Month: January 2025

उत्तराखंड कांग्रेस में एक नया भुचाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने छोड़ा कांग्रेस का साथ

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उत्तराखण्ड कांग्रेस से जुड़ी खबर से, निकाय चुनाव के बीच कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड कांग्रेस के संगठन उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है। बताया जा रहा है कि मथुरा दत्त जोशी पत्नी को पिथौरागढ़ सीट से मेयर का टिकट ना मिलने से नाराज़ चल रहे थे और पिछले दिनों उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है। इस बीच चर्चा है कि कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मथुरा दत्त जोशी और पूर्व राज्यमंत्री बिट्टू कर्नाटक आज भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हांलाकि इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

 

मथुरादत्त जोशी लगातार कांग्रेस हाई कमान से नाराज नजर आ रहे थे। उन्होंने अपनी पत्नी के लिए मेयर पद पर टिकट मांगा था। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिलने के बाद मथुरादत्त जोशी पार्टी नेतृत्व से बहुत नाराज हो गए थे। उन्होंने कई बड़ी बताया कि किस तरह से उन्होंने लगभग 50 सालों तक पार्टी की सेवा की है, बावजूद पार्टी ने उन्हें इस योग्य नहीं समझा।

वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का बयान भी सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा कि मथुरा दत्त जोशी को पार्टी ने हर वह पद दिया है जो एक बड़े नेता को किसी भी पार्टी में मिलना चाहिए।

मथुरादत्त जोशी की छवि एक शांत नेता की मानी जाती है। वहीं जब भी कांग्रेस पार्टी को जरूरत पड़ी है जोशी लगातार सामने आकर कांग्रेस पार्टी के लिए खड़े रहे हैं। जब कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा जरूरत बड़े नेताओं की थी और एक के बाद एक कई बड़े नेता कांग्रेस पार्टी को छोड़ रहे थे खासकर मथुरादत्त जोशी के कई करीबी नेता पार्टी को छोड़कर भाजपा में जा रहे थे, तब भी अकेले मथुरादत्त जोशी डटकर कांग्रेस के साथ खड़े नजर आए। बावजूद अब जाकर मथुरादत्त जोशी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

किस मुंह से चलाएंगे महेंद्र भट्ट बागियों पर अनुशासन का डंडा- Congress

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उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के उस बयान को हास्यास्पद बताया है जिसमें उन्होंने बागीयों से नामांकन वापस लेने की बात कही है और नामांकन ना वापस लेने की सूरत में उन्हें पार्टी से निकाल बाहर करने की धमकी दी है। गरिमा ने कहा कि आखिर किस मुंह से महेंद्र भट्ट कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही की बात कर रहे हैं?दसौनी ने भट्ट पर सवाल दागते हुए कहा कि पार्टी का अनुशासन तब कहां गया था जब मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति होने का गंभीर आरोप लगा था? यह अनुशासन तब कहां गया था जब सीबीआई जांच में उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला होने की पुष्टि हुई थी? यह अनुशासन की धमकी तब कहां थी जब रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल के भाई सतीश नैनवाल न सिर्फ भारत नेपाल बॉर्डर पर 40 जिंदा कारतूसों के संग पकड़े गए थे और तो और उद्यान घोटाले में पौध वितरण में भी उनका नाम आया था? और यह अनुशासन का डंडा लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत पर क्यों नहीं चला जिन्होंने सार्वजनिक सभा में अपने भाषण में पार्टी टिकट ना मिलने की स्थिति में कार्यकर्ताओं से निर्दलीय मैदान में कूदने का निर्देश दिया था, आरक्षण की अनंततिम सूची का विरोध करने वाले विकास नगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान के लिए यह अनुशासन का डंडा कहां चला गया था? भट्ट की यह धमकी मंत्री अरविंद पांडे के लिए क्यों नहीं चली? दसौनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता इस बात को समझ चुका है कि पार्टी की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है। अनुशासन और राजनीतिक सुचिता का खौफ सिर्फ गरीब और छोटे कार्यकर्ताओं को दिखाया जाता है रसूखदार मंत्री और विधायकों के लिए दूसरा कानून और कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी के अंदर दूसरे नियम हैं ,गरिमा ने कहा शायद यही कारण है कि भाजपा में कार्यकर्ता अब ना डरता है और ना ही घबराता है और खुलकर पार्टी के फैसलों का विरोध करता है क्योंकि जब बड़े नेताओं पर ही अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं हो रही है तो फिर छोटे कार्यकर्ताओं पर क्यों? गरिमा ने चुटकी लेते हुए कहा की कहीं महेंद्र भट्ट अनुशासन का डंडा चलाने में ढीले इसलिए तो नहीं पड़ रहे हैं क्योंकि वह अध्यक्ष पद से हटने वाले हैं और बड़े नेताओं से अपने संबंध बिगाड़ना नहीं चाहते?

