Karnataka: स्कूलों में हिजाब पहनने के मामले पर सियासत तेज, भाजपा ने किया विरोध तो कांग्रेस-RLD ने कही ये बड़ी बात.
कर्नाटक में स्कूलों में हिजाब पहनने को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को स्कूलों में हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध को हटाने का ऐलान किया। इस कदम की जहां एक तरफ भाजपा ने आलोचना की, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने सही कदम बताया। आइए जानते हैं कि कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं की इस फैसले पर क्या राय है।
कर्नाटक में स्कूलों में हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध हटाए जाने पर राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। राज्य की शिक्षा नीति में संस्कृति, अध्ययन और अन्य चीजें शामिल हैं।
जानिये क्या कहा प्रियांक खरगे ने ?
वहीं, कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि राज्य सरकार जो कुछ भी कर रही है वह कानून और संविधान के ढांचे के अनुसार है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास करने के लिए कोई काम नहीं है, उन्हें पहले अपने घर को संभालना चाहिए।
इसके अलावा, आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा, ‘संवैधानिक दृष्टिकोण से यह सही फैसला है। लोगों को आजादी दी गई है। अगर भोजन और पहनावे पर इस तरह के प्रतिबंध हैं, तो इससे आपातकाल जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी।’
भाजपा का हमला-
गौरतलब है, कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब की अनुमति देने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कम से कम शिक्षण संस्थानों को गंदी राजनीति से बचा सकते थे। अल्पसंख्यक या मुस्लिम समुदाय के किसी भी बच्चे ने हिजाब की मांग नहीं की है, लेकिन सीएम का दावा है कि वह स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में हिजाब की अनुमति देंगे। यह सीएम की मंशा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। यह सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति है और यह पूरी तरह से फूट डालो और राज करो की प्रथा है जिसका पालन कांग्रेस पार्टी करती है। हम इस कदम की कड़ी निंदा करते हैं।’