उत्‍तरकाशी टनल में 41 जान: मजदूरों का फूटा गुस्सा, बोले- मजदूर नहीं टनल बचाना चाहते हैं.

उत्‍तरकाशी टनल में 41 जान: मजदूरों का फूटा गुस्सा, बोले- मजदूर नहीं टनल बचाना चाहते हैं.

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देहरादून: उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को लेकर कंपनी की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। सिल्क्यारा सुरंग में 40 नहीं बल्कि 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। मजदूरों के फंसने के सातवें दिन यह खुलासा हुआ है जिससे साफ जाहिर होता है कि एनएचआईडीसीएल और निर्माण कंपनी नवयुग कंस्ट्रक्शन ने इस मामले में कितनी बड़ी लापरवाही की है। डीएम अभिषेक रोहिल्ला के अनुसार, बिहार मुजफ्फरपुर निवासी श्रमिक के बारे में पता चला है कि वह भी सुरंग में फंसा हुआ है।
सिल्क्यारा सुरंग में 12 नवंबर की सुबह से श्रमिक फंसे हुए हैं। पूर्व में कंपनी ने 40 श्रमिकों की सूची जारी की थी, लेकिन शनिवार सुबह यह बड़ा खुलासा हुआ है कि सुरंग में 40 नहीं बल्कि 41 मजदूर फंसे हुए हैं। 41वें श्रमिक की पहचान बिहार मुजफ्फरपुर के गिजास टोला निवासी दीपक कुमार के रूप में हुई है।

सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने में देरी से साथी मजदूरों में आक्रोश है। शनिवार को मजदूरों ने सुरंग निर्माण से जुड़ी एनएचआईडीसीएल व निर्माण कंपनी नवयुगा के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कंपनी गरीब मजदूरों को नहीं बल्कि सुरंग बचाना चाहती है। इसी कारण मजदूरों को बाहर निकालने में देरी की जा रही है। अंदर फंसे उनके साथियों का हौसला टूट रहा है और वह रो रहे हैं। 

अंदर फंसे साथियों की चिंता कर रहे कुछ मजदूर रोने लगे, जिन्हें अधिकारियों ने ढांढस बंधाया। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार को सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है। लेकिन अब तक कोई सफलता मिलती नजर नहीं आ रही है। इससे गुस्साए मजदूरों ने शनिवार को एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत प्रसाद के नेतृत्व में एनएचआईडीसीएल व नवयुगा कंपनी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी प्रशांत ने आरोप लगाया कि कंपनी यहां मजदूरों को नहीं बल्कि सुरंग को बचाना चाहती है। मजदूर हंसराज ने कहा कि यहां रेस्क्यू ऑपरेशन को गंभीरता से नहीं चल रहा है। अधिकारी पिकनिक मना रहे हैं। चंदन ने कहा कि अंदर फंसे उनके साथियों का हौसला अब टूट रहा है और वह रो रहे हैं। कहा कि एक मशीन फेल हो रही है तो दूसरी आती है। अंदर फंसे आदमी को कैसे समझाएं। वह तो यही कहते हैं कि हमको निकाल लो भाई।

चंदन ने बताया कि उनका इलेक्ट्रिशियन दोस्त सोनू कुमार हिम्मत हार रहा है। वह कह रहा है कि हमें कब तक बाहर निकालोगे, अंदर दम घुट रहा है। मजदूरों ने बैठक कर रहे अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। बाद में एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक मोहम्मद अहमद व अधिशासी निदेशक संदीप सुगेरा ने रेस्क्यू के तहत किए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। 

ईडी संदीप सुगेरा ने कहा कि अंदर फंसे सभी लड़के उनके बच्चें की तरह हैं। वह भी उन्हें सुरंग से जल्द से जल्द बाहर निकालने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने रेस्क्यू के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। प्रबंधक निदेशक मोहम्मद अहमद ने सभी मजदूरों से रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयेाग की अपील की। इस दौरान अंदर फंसे साथियों की चिंता कर रहे कुछ मजदूर रोने लगे। जिन्हें ईडी]संदीप सुगेरा ने ढांढस बंधाया कि सब को जल्द बाहर निकालेंगे।

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