उत्तराखंड के किसानों से राज्य सरकार ने इस साल 3100 मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा

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राज्य भर में 270 केंद्रों के जरिए हुई मंडुआ की खरीद

सरकार ने किसानों से 4200 प्रति कुंतल के मूल्य पर की खरीद

 

कुछ समय पहले तक उपेक्षित रहने वाला मंडुआ अब हाथों हाथ बिक रहा है। राज्य सरकार ने ही इस साल विभिन्न सहकारी और किसान संघों के जरिए उत्तराखंड के किसानों से 3100 मीट्रिक टन से अधिक मंडुआ खरीदा है। सरकार ने इस साल किसानों को मंडुआ पर 4200 प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य भी दिया है।

उत्तराखंड के सीढ़ीदार खेतों में परंपरागत रूप से मंडुआ की खेती होती रही है। लेकिन कुछ साल पहले तक मंडुआ फसल उपेक्षा का शिकार रहती थी, जिस कारण किसानों का भी मंडुआ उत्पादन के प्रति मोह भंग होने लगा था। लेकिन केंद्र और उत्तराखंड सरकार द्वारा अब मिलेट्स फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिस कारण उत्तराखंड में मंडुआ उत्पादक क्षेत्र के साथ ही उत्पादन भी बढ़ रहा है। मौजूदा सरकार ने मंडुआ उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सबसे पहले 2022 इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत के तहत, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदना शुरू किया। साथ ही उपभोक्ताओं तक मिलेट्स उत्पाद पहुंचाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर मिड डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण कार्यक्रम में इसे शामिल किया गया। इसी तरह सरकार ने स्टेट मिलेट मिशन शुरू करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, मिलेट्स उत्पादों को अपनाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार, किसानों से खरीद से लेकर भंडारण तक की मजबूत व्यवस्था तैयार की। वहीं किसानों को बीज, खाद पर अस्सी प्रतिशत तक सब्सिडी दी गई।

 

 

270 केद्रों के जरिए खरीद

सरकार ने दूर दराज के किसानों से मंडुआ खरीदने के लिए बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से जगह – जगह संग्रह केंद्र स्थापित किए। इस प्रयोग की सफलता की कहानी यूं कही जा सकती है कि 2020-21 में जहां इन केंद्रों की कुल संख्या 23 थी जो 2024-25 में बढ़कर 270 हो गई है। इन केद्रों के जरिए इस साल उत्तराखंड के किसानों से 3100.17 मीट्रिक टन, मंडुआ की खरीद की गई, इसके लिए किसानों को 42.46 प्रति किलो की दर से समर्थन मूल्य दिया गया। सरकार ने मंडुआ खरीद में सहयोग देने के लिए किसान संघों को 150 रुपए प्रति कुंतल और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को प्रति केंद्र 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। साथ ही सुनिश्चित किया गया कि केंद्रों का भुगतान 72 घंटे में कर दिया जाए।

 

समर्थन मूल्य में 68 प्रतिशत का उछाल

प्रदेश में 2021-22 में मंडुआ समर्थन मूल्य कुल 2500 प्रति कुंतल था, जो 2024-25 में 4200 प्रति कुंतल हो गया है। इस तरह दो साल के अंतराल में ही समर्थन मूल्य 68 प्रतिशत बढ़ गया है। किसानों तक इसका लाभ पहुंचने से मंडुआ उत्पादन क्षेत्र भी बढ़ रहा है। इसके साथ ही सरकार ओपर मार्केट और हाउस ऑफ हिमालय के जरिए भी मंडुआ उत्पादों को प्रोत्साहन दे रही है।

उत्तराखंड में मंडुआ परंपरागत तौर पर उगाया जाता है। यह पौष्टिक होने के साथ ही आर्गेनिक भी होता है। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने के बाद भी मंडुआ की मांग बढ़ी है। इसलिए राज्य सरकार सीधे किसानों से मंडुआ खरीद करते हुए, उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री 

