Month: September 2024

Uttarakhand : ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी, स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ खुलासा।

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उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। पहाड़ों में 80 हजार की आबादी पर एक सीएचसी होना चाहिए। इसके अनुसार पहाड़ में 44 सीएचसी की कमी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी हेल्थ डायनमिक्स (इंफ्रास्ट्रक्चर एंड ह्यमून रिसोर्स) रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में 31 मार्च 2023 तक उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विश्लेषण किया गया। इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) के मानकों के अनुसार, विशेषज्ञ डॉक्टरों की 80% कमी है।

पर्वतीय क्षेत्रों के सीएचसी में सर्जन, बाल रोग, ग्यानाक्लोजिस्ट, फिजिशियन, एनेस्थेटिस्ट के 245 विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है। इनमें 48 ही कार्यरत हंै, जबकि 197 पद खाली चल रहे हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकतर सीएचसी में ग्यानाक्लोजिस्ट डॉक्टर कार्यरत नहीं है। 2005 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 44 सीएचसी थे, जो बढ़कर 49 हो गए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों को नहीं मिल रहा पीजी डॉक्टरों का लाभ-
प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी कराने की सुविधा है, लेकिन पीजी करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों का लाभ ग्रामीण उत्तराखंड को नहीं मिल रहा है। प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 1,240 पद सृजित हैं। इसमें लगभग पांच सौ ही विशेषज्ञ डॉक्टर कार्यरत हैं।

उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी चल रही है। प्रदेश सरकार की ओर से इस कमी को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। 2027 तक प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी। -डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री

Uttarakhand: कुमाऊं में 243 सड़कें मलबे और बोल्डरों से भरी, टनकपुर-पिथौरागढ़ NH बंद होने से करोड़ों का नुकसान।

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कुमाऊं में अब भी 243 सड़कें मलबे और बोल्डरों से पटीं हुई हैं। चंपावत जिले में सड़कें बंद होने से करीब डेढ़ लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है। टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच अवरुद्ध होने से एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

बारिश थम गई लेकिन बर्बादी के निशां छोड़ गई है। कुमाऊं में अब भी 243 सड़कें मलबे और बोल्डरों से पटीं हुई हैं। चंपावत जिले में सड़कें बंद होने से करीब डेढ़ लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है। टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच अवरुद्ध होने से एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। हाईवे पर स्वांला के पास तीन दिन से यातायात ठप है। इससे जरूरी सामान की किल्लत होने लगी है। रसोई गैस सिलिंडर के वाहन भी स्वांला में फंसे हैं। सेना के वाहन तीन दिन से मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। सब्जी के वाहन नहीं आने से लोगों को ताजी सब्जियां नहीं मिल पा रही हैं।

चंपावत दुग्ध संघ को पांच लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। दुग्ध संघ प्रबंधक पुष्कर नगरकोटी ने बताया कि संघ में रोजाना 18 हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है लेकिन सड़कें बंद होने से 16 हजार लीटर दूध का नुकसान हो रहा है। लोहाघाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग चौथे दिन खुल गया। अब सोमवार तक गैस पहुंच जाने की उम्मीद है। एनएच के ईई आशुतोष कुमार ने बताया कि मरोड़ाखान के पास पहाड़ी काटकर सड़क बनाई जा रही है। सड़क खुलने के बाद चंपावत में फंसी पिथौरागढ़ रोडवेज डिपो की बसें यात्रियों को लेकर रवाना हो गईं। रोडवेज के एजीएम नरेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि तीन दिन से एनएच बंद होने से लोहाघाट डिपो को करीब 16 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। सीमांत मडलक क्षेत्र की डूंगरालेटी ग्राम पंचायत में ऐतिहासिक प्रसिद्ध नागार्जुन धाम नखरू घाट को जोड़ने वाला पैदल पुल बह गया है।

इससे रौसाल क्षेत्र की ग्राम पंचायतों से भी मडलक क्षेत्र का संपर्क टूट गया है। मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र में मार्ग बंद होने के साथ ही बिजली आपूर्ति भी बाधित है। हालांकि ठुलीगाड़ तक आपूर्ति सुचारू करा दी गई। बाटनागाड़ में चौथे दिन भी जेसीबी, पोकलैंड मशीन मार्ग खोलने में जुटी रहीं। इस बीच लोनिवि ने सुबह छह वाहनों को निकल लिया। ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर तक अभी भी छह स्थानों पर मलबा आने से सड़क बाधित है। चंपावत के तिलोन में पहाड़ी सुधारीकरण के बाद दोबारा से मलबा जाली फाड़कर बाहर आ गया है।
कहां कितनी सड़कें बंद-

