Day: March 20, 2025

Uttarakhand News: धधकते रहे जंगल.. 2 लाख हेक्टेयर में किए इंतजाम फिर भी सैकड़ों हेक्टेयर जंगल हुए राख.

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पिछले साल वन महकमे ने जंगल की आग से वनों को बचाने के लिए दो लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में नियंत्रित फुकान (कंट्रोल बर्निंग) किया। इसके बावजूद प्रदेश के वन धधकते रहे। ऐसे में वन महकमे का किया गया नियंत्रित फुकान सवालों में है।

यही नहीं जंगल की आग के नियंत्रण के लिए एक बड़ी रकम विभाग को तब जारी की गई, जब फायर सीजन खत्म हो रहा था। हालांकि इस बार पहले से अधिक चाकचौबंद इंतजाम होने का दावा किया जा रहा है। वन विभाग जंगल से आग से बचाव के लिए फायर लाइन की सफाई, कंट्रोल बर्निंग, जागरूकता अभियान चलाने जैसे प्रयास करता है। इन कोशिशों के बाद भी जंगल में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं।

पिछले साल की बात करें तो जंगल को वनाग्नि से बचाने के लिए 25 वन प्रभागों में नियंत्रित फुकान का काम किया गया, इसमें वन विभाग 201253.94 हेक्टेयर में नियंत्रित फुकान किया था। इसके बाद भी 1273 घटनाएं हुईं, इनमें 1768 हेक्टेयर जंगल में जैव विविधता प्रभावित हुई।

कंट्रोल बर्निंग के प्रभावों को लेकर अध्ययन नहीं-

वन विभाग जंगल से आग से बचाव के लिए सूखी पत्तियां जैसे फ्यूल लोड वनों में होता है, उसको हटाने के लिए उसे नियंत्रित तौर पर जलाया (कंट्रोल बर्निंग) जाता है। पर जिन प्रभागों और स्थानों पर कंट्रोल बर्निंग होती है वहां क्या प्रभाव पड़ा है, शायद ही कभी इसका अध्ययन किया गया हो। जबकि वन विभाग में कर्मियों की टीम से लेकर वन अनुसंधान जैसी शाखा भी है। कंट्रोल बर्निंग के प्रभाव के अध्ययन को लेकर अधिकारियों के पास भी सटीक जवाब नहीं है।

मई, जून में जारी हुआ करोड़ों का बजट-

 

15 फरवरी से 15 जून तक फायर सीजन होता है। वन विभाग ने वनाग्नि नियंत्रण के लिए बजट जारी करने के कई आदेश हुए। इसमें बड़ी रकम मई और जून में जारी हुई। पिछले साल में मार्च में पहले नौ लाख की राशि जारी हुई। जबकि एक करोड़ दस लाख की राशि जारी करने का आदेश 20 जून को किया गया। वहीं, कैंपा से भी 20 मई को सवा पांच करोड़ से अधिक की राशि जारी की गई।जंगल की आग नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

इसमें जंगल से फ्यूल लोड हटाने के लिए 10 रुपये प्रति किलो पिरुल देने का आदेश किया गया है। फायर लाइन की सफाई का काम किया जा रहा है। अन्य कदम भी उठाए गए हैं। रही बात कंट्रोल बर्निंग की तो यह जंगल से फ्यूल लोड को कम करने की एक प्रक्रिया है, जिससे बड़े नुकसान को रोका जा सके। -आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव वन

Uttarakhand News: प्रदेश में 23 माध्यमिक विद्यालय हुए बंद, 3 हजार प्राथमिक बंदी की कगार पर.

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प्रदेश के 23 माध्यमिक विद्यालय छात्र संख्या शून्य होने एवं विद्यालय विलय किए जाने से बंद कर दिए गए हैं। वहीं तीन हजार प्राथमिक विद्यालय बंदी की कगार पर हैं। जिनमें छात्र-छात्राओं की संख्या 10 या फिर इससे भी कम रह गई है। यह हाल तब है जबकि विभाग का दस हजार करोड़ से अधिक का बजट है।

वहीं, विभागीय मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत गांव में बच्चे होने पर क्षेत्र के एक भी विद्यालयों को बंद न किए जाने का दावा कर रहे हैं। राज्य में पिछले तीन साल में जिन माध्यमिक विद्यालयों को बंद किया गया है, उनमें टिहरी, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, चमोली व नैनीताल जिले के विद्यालय शामिल हैं।

टिहरी जिले में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्वीली, पौड़ी जिले में राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सौडियाखाल एवं राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़कोट को छात्र संख्या शून्य होने की वजह से बंद किया गया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक विद्यालयों में घटती छात्र संख्या के चलते विद्यालयों को बंद किया गया है।

शिक्षा मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत का कहना है कि यदि गांव में बच्चे हैं तो सरकार एक भी स्कूल को बंद नहीं करेगी। एक हजार से अधिक छात्र संख्या वाले मात्र 11 इंटर कालेज: प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में छात्रों की घटती संख्या का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि राज्य में मात्र 11 इंटर कालेज हैं, जिनमें छात्र संख्या एक हजार से अधिक है। जबकि छात्र संख्या 500 से कम वाले 1108 इंटर कालेज हैं।

Uttarakhand: कैबिनेट में बदलाव से पहले हो सकता है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का एलान, दौड़ में कई नाम है शामिल.