पुष्कर सिंह धामी पहनते हैं मलारी-मुनस्यारी समेत पहाड़ के ट्वीड से बनी जैकेट-मफलर, वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मलारी, मुनस्यारी समेत प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में बने ट्वीड से बनी जैकेट पहनकर ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को बढ़ावा दे रहे हैं। लगातार सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रमों में उन्हें राज्य के बने उत्पाद से तैयार वस्त्रों के पहने हुए देखा जा सकता है। यह पहल राज्य के स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने और उनकी ब्रांडिंग को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है। मुख्यमंत्री ने इसके पूर्व राज्य के सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे स्थानीय उत्पादों की खरीद को प्राथमिकता दें। यह कदम न केवल राज्य के पारंपरिक कारीगरों और उत्पादकों को आर्थिक समर्थन प्रदान करेगा, बल्कि उत्तराखंड के अनूठे हस्तशिल्प और उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी मदद करेगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देकर उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा को जीवित रखें। मुनस्यारी के ट्वीड जैसे उत्पाद हमारी समृद्ध विरासत का प्रतीक हैं। सरकार हर संभव प्रयास करेगी कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को बढ़ावा मिले।”

 

सरकार के इस कदम से स्थानीय उद्योगों को नया जीवन मिलेगा और राज्य में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, इस पहल से राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी फायदा होने की उम्मीद है, क्योंकि स्थानीय उत्पाद पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं।इसी अभियान को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राज्य के अधिकारियों, कर्मचारियों से भी अपेक्षा की है सभी लोग स्थानीय उत्पाद का उपयोग करें और कपड़े व स्थानीय ऊन से तैयार वस्त्रों को पहन कर इस अभियान को बढ़ावा दें।

Uttarakhand: प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में आएंगे 17 देशों से लोग. 

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12 जनवरी को देहरादून में होने जा रहा है भव्य आयोजन

50 से अधिक प्रवासी उत्तराखंडियों ने अब तक किया रजिस्ट्रेशन

 

उत्तराखंड सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में 17 देशों में रहने वाले उत्तराखंडी पहुंच रहे हें। अब तक 50 से अधिक जाने माने प्रवासी उत्तराखंडियों ने सम्मेलन के लिए अपना पंजीकरण करवा लिया है।

12 जनवरी को आयोजित होने वाले एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। सम्मेलन में उत्तराखंड में निवेश की संभावना, हॉस्पेटिलिटी – वेलनेस, कौशल विकास, विदेश में रोजगार और उच्च शिक्षा के साथ ही उद्यान जड़ी- बूटी में संभावना विषय पर चार अलग अलग सत्रों में पैनल डिस्कशन भी किया जाएगा।

 

शामिल हो रहे हैं कई दिग्गज-

इस सम्मेलन में विदेश में रहते हुए अलग -अलग क्षेत्रों में नाम कमाने वाले कई प्रवासी उत्तराखंडी शामिल हो रहे हैं। इसमें प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्त दुबई निवासी गिरीश चंद्र पंत के अलावा चीन से देव रतूड़ी, अमेरिका से डॉ अनिता शर्मा, जापान से भुवन तिवारी, सिंगापुर से सुनील थपलियाल, मीनाक्षी डबराल, थाईलैंड से डॉ एके काला जैसे नाम शामिल हैं। कई प्रवासी, इससे पहले भारत सरकार की ओर से भुवनेश्वर में आयोजित किए जा रहे प्रवासी भारतीय दिवस में भी शामिल होंगे। कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी के लिए वेबसाइट भी शुरू कर दी गई है।

 

मुख्यमंत्री धामी की पहल से हुई शुरुआत-

विदेशों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी मिट्टी से जोड़ने की पहल खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की। दरअसल, दिसंबर 2023 में आयोजित इन्वेस्टर समिट से पहले सीएम धामी विदेश दौरे पर गए थे, जहां प्रवासियों ने उनका उत्तराखंड की रीति परंपरा से स्वागत किया। इस दौरान तमाम सफल लोगों की मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई। इसी के बाद मुख्यमंत्री ने ऐसे प्रवासियों के अनुभव का लाभ लेने के लिए, शासन में प्रवासी उत्तराखंडी सेल गठित किए जाने के साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन भी आयोजित करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में गत सात नवंबर को देहरादून में अपने देश के भीतर ही विभिन्न राज्यों में रहने वाले उत्तराखंडियों के बीच ऐसा ही एक सम्मेलन आयोजित किया जा चुका है।

विदेशों में रहने वाले उत्तराखंड के प्रवासी, हर क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं। उनके पास ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी, उद्यमशीलता का विपुल अनुभव है। सरकार चाहती है कि इस अनुभव से प्रवासीजन अपने प्रदेश और गांव का भी विकास करें। सरकार इस काम में हर संभव मदद देने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी लगातार प्रवासियों को अपने प्रदेशों के विकास में योगदान करने की प्रेरणा देते रहे हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

CM धामी ने किया वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी कृषि विकास मेले का शुभारम्भ, क्षेत्र के विकास के लिए CM ने की कई घोषणाएं. 