पिथौरागढ़   49
चंपावत     98
नैनीताल   58 ,
अल्मोड़ा   28
बागेश्वर   10
द्वाराहाट  27.0
चौखुटिया  30.0
कुल सड़कें 243

Arvind Kejriwal: अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत, SC ने दी राहत; 103 दिन बाद जेल से बाहर केजरीवाल।

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सुप्रीम कोर्ट से आबकारी नीति घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दो याचिकाओं पर फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने आबकारी नीति भ्रष्टाचार मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल को नियमित जमानत देने का फैसला सुनाया। इस संबंध में न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने उनके फैसले पर सहमति जताई। कोर्ट ने केजरीवाल को 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी। सीबीआई की गिरफ्तारी से जुड़ी याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं थी।

ईडी मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी। ऐसे में अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने 103 दिन पहले यानी 2 जून को अंतरिम जमानत की मियाद पूरी होने के बाद सरेंडर किया था। माना जा रहा है कि वे आज ही जेल से बाहर आ सकते हैं।

दरअसल, केजरीवाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अपनी गिरफ्तारी और जमानत से दिल्ली हाईकोर्ट के इनकार को चुनौती देते हुए दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। पीठ ने पांच सितंबर को केजरीवाल की याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख को 26 जून को गिरफ्तार किया था।

जस्टिस कांत ने गिरफ्तारी को वैध माना-
जस्टिस कांत ने कहा कि तर्कों के आधार पर हमने 3 प्रश्न तैयार किए हैं। क्या गिरफ्तारी अवैधता थी? क्या अपीलकर्ता को नियमित जमानत दी जानी चाहिए? क्या आरोप पत्र दाखिल करना परिस्थितियों में इतना बदलाव है कि उसे ट्रायल कोर्ट में भेजा जा सके? उन्होंने आगे कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति को गिरफ्तार करना कोई गलत बात नहीं है। हमने पाया है कि सीबीआई ने अपने आवेदन में उन कारणों को बताया है कि उन्हें क्यों ये जरूरी लगा। धारा 41ए (iii) का कोई उल्लंघन नहीं है। हमें इस तर्क में कोई दम नहीं लगता कि सीबीआई ने धारा 41ए सीआरपीसी का अनुपालन नहीं किया।

जमानत देने का फैसला सुनाया-
उन्होंने कहा कि जमानत पर हमने विचार किया है। मुद्दा स्वतंत्रता का है। लंबे समय तक कारावास आजादी से अन्याय के बराबर है। फिलहाल हमे लगता है कि केस का नतीजा जल्द निकलने की संभावना नहीं है। सबूतों और गवाहों से छेड़छाड़ को लेकर अभियोजन पक्ष की आशंकाओं पर विचार किया गया। उन्हें खारिज करते हुए हमने निष्कर्ष निकाला है कि अपीलकर्ता को जमानत दी जानी चाहिए।

कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाईं-
कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता मामले के बारे में सार्वजनिक रूप से कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करेगा। ईडी मामले में लगाई गई शर्तें इस मामले में भी लागू होंगी। वह ट्रायल कोर्ट के साथ पूरा सहयोग करेगा।

जस्टिस ने सीबीआई की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल –
फैसला सुनाते हुए जस्टिस भुइयां ने कहा कि गिरफ्तारी की आवश्यकता और समय पर मेरा एक निश्चित दृष्टिकोण है। इसलिए मैं इस दृष्टिकोण से सहमत हूं कि अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। ऐसा प्रतीत होता है कि ईडी मामले में अपीलकर्ता को नियमित जमानत दिए जाने के बाद ही सीबीआई सक्रिय हुई और हिरासत की मांग की। ईडी मामले में रिहाई के समय केजरीवाल को गिरफ्तार करने की सीबीआई की जल्दबाजी समझ से परे है, जबकि 22 महीने तक उसने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। इस तरह की कार्रवाई गिरफ्तारी पर गंभीर प्रश्न उठाती है।

