प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के लिए आखिर ऐसा क्या कहा की मुख्य न्यायाधीश ने दिया ऐसा रिएक्शन…
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भारत आज 77 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लाल किले की प्राचीर से दसवां स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया। आज सभी न्यूज़ चैनल से लेकर सभी स्वतंत्र पत्रकार और मीडिया प्रधानमंत्री के भाषण की व्याख्या की किसी ने प्रधानमंत्री के भाषण को अच्छा और किसी ने निराशाजनक बताया। लेकिन आज हम इस भाषण को न ही सही और न ही गलत बता रहे हैं ,बल्कि हम आज आपको प्रधानमंत्री के भाषण की मुख्य बातों को बताएंगे, आपको इस खबर में ये बताएँगे कि प्रधानमंत्री के भाषण में किस चीज को कितनी बार दोहराया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने की सुप्रीम कोर्ट की सराहना-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को 10 वीं बार सम्बोधित किया, इस दौरान उन्होंने मणिपुर से लेकर परिवारवाद तक का अपने भाषण में जिक्र किया। वहीं पीएम ने अदालती फैसलों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सराहना की। स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी मौजूद थे, उन्होंने प्रधानमंत्री की टिप्पणी को हाथ जोड़कर स्वीकार किया और अभिवादन किया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को भी धन्यवाद देता हूं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने अक्सर अदालतों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। गणतंत्र दिवस और अपने स्थापना दिवस को और यादगार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को एक हजार से ज्यादा फैसलों का दस भाषाओं में अनुवाद जारी कर इसकी शुरुआत की थी,
PM ने कई बार किया इन विषयों का जिक्र-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को 10वीं बार संबोधित किया. 90 मिनट के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने 48 बार परिवारजन, 43 बार सामर्थ्य का इस्तेमाल किया. वहीं, महिलाएं/नारी शब्द का इस्तेमाल 35 बार किया.. इसके अलावा पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 19 बार संकल्प शब्द बोला,,जबकि आजादी 16 बार,, पीएम मोदी के भाषण में युवाओं का 12 बार जिक्र आया.. जबकि 5 बार उन्होंने सामाजिक न्याय की बात कही. 90 मिनट के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने 12 बार परिवारवाद, 11 बार भ्रष्टाचार और 8 बार तुष्टिकरण का जिक्र किया. पीएम ने मणिपुर मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ खड़ा है. पिछले कुछ दिनों से जो शांति बनाकर रखी है, मणिपुर के लोग उसे आगे बढ़ाएं। ‘अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किए है। जिन्होंने इसे सहा, उनके प्रति मैं गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।
क्या कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने-
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘इस कालखंड में हम जो करेंगे, जो कदम उठाएंगे, त्याग करेंगे, तपस्या करेंगे, आने वाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास उससे अंकुरित होने वाला है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपके सामने देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, उसमें हुई प्रगति और सफलता के गौरव गान को इससे भी अधिक आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत करूंगा। उन्होंने कहा कि अगली बार इसी लाल किले पर और अधिक आत्मविश्वास के साथ आऊंगा। उन्होंने कहा कि मैं साल 2014 में परिवर्तन का वादा लेकर आया था। देश के 140 करोड़ लोगों ने मुझ पर भरोसा किया। रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफर का वादा विश्वास में बदल गया। मैंने इस वादे को विश्वास में बदल दिया है।
विपक्ष ने किया पलटवार-
इस मौके पर पक्ष-विपक्ष के नेता और सांसद लाल किले पर पहुंचे थे, वहीं एक कुर्सी भी खाली दिखाई दी। ये कुर्सी कांग्रेस के एक बड़े नेता की थी। ये सीट राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की थी। वो पीएम मोदी का भाषण सुनने नहीं पहुंचे, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई। हालांकि, कांग्रेस ने इस पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि खरगे को ठीक महसूस नहीं हो रहा था, इसलिए वो लाल किले पर नहीं पहुंचे। 90 मिनट के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ऐलान किया कि वे 2024 में भी लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे. पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजद चीफ लालू यादव ने पलटवार किया है. खड़गे ने कहा कि मोदी झंडा तो फहराएंगे, लेकिन अपने घर पर. लालू ने कहा कि ये आखिरी बार है.
पीएम मोदी ने अगले 5 साल की दी गारंटी-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर बार स्वतंत्रता दिवस पर अपने परिधान और वेशभूषा को लेकर चर्चा में रहते हैं। इसके अलावा उनके साफा बांधने का अंदाज सबसे ज्यादा आकर्षक होता है। हर ध्वजारोहण में प्रधानमंत्री अलग-अलग रंगों की पगड़ी पहन कर ध्वजारोहण कर चुके हैं,, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से देश के सामने अपनी सरकार के नौ साल का बही खाता रखा। 2024′ से पहले ही मोदी ने अगले पांच साल की गारंटी भी दे दी। उन्होंने कहा, हम आज जो शिलान्यास कर रहे हैं, उनका उद्घाटन भी मेरे नसीब में है। बतौर मोदी, अगले स्वतंत्रता दिवस पर मैं आपके सामने अपनी सरकार की सफलता का रिपोर्ट कार्ड पेश करूंगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 10वीं बार किया सम्बोधित-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक कुल 10 बार लाल किले से देश को संबोधित कर चुके हैं। केवल एक बार उन्होंने देश को एक घंटे से कम समय के लिए संबोधित किया। 2017 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण केवल 56 मिनट का रहा था। ये उनका अब तक का सबसे छोटा भाषण है। प्रधानमंत्री ने जब साल 2014 में देश को पहली बार लाल किले से संबोधित किया तो उन्होंने कुल 65 मिनट तक भाषण दिया। इसके बाद, साल 2015 में उन्होंने 86 मिनट तक देश को संबोधित किया। देश जब आजादी की 70वीं वर्षगांठ मना रहा था, उस दौरान पीएम मोदी ने देश को लाल किले से 94 मिनट तक संबोधित किया। यह उनके प्रधानमंत्री के रूप में रहने के दौरान लाल किले से दिया गया सबसे लंबा भाषण है। पीएम मोदी ने 2017 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 57 मिनट, 2018 में 82 मिनट और 2019 में 92 मिनट तक देश को संबोधित किया। इसके बाद 2020 में 86 मिनट, 2021 में 88 मिनट, 2022 में 83 मिनट और 2023 में 90 मिनट तक पीएम मोदी ने लाल किले से भाषण दिया।
सबसे ज्यादा बार किस ने फहराया तिरंगा-
जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। लाल किले की प्राचीर से सबसे ज्यादा बार तिरंगा झंडा लहराने का अवसर उन्हें ही मिला था। नेहरू 1947 से लेकर 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर रिकॉर्ड 17 बार झंडा फहराया। इस मामले में दूसरे नंबर पर भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री और जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी हैं। उन्होंने लाल किले पर 16 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया है।