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मलेथा टिहरी गढ़वाल में वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी की स्मृति में आयोजित 5 दिवसीय राजकीय औद्योगिक कृषि विकास मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभागीय स्टालों का निरीक्षण कर विभिन्न स्कूलों एवं एनसीसी कैडेट्स द्वारा निकाली गई मार्च पास्ट रैली को सलामी दी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मलेथा में वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी के स्मारक में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर उनके द्वारा निर्मित ऐतिहासिक गूल का अवलोकन कर उन्हें नमन किया।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मलेथा चौराहे का नाम वीर शिरोमणि माधोसिंह भण्डारी के नाम पर किए जाने, वीर शिरोमणि माधोसिंह भण्डारी मेला स्थल का विस्तारीकरण किए जाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिल्काखाल के भवन निर्माण, सूर्य देवी मन्दिर पलेठी बनगढ का सौन्दर्यकरण किए जाने, रैतासी सड़क का निर्माण तथा ललूडीखाल-फरस्वाणगांव मोटर मार्ग एवं भैंसकोट मोटर मार्ग का डामरीकरण करने की घोषणा की।

 

कठिन व विपरीत परिस्थितियों में सिंचाई गूल बनाई गई- सीएम धामी

 

मुख्यमंत्री ने वीर शिरोमणि माधोसिंह भण्डारी के अद्वितीय साहस, त्याग और बलिदान को नमन करते हुए कहा कि यह सामान्य मेला नहीं अपितु एक विशेष त्यौहार है, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का काम कर रहा है तथा भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चा शौर्य शक्ति में नहीं अपितु सेवा ओर समर्पण में निहित होता है, जिसकी बानगी वीर शिरोमणि माधोसिंह भण्डारी के कार्यों से मिलती है। उनके द्वारा क्षेत्र की खुशहाली के लिए कठिन एवं विपरीत परिस्थितियों में जो सिंचाई गूल बनाई गई वह आज भी लोगों को लाभान्वित कर रही है।

 

 

स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है- सीएम धामी

 

सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास और प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, हर क्षेत्र में काम कर रही है। जनपद टिहरी गढ़वाल में सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत 170 किमी. में क्रेश बैरियर निर्माण किया जा रहा है। मुयालगांव में आपदा में बहे पुल के स्थान पर 18 मीटर लंबा बेली ब्रिज बनाया गया। टिहरी झील रिंग रोड़ निर्माण किया जा रहा है। पलायन रोकने, पर्यटन, रोजगार और व्यापार बढ़ाने हेतु नौकरी सृजन के साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने हेतु किसानों को एक 3 लाख तक का ऋण बिना ब्याज दिया जा रहा है।

 

राज्य सरकार द्वारा सख्त नकल विरोधी कानून बनाया गया- सीएम धामी

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक लाख महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। आज स्वयं सहायता समूह अपनी आजीविका को बढ़ाने के साथ ही अन्य को भी रोजगार देने का काम कर रहे हैं। हाउस ऑफ़ हिमालय ब्रांड के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा सख्त नकल विरोधी कानून बनाया गया, जिससे प्रतिभावान नौजवानों का विश्वास बढ़ा है और वे अपनी क्षमता के अनुसार नौकरी पा रहे हैं। 19 हजार से अधिक नौकरी देने का काम राज्य सरकार ने किया है। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता कानून बनाने का काम किया जा रहा है। शीघ्र ही राज्य में सख्त भू कानून बनाने का काम भी किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अपना उत्तराखंड बहुत जल्द अग्रणीय राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।

 

 

इस अवसर पर उद्यान, पशुपालन, राजस्व, बाल विकास, चिकित्सा, उद्योग, कृषि, समाज कल्याण, पर्यटन, ग्राम्य विकास, पंचायत राज आदि विभागों द्वारा विभागीय स्टालों के माध्यम से जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार करने के साथ ही जन शिकायतों का निस्तारण किया गया। विभिन्न स्कूली बच्चों द्वारा भारतीय संस्कृति पर आधारित झांकियों का प्रदर्शन किया गया।

 

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विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए हुए क्षेत्र के विकास से संबंधित मांगपत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष/प्रशासक सोना साजवाण, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद देवप्रयाग ममता देवी, एसएसपी आयुष अग्रवाल, एएसपी जे.आर. जोशी, डीजीएम आरवीएनएल राजेश अरोड़ा सहित अन्य गणमान्य एवं क्षेत्रीय जनता मौजूद रहे।

Uttarakhand Nikay Chunav: प्रचार की रणनीति पर हुई चर्चा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने ली प्रत्याशियों की बैठक.