जहां तक गिरफ्तारी के आधारों का सवाल है तो ये गिरफ्तारी की आवश्यकता को पूरा नहीं करते हैं। सीबीआई गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती है और टालमटोल वाले जवाबों का हवाला देते हुए हिरासत जारी रख सकती है। आरोपी को दोषपूर्ण बयान देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। इन आधारों पर अपीलकर्ता को हिरासत में रखना न्याय का उपहास है, खासकर तब जब उसे अधिक कठोर पीएमएलए में जमानत दी गई है। 

 

Uttarakhand: केदारनाथ बचाओ यात्रा का दूसरा चरण आज से शुरू, बारिश के बीच भी है जारी यात्रा, भैरव मंदिर में होगा समापन।

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कांग्रेस की केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है। यात्रा केदारनाथ धाम तक जाएगी। वहां पूजा अर्चना के साथ भैरव मंदिर में यात्रा का समापन किया जाएगा। बुधवार को रुद्रप्रयाग की ओर जाते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कीर्तिनगर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। यहां उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक ली।

बैठक के दौरान माहरा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से दूसरे चरण की केदारनाथ प्रतिष्ठा यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने की अपील की। कहा कि हमारे मठ-मंदिरों को भाजपा साजिश के तहत अन्यत्र शिफ्ट करना चाहती है, जिसे कांग्रेस पार्टी द्वारा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि बृहस्पतिवार को सीतापुर में सुबह साढ़े सात बजे सेवादल कार्यकर्ताओं द्वारा ध्वजारोहण के बाद सीतापुर से केदारनाथ के लिए यात्रा प्रारंभ होगी।

इसके बाद देर सांय को केदारनाथ धाम में यात्रा पहुंचेगी। केदारनाथ में रात्रि विश्राम के बाद 13 सितंबर को सुबह केदारनाथ में जलाभिषेक के साथ यात्रा का समापन किया जाएगा। कीर्तिनगर के बाद श्रीनगर में भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का भव्य स्वागत किया गया।

24 जुलाई 2024 को शुरू हुई थी केदारनाथ बचाओ यात्रा-

बता दें कि 24 जुलाई 2024 को हरकी पैड़ी से प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की अगुवाई में केदारनाथ बचाओ यात्रा का शुभारंभ किया गया था।लेकिन केदारनाथ में खराब मौसम के चलते और आपदा आने के कारण यात्रा को 31 जुलाई को सीतापुर में स्थगित कर दिया गया था। लेकिन आज से इसे दोबारा शुरू कर दिया गया है।

Rudraprayag Accident: बांसवाड़ा के पास सड़क हादसा… अनियंत्रित होकर खाई में गिरा मैक्स वाहन, चालक सहित 7 लोग थे सवार।

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रुद्रप्रयाग के बांसवाड़ा क्षेत्र में एक मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वाहन में चालक सहित सात लोग सवार बताए जा रहे हैं। सवार सभी लोग स्थानीय थे।

गुरुवार सुबह जानकारी मिले कि एक वाहन बांसवाड़ा में दुर्घटनाग्रस्त होकर सड़क से 15 फीट नीचे गिर गया है। वाहन में चालक सहित सात लोग सवार थे। सभी को हल्की चोटें हैं। जिन्हें पीएचसी अगस्त्यमुनि में भर्ती किया गया है।

सात लोग घायल-

हादसे के दौरान वाहन में मैक्स चालक समेत सात लोग सवार थे. सभी लोगों को हल्की चोट आई है. जिन्हें इलाज के लिए पीएचसी अगस्त्यमुनि में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है वाहन में सभी स्थानीय लोग सवार थे.

Uttarakhand: शिक्षा विभाग में 29 सितंबर को होने वाली प्रधानाचार्य के 692 पदों पर भर्ती हुई स्थगित, शासन ने आदेश किए जारी।

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उत्तराखंड शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य के 692 पदों पर 29 सितंबर को होने वाली भर्ती स्थगित हो गई है। शिक्षक संगठन भर्ती का विरोध कर रहा था। अब इस भर्ती में 55 साल तक के शिक्षकों को शामिल करने की तैयारी है। वहीं, 5400 ग्रेड पे वाले एलटी शिक्षकों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।

बता दें कि 50 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों को प्रधानाचार्य के पद पर होने वाली भर्ती में शामिल करने के लिए कुछ शिक्षक कोर्ट गए थे। कोर्ट के आदेश के बाद इन शिक्षकों को भर्ती में शामिल किया गया है।
 

55 साल तक के अन्य शिक्षकों को भी भर्ती में शामिल करने के लिए रास्ता निकालने और नॉन बीएड को भी इसमें शामिल करने पर विचार किया गया। जिस मामले में शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को रास्ता निकालने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अब भर्ती को स्थगित किया गा है। अब नए सिरे से भर्ती की जाएगी।

