दर्जा प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रदेश अध्यक्ष, विभिन्न संवैधानिक आयोगों के अध्यक्ष, मेयर, जिपं अध्यक्ष, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, प्रमुख वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक, राज्य के मुख्य स्थायी अधिवक्ता, 13-ए ग्रेड लेवल या उच्च वेतन के अफसरों को ठहरने की सुविधा दी जानी थी।
अपर सचिवों से लेकर आम आदमी तक के लिए यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं की गई। जिसका संज्ञान लेते हुए सीएम धामी ने तत्काल इसे संशोधित करने के निर्देश दिए। यहां उत्तराखंड शासन या सरकारी विभागों की बैठक निशुल्क कराई जा सकेंगी। निगमों या समितियों को बैठक के लिए 15,000 रुपये प्रतिदिन प्रति कार्यक्रम देने होंगे। अन्य को 35,000 रुपये प्रति कार्यक्रम देने होंगे।
Dehradun: उत्तराखंड एक ऐसा राज्य जिसमें पर्यटन को लेकर अपार संभावनाएं हैं,,सिर्फ चार धाम यात्रा ही नहीं कई जगहें ऐसी हैं जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती है,,,,लेकिन पर्याप्त प्रचार – प्रसार और उचित व्यवस्थाएं न होने के चलते इन जगहों को देश दुनिया नहीं जानती है,लेकिन चारधाम यात्रा के साथ – साथ इन स्थानों के विकास के लिए एक नया तरीका धामी सरकार ने ढूढ़ लिया है,,,,दरअसल ऐसे स्थानों को देश दुनिया की नजर में लाने के लिए सरकार ने अब कई जगहों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का फैसला किया है,इसके लिए बाकयदा सरकार ने निति बनाने की तरफ तेजी से कदम बढ़ा दिया है।
उत्तराखंड में वेडिंग डेस्टिनेशन विकसित किये जाने के लिए पर्यटन विभाग चार सप्ताह में पॉलिसी बनाएगा।पंतनगर और देहरादून एयरपोर्ट में विमानों की नाइट लैंडिंग की व्यवस्था के लिए की जा रही कार्यवाही में तेजी लाई जाए। दो नये शहरों को विकसित करने की कार्ययोजना को धरातल पर लाने के लिए तेजी से कार्यवाही की जाए। गंगा और शारदा कॉरिडोर डेवलपमेंट और डाकपत्थर में बनने वाले नॉलेज सिटी के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाएं। जून 2026 तक सभी परियोजनाओं पर विधिवत कार्य प्रारंभ किया जाए। सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यू.आई.आई.डी.बी.) की तृतीय बैठक के दौरान ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि विरासत के साथ विकास के मॉडल पर कार्य किया जाए।
वीडियो देखें: उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री का कमाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आगामी 25 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न विकास योजनाओं का सुनियोजित प्लान कर कार्य किये जाएं। 2047 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य में भी अल्पकालिक, लघुकालिक और दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड के तहत सभी परियोजनाओं से संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य किया जाए। जनप्रतिनिधियों और स्टेक होल्डर्स के सुझावों को शामिल कर परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाने के लिये विभिन्न स्थानों का चयन कर वहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान देने को कहा। इसके लिए वेडिंग प्लानरों, होटल समूहों से सहयोग लेकर इसके प्रचार प्रसार पर भी ध्यान देने पर बल दिया। राज्यों में दो नये शहरों के विकास और सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए स्पष्ट कार्ययोजना के तहत कार्य करने के उन्होंने निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यू.आई.आई.डी.बी. की परियोजनाओं के तहत पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। गंगा और शारदा कॉरिडोर के पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य हित में जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये यू.आई.आई.डी.बी. का गठन किया गया है, उसके परिणाम शीघ्र धरातल पर दिखाई दें।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक मदन कौशिक, रेनू बिष्ट, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर राजेश कुमार, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. आशीष चौहान, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।