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Dehradun: प्रदेश कांग्रेस ने निकाय चुनावों में प्रचार के मोर्चों पर रणनीति बनाने का काम शुरु कर दिया है.  इस कड़ी में कांग्रेस मुख्यालय में आज नगर निगम के चुनावी प्रचार की शुरुआत करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष  प्रीतम सिंह, जिला प्रभारी प्रकाश जोशी एवं प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी की उपस्थिति में मेयर प्रत्याशी एवं पार्षद प्रत्याशियों की बैठक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में चुनाव प्रचार की रणनीति पर चर्चा हुई।

 

उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने बताया कि नगर निकाय चुनाव के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह एवं पूर्व एआईसीसी सचिव व जिला प्रभारी श्री प्रकाश जोशी ने सभी पार्षद प्रत्याशियों से चुनाव प्रचार की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की और सभी को साथ लेकर चलने का सुझाव दिया।

 

उन्होंने कहा कि उन कार्यकर्ताओं जो टिकट के दावेदार थे परन्तु किन्हीं कारणवश प्रत्याशी नहीं बनाया जा सका उन कार्यकर्ताओं को भी साथ लेकर चलना है। कहा भाजपा के शासन में हुई देहरादून की दुर्दशा औऱ भाजपा के झूठ को घर-घर पहुंचाकर पर्दाफाश करना है। कांग्रेस पार्टी ने वरिष्ठ आन्दोलनकारी को अपना प्रत्याशी बनाया है जिसका लाभ निश्चित रूप से हमें चुनाव में मिलेगा तथा कांग्रेस प्रत्याशी भारी बहुमत से चुनाव में विजयी होंगे।

 

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मेयर पद के कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरना है। सभी का साथ मिलेगा तभी विजय मिलेगी.. बैठक में सभी पार्षद प्रत्याशियों के साथ साक्षात्कार कराया गया।
इस अवसर पर मेयर प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल, सहित कांग्रेस पार्टी के सभी 100 वार्ड के प्रत्याशी तथा वरिष्ठ नेतागण उपस्थित थे।

 

डॉ0 प्रतिमा सिंह ने यह भी बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र पोखरियाल पटेलनगर संजय कॉलोनी में सफाई कर्मियों के मुद्दे पर सुझाव हेतु बैठक करेंगे।

 

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मोबाइल की रिंग टोन में गूंजेगा राष्ट्रीय खेल का एंथम

राष्ट्रीय खेल सचिवालय की ओर से बीएसएनएल को भेजा जा रहा है पत्र

कूड़ा गाड़ियों से लेकर एफएम के जरिये भी प्रचार की तैयारी

आन बान शान ले, शौर्य का प्रमाण ले’ है राष्ट्रीय खेल एंथम

38 वें राष्ट्रीय खेल का एंथम ‘आन बान शान ले, शौर्य का प्रमाण ले’ जल्द ही आपको मोबाइल रिंग टोन में सुनाई दे सकता है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय की ओर से इस संबंध में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को पत्र भेजा जा रहा है।

राष्ट्रीय खेल इस महीने की 28 तारीख से शुरू होने हैं। इसके लिए प्रचार अब तेज हो रहा है। राष्ट्रीय खेल के लिए ‘आन बान शान ले, शौर्य का प्रमाण ले’ एंथम तैयार किया गया है। इसका शुभारंभ 15 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया था। इस एंथम को प्रचारित प्रसारित करने के लिए कई स्तरों पर कार्य किया जा रहा है। जो एंथम तैयार किया गया है, वह काफी लंबा है। ऐसे में प्रचार की दृष्टि से एंथेम के सिर्फ 30 सेकेंड के हिस्से का इस्तेमाल किया जाएगा।

कूड़ा गाड़ियों से लेकर FM तक का होगा उपयोग-

नगर निकाय क्षेत्रों में रोजाना कूड़ा उठाने वाले वाहनों से भी राष्ट्रीय खेल का एंथम सुनाई दे सकता है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एफएम समेत अन्य सभी प्रचार माध्यमों के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है। कोशिश ये ही है कि जिन जनपदों में राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी हैं, वहां पर सफाई वाहनों व एफएम आदि से ज्यादा प्रचार किया जाए।