Kedarnath: सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में मलबे से आज 4 शव निकाले गए, मृतकों की संख्या हुई 5, तीन घायल।

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सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में आज मंगलवार को रेस्क्यू के दौरान मलबे में दबे चार शव और निकाले गए। मृतकों की संख्या अब पांच हो गई है। तीन घायल अस्पताल में भर्ती हैं।

सोमवार देर शाम केदारनाथ से लौट रहे आठ यात्री सोनप्रयाग में ऊर्जा निगम के पावर हाउस के समीप भूस्खलन जोन में पहाड़ी से गिर रहे पत्थर व मलबे में फंस गए। सूचना पर उप निरीक्षक आशीष डिमरी के नेतृत्व में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया। रेस्क्यू के दौरान एक शव बरामद किया गया, जिसकी शिनाख्त गोपाल (50 ) पुत्र भक्तराम, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है।

वहीं, जीवच तिवारी पुत्र रामचरित, मनप्रीत सिंह पुत्र कश्मीर सिंह और छगन लाल पुत्र भक्तरामन घायल हो गए, जिन्हें सोनप्रयाग पहुंचाया गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सोनप्रयाग बाजार से लगभग एक किमी आगे भूस्खलन जोन में पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिरने से वह फंस गए थे। क्षेत्र में अन्य यात्रियों की होने की संभावना को देखते हुए खोजबीन की जा रही थी, जिसमें आज मंगलवार को तीन शव बरामद हुए।

उत्तराखंड में इन 11 विभागों में 4,400 पदों पर होगी भर्ती, जानिये कब से शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया।

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प्रदेश में 11 सरकारी विभागों में खाली पदों पर बंपर नौकरियां निकलने वाली हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 15 सितंबर से 4,400 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा, जिसमें पुलिस, वन आरक्षी समेत इंटर और स्नातक स्तरीय पदों पर नौकरी के अवसर मिलेंगे।

 

इसके अलावा आयोग की ओर से आवेदन से लेकर परीक्षा और परिणाम जारी करने का शेड्यूल तैयार करने में जुटा है। प्रदेश सरकार ने अब तक कई विभागों में 16 हजार पद पर चयन प्रक्रिया पूरी कर युवाओं को नौकरी दी है, जो तीन साल के भीतर सबसे अधिक नौकरी देने का रिकॉर्ड है।

 

सीएम धामी चयनित युवाओं को नियुक्तिपत्र देकर सम्मानित किया। अब सरकार ने राज्य के 11 विभागों में खाली पदों पर 4,400 भर्ती करने का निर्णय लिया है। सीएम ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को विभागों से मिले खाली पदों के प्रस्ताव पर पारदर्शिता और समय सीमा के भीतर भर्ती करने के निर्देश दिए हैं।

 

आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया, 11 विभागों से करीब 4,400 खाली पदों के अधियाचन मिले हैं। इन पदों की भर्ती की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस माह के 15 सितंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इन पदों पर मिलेगी नौकरी-

पुलिस आरक्षी के 2,000, वन आरक्षी के 700, इंटर स्तरीय सींचपाल, कनिष्ठ सहायक, राजस्व सहायक, मेट, कार्य पर्यवेक्षक के 1,200, वैयक्तिक सहायक के 280, वैज्ञानिक सहायक के 50, स्नातक स्तरीय 50, सहायक विकास अधिकारी के 40, वाहन चालक 25, लाइब्रेरियन के 10, प्राथमिक शिक्षक एसटी के 15, आईटीआई के कई ट्रेड पर 35 पदों पर भर्ती।

प्रदेश में 4,400 पदों पर युवाओं को नौकरी मौका मिलने जा रही है। अब तक 16 हजार युवाओं को विभागों में नौकरी मिल चुकी है। सरकार ने राज्य में देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून बनाने के बाद प्रतिभावान युवाओं को अब चार-चार नौकरियों में चयन हो रहा है। पहले नकल माफिया की ओर से नौकरी का सौदा करने से एक ही परिवार के सदस्यों को चार-चार नौकरियां मिलती थी। हमने संकल्प लिया कि उत्तराखंड के हितों और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। -पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

Uttarakhand: बोटियों के लिए खुशखबरी….उच्च शिक्षा के लिए अब हर साल कुछ धनराशि देगी सरकार, जानिये किस योजना में होगा बदलाव.