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उत्तराखंड में प्रदेश मंत्रिमंडल में बदलाव से पहले भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का एलान हो सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बुधवार को दिल्ली में होने के बाद सियासी हलकों में कैबिनेट में फेरबदल की संभावना को लेकर चर्चाओं का बाजार गरमाता रहा। सूत्रों से खबर आई कि ये दोनों शुभ कार्य नवरात्र तक हो सकते हैं। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को नई दिल्ली से लौट आएंगे।

कैबिनेट में बदलाव को लेकर केंद्रीय नेताओं से पहले बातचीत होगी। चर्चा का यह सिलसिला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बंगलुरू में होने वाली प्रतिनिधि सभा के बाद शुरू हो सकता है। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष प्रतिनिधि सभा में शामिल होंगे। प्रतिनिधि सभा 21, 22 व 23 मार्च तक आयोजित होगी। माना जा रहा है कि धामी सरकार अपने तीन साल पूरे होना का जश्न मौजूदा मंत्रिमंडल के साथ मनाएगी। 23 मार्च को सरकार के तीन साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद सीएम धामी केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करने के लिए दिल्ली जा सकते हैं। तब तक केंद्रीय नेताओं के आरएसएस की प्रतिनिधि सभा से लौट आने की संभावना है। इन सभी परिस्थितियों के आधार पर अब यही माना जा रहा है कि पार्टी कम से कम कैबिनेट विस्तार या इसमें फेरबदल नवरात्र में कर सकती है।

 

प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नाम-

भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नामों की चर्चा है। इनमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद महेंद्र भट्ट को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने चर्चाएं भी खासी गर्म रही हैं। पिछले कुछ दिनों से भट्ट अपने बयानों और बेटे के भूमि सौदे को लेकर सोशल मीडिया में विरोधियों के निशाने पर हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी का नाम की भी चर्चा है। यदि पार्टी ब्राह्मण चेहरे के बजाय दलित चेहरे का प्रयोग करेगी तो पूर्व कैबिनेट मंत्री खजानदास के नाम को गंभीरता से देखा जा रहा है। इनके अलावा वरिष्ठ विधायक विनोद चमोली के नाम की भी चर्चा है। महिला चेहरे के तौर पर पार्टी विधायक आशा नौटियाल और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज का नाम भी लिया जा रहा है। कई विधायक व अन्य युवा नेताओं के नाम की भी चर्चा है।

उत्तराखंड में सियासी सरगर्मियां तेज, नवरात्र में हो सकती है कैबिनेट में फेरबदल.. 3 मंत्रियों की होगी विदाई.

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प्रदेश की धामी सरकार एक ओर अपने तीन साल पूरे होने के जश्न की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी ओर नवरात्र पर कैबिनेट नए रूप में दिखाई देगी। कैबिनेट में पांच खाली पद भरे जाने के साथ ही तीन कैबिनेट मंत्रियों की विदाई के संकेत मिल रहे हैं। नए मंत्रिमंडल का जो ड्राफ्ट तैयार हो रहा है, उसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का खास ध्यान रखा गया है।

इस ड्राफ्ट पर केंद्रीय नेतृत्व की मुहर लगनी है। हालांकि मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे को कैबिनेट में बदलाव की संभावना के तौर पर देखा गया। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, धामी का यह दौरा एक विवाह समारोह में शामिल होने को लेकर था। कैबिनेट में फेरबदल को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने के लिए धामी बाद में दिल्ली जाएंगे।

पंजाबी समाज के विधायक को मिल सकती है जगह-

बहरहाल सूत्रों का कहना है कि नई कैबिनेट का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसमें तीन वरिष्ठ मंत्रियों की विदाई की संभावना जताई जा रही है। तीनों मंत्रियों की विदाई का आधार उनकी परफारमेंस बनेगी। कैबिनेट में पंजाबी समाज के विधायक को जगह मिल सकती है।

क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के हिसाब से वरिष्ठता व अनुभव के आधार पर मंत्री बनाया जा सकता है। कैबिनेट में बदलाव को लेकर केंद्रीय नेताओं से पहले बातचीत होगी। चर्चा का यह सिलसिला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बंगलूरू में 21 से 23 तक होने वाली प्रतिनिधि सभा के बाद शुरू हो सकता है।

पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष प्रतिनिधि सभा में शामिल होंगे। 23 मार्च को सरकार के तीन साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद सीएम धामी केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करने के लिए दिल्ली जा सकते हैं। तब तक केंद्रीय नेताओं के आरएसएस की प्रतिनिधि सभा से लौट आने की संभावना है। इन सभी परिस्थितियों के आधार पर अब यही माना जा रहा है नवरात्र में कैबिनेट में फेरबदल की कवायद को अंजाम दिया जा सकता है।

पहले हो सकता है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का एलान-

उत्तराखंड में प्रदेश मंत्रिमंडल में बदलाव से पहले भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का एलान हो सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बुधवार को दिल्ली में होने के बाद सियासी हलकों में कैबिनेट में फेरबदल की संभावना को लेकर चर्चाओं का बाजार गरमाता रहा। हालांकि मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को लौट आएंगे। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नामों की चर्चा है। इनमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद महेंद्र भट्ट को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने चर्चाएं भी खासी गर्म रही हैं। पिछले कुछ दिनों से भट्ट अपने बयानों और बेटे के भूमि सौदे को लेकर सोशल मीडिया में विरोधियों के निशाने पर हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी का नाम की भी चर्चा है।

 

यदि पार्टी ब्राह्मण चेहरे के बजाय दलित चेहरे का प्रयोग करेगी तो पूर्व कैबिनेट मंत्री खजानदास के नाम को गंभीरता से देखा जा रहा है। इनके अलावा वरिष्ठ विधायक विनोद चमोली के नाम की भी चर्चा है। महिला चेहरे के तौर पर पार्टी विधायक आशा नौटियाल और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज का नाम भी लिया जा रहा है। कई विधायक व अन्य युवा नेताओं के नाम की भी चर्चा है।