 

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मोबाइल रिंग टोन में राष्ट्रीय खेलों का एंथम सुनाई दे, इसके लिए हमारी बीएसएनएल से बात हुई है। अब आधिकारिक पत्र भी भेजा जा रहा है। वहां से जवाब आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह, सफाई वाहन हो या फिर एफएम हम राष्ट्रीय खेलों के प्रचार के लिए ज्यादा से ज्यादा माध्यमों का उपयोग करना चाहते हैं। इसके लिए तैयारी की जा रही है।

अमित सिन्हा, विशेष प्रमुख सचिव खेल/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय खेल

 

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यह है राष्ट्रीय खेल का एंथम-

आन बान शान ले, शौर्य का प्रमाण ले
एकत्र सर्वश्रेष्ठ है मैदान में
ना कोई विकल्प हो, संकल्प से शिखर तक
विजय गाथा लिख दें आसमान में।
पर्वतों की गोद में, गली-गली प्रमोद में
देवभूमि की धरा अखंड ये
हर घड़ी प्रयास में, आगमन की आस में
मेजबान आज उत्तराखंड ये।
उल्लास का यह पर्व है
हर किसी को गर्व है
मान हमको भारत विराट पर
जीत की हो कामना
खेल की हो भावना
जीत का तिलक है हर ललाट पर।
खेल है खिताब है, मेल है मिलाप है
समग्र अपने देश की है एकता
स्वागत सत्कार है
अपने देश की है ये विशेषता।
गूंज विजय नाद की, जोश में भरे सभी
दहाड़ते हैं आज आसमान में।
गरजते हैं जोर से
जो आए हर ओर से
ना कोई शिकन है ना गुमान है।
आन बान शान ले, शौर्य का प्रमाण ले

Uttarakhand Nikay Chunav: नाम वापसी पूरी, सभी निकायों की अंतिम सूची हुई जारी, आज मिलेंगे चुनाव चिह्न.

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प्रदेश में नामांकन वापसी पूरी होने के बाद बृहस्पतिवार को सभी निकायों के प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी गई। अब शुक्रवार को प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे।

राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे से निकायों में नामांकन वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। शाम चार बजे तक सभी निकायों में नाम वापसी का मौका दिया गया। इसके बाद शाम को ही चुनावी मैदान में अंतिम प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लग गई।

ये भी पढ़ें.. Uttarakhand: सीएम ने 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का पोस्टर किया जारी, 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत।

पार्टियों के टिकट से चुनाव लड़ रहे जो प्रत्याशियों को पार्टी का ही चिह्न मिलेगा। निर्दलीय या गैर मान्य पंजीकृत दलों के प्रत्याशियों को राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से तय चुनाव चिह्न शुक्रवार को आवंटित किए जाएंगे। आयोग ने इन प्रत्याशियों के लिए 47 चुनाव चिह्न निर्धारित किए हैं।

Uttarakhand: सीएम ने 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का पोस्टर किया जारी, 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत।

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मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन एवं कृषि प्रदर्शनी के ब्रोशर और पोस्टर का विमोचन किया। कृषि विज्ञान सम्मेलन में पचास से भी ज्यादा देशों के प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।

सीएम ने 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का पोस्टर किया जारी-

सीएम धामी ने आज 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का पोस्टर जारी किया। बता दें कि ये कृषि महाकुंभ 20 फरवरी से 22 फरवरी 2025 को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में प्रस्तावित है। जो कि राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी एवं गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा संयुक्त रूप आयोजित किया जा रहा है।

 

50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत-

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के कुलपति प्रो. एमएस चौहान ने बताया कि 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के 04 हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। सम्मेलन में पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार, कृषि क्षेत्र में युवा पेशेवरों को बढ़ावा देने, डिजिटल एग्रीकल्चर, जलवायु परिवर्तन, स्मार्ट लाइवस्टॉक फार्मिंग जैसे विषय पर पैनल चर्चा की जाएगी।

कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी में 200 से ज्यादा संस्थान लेंगे भाग-

सम्मेलन में विज्ञान में नई खोज के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा, मधुमक्खी पालन की संभावनाएं, गरीबी और कुपोषण से मुक्ति के लिए नए उपाय जैसे विषयों पर सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर एक कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी जिसमें देश-विदेश के 200 से अधिक संस्थान भाग लेंगे।