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नंदा गौरा योजना के तहत बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए सरकार हर साल कुछ धनराशि देगी। इसके लिए नंदा गौरा योजना में बदलाव किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागीय अधिकारियों को इसके लिए एक महीने के भीतर विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश की दो देवियों नंदा और गौरा के नाम पर शुरू की गई नंदा गौरा योजना के तहत वर्तमान में सरकार बेटियों के जन्म पर 11,000 रुपये और उसके 12वीं पास करने पर 51,000 रुपये की धनराशि देती है, लेकिन सरकार अब इस योजना में बदलाव करने जा रही है।

 

उच्च शिक्षा में बढ़ेगा प्रतिभाग-
सरकार की मंशा है कि इस योजना को सुकन्या समृद्धि योजना से जोड़ते हुए हर साल पात्र बेटियों के खाते में कुछ धनराशि दी जाए। जो 10,000 या इससे अधिक हो सकती है। बेटियों को उच्च शिक्षा में प्रेरित करने के लिए यह धनराशि दी जाएगी, जिससे उनका उच्च शिक्षा में प्रतिभाग बढ़ेगा।

वहीं, हर साल दी जाने वाली इस धनराशि से बेटियों को उच्च शिक्षा के खर्च को वहन करने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नंदा गौरा योजना में जरूरी बदलाव के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

प्रस्ताव तैयार किए जाने के दौरान यह देखा जा रहा कि योजना के तहत पात्र बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए हर साल तय धनराशि दी जाए या फिर अलग-अलग कोर्स के लिए अलग-अलग धनराशि दी जाए।

हर जिले में बनेंगे कामकाजी महिला छात्रावास-

प्रदेश के हर जिले में कामकाजी महिला छात्रावास का निर्माण किया जाएगा, जिसे पीपीपी मोड में संचालित करने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भूमि की उपलब्धता और इसे पीपीपी मोड में चलाने के लिए रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

ये है नंदा गौरा योजना-

नंदा गौरा योजना राज्य लड़कियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई एक विशेष योजना है। दो देवियों नंदा और गौरा के नाम से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लड़कियों को बेहतर अवसर मिलें। इसका लक्ष्य गरीब परिवारों की लड़कियों की मदद करना है। इन लड़कियों को एक अच्छा जीवन जीने और अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देना है।

 

Uttarakhand: टिहरी झील बनने के 20 साल बाद भी अब तक पूरी नहीं हुई विस्थापन की मांग, ग्रामीणों ने दी जल समाधि लेने की चेतावनी.

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टिहरी झील को लगभग 20 साल पूरे होने वाले हैं। लेकिन अब तक झील से लगा हुआ भल्ड गांव जो कि उत्तरकाशी ज़िले का अन्तिम गांव है यहां के लोगों का अब तक विस्थापन नहीं हुआ है। 19 सालों से गांव वाले विस्थापन की मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है।

19 सालों से विस्थापन की मांग कर रहे ग्रामीण-

टिहरी झील से लगे आस-पास के गांवों के विस्थापन, पुनर्वास और मूआवजा देने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर देझील से लगा हुआ भल्ड गांव जो कि उत्तरकाशी ज़िले का अन्तिम गांव है। इतने सालों बाद भी इस गांव के लोगों की विस्थापन की मांग पूरी नहीं हुई है।

झील के किनारे अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे ग्रामीण-

बता दें कि इस गांव में झील के पानी से खेत खलियानो में दरारें आ चुकी है। जिस से आगे भविष्य में लोगों के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। ग्रामीणों के द्वारा शासन-प्रशासन को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया। लेकिन इसके बावजूद अब तक गांव का विस्थापन नहीं हो पाया है।

गांव वालों का कहना है कि टीएचडीसी और टिहरी पुनर्वास के कार्यकारिणी डायरेक्टर को भी इस बारे में बताया गया है। लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। बीते 19 सालों से उन्हें आश्वासन ही दिया जा रहा है। गांव वालों का कहना है कि लगातार झील का पानी बढ़ रहा है।

ग्रामीणों ने दी जल समाधि लेने की चेतावनी-

बीते 12 दिनों से गांव वाले झील के किनारे अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं। एसडीएम उत्तरकाशी ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने और अपना धरना जारी रखा। गांव वालों का कहना है कि अगर इस बार उनकी मांगों को गम्भीरता से नहीं लिया गया तो वो जल समाधि ले लेंगे।