Month: August 2024

Manish Sisodia: 17 महीने बाद जेल से बाहर आये मनीष सिसोदिया; दिल्ली आबकारी नीति मामले में ‘सुप्रीम’ जमानत।

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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत मिली है। देश की सर्वोच्च अदालत ने सिसोदिया को जमानत दी है। पिछले साल मार्च में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था। ईडी से पहले सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें उन्हें राहत मिली है।

दिल्ली सचिवालय जाने से रोके जाने की मांग को कोर्ट ने किया खारिज-

सुप्रीम कोर्ट ने जिस समय मनीष सिसोदिया को जमानत दी, उस समय ईडी के वकील ने यह मांग की कि पूर्व मंत्री को दिल्ली सचिवालय जाने से रोकने की शर्त को भी आधार बनाकर जमानत दिया जाए। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

उनसे कुछ बरामद भी नहीं हुआ-सिसोदिया

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 17 महीनों से जेल में बंद  सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत पर बहस सुनकर छह अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सिसोदिया ने जमानत मांगते हुए दलील दी थी कि वह पिछले 17 माह से जेल में हैं। ट्रायल अभी तक शुरू नहीं हुआ है। उनसे कुछ बरामद भी नहीं हुआ है। ऐसे में, उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। सीबीआई और ईडी ने विरोध करते हुए कहा था कि ट्रायल में देरी के लिए मनीष सिसोदिया ही जिम्मेदार हैं।

कोर्ट ने रखी ये शर्तें

  • सुप्रीम कोर्ट ने Manish Sisodia को जमानत देते हुए कहा कि वो समाज के सम्मानित व्यक्ति हैं, इसलिए उनके भागने की आशंका तो नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ जो सबूत अब तक थे, वो जुटाए भी जा चुके हैं, इसलिए अब कोई गड़बड़ी की संभावना नहीं है, लेकिन कुछ शर्तें लगानी ही पड़ेंगी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को 2 लाख के मुचकले पर जमानत दी है।
  • सिसोदिया को जमानत के लिए पासपोर्ट जमा करना होगा।
  • मनीष सिसोदिया के सामने सबसे बड़ी शर्त ये है कि उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को पुलिस के सामने हाजिरी लगानी होगी।

 

Uttarakhand: अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में हो सकते हैं निकाय चुनाव, 15 सितंबर तक परिसीमन, 2 नए नगर निगम बनाने की तैयारी।

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राज्य में नगर निकायों के चुनाव अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में होंगे। सरकार ने इस टाइमलाइन के साथ तैयारियां तेज कर दी हैं। ओबीसी आरक्षण से लेकर निकायों के परिसीमन आदि की सभी तैयारियां 15 सितंबर से पहले पूरी कर ली जाएंगी।

इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र भेज दिया जाएगा। वहीं, सरकार ने निकाय चुनाव से पहले अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ को नगर निगम बनाने की कवायद भी तेज कर दी है। प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का कार्यकाल पिछले साल दो दिसंबर को पूरा हो गया था। छह माह यानी दो जून तक के लिए निकाय प्रशासकों के हवाले हो गए थे।

इस अवधि में चुनाव न होने के चलते सरकार ने तीन माह के लिए अवधि बढ़ा दी थी। इस बीच हाईकोर्ट के आदेश आए और सरकार ने अंतिम टाइमलाइन तय कर ली है। राज्य में अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव होंगे। इससे पहले 15 सितंबर तक ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए नियमावली आदि का काम पूरा होगा।

निकायों का परिसीमन, वोटर लिस्ट का काम भी तब तक पूरा करने की समय सीमा रखी गई है। उधर, सचिव शहरी विकास नितेश झा ने बताया, निर्धारित समय सीमा में निकाय चुनाव कराने के लिए तैयारी तेज कर दी गई हैं।

दिवाली से पहले मनेगी नेताओं की दीपावली-

29 अक्तूबर को दिवाली मनेगी। इससे पहले ही नगर निकायों के नेताओं की दिवाली मनेगी। सरकार ने तय किया कि दिवाली से पहले ही सभी निकायों में नए बोर्ड गठित कर दिए जाएंगे।

दून नगर निगम का परिसीमन 15 दिन के भीतर-

शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर निगम देहरादून के 54 वार्डों का परिसीमन 15 दिन के भीतर सुधार कर शासन को भेजा जाए। इस समय सीमा में ओबीसी आरक्षण व वोटर लिस्ट का काम भी पूरा करना है, ताकि निकाय चुनाव में कोई अड़चन पेश न आए।

दो नए नगर निगम बनाने की तैयारी-

नगर पालिका अल्मोड़ा और नगर पालिका पिथौरागढ़ को नगर निगम बनाने के लिए शासन स्तर से जिलाधिकारी को पत्र भेज दिया गया है। डीएम की ओर से इन निकायों को निगम बनाने के लिए सीमांकन संबंधी पूरी प्रस्ताव शासन को भेजा जाना है। माना जा रहा कि चुनाव से पहले ही सरकार इन्हें निगम बनाएगी। उधर, नगर पालिका रामनगर और नगर पालिका कर्णप्रयाग के परिसीमन में भी कुछ बदलाव होंगे। कुछ क्षेत्र जोड़े जाएंगे या कुछ हटाए जाएंगे। दो नगर निगम बनने के बाद राज्य में 11 नगर निगम (देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, श्रीनगर, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर, पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा) हो जाएंगे। नगर पालिका की संख्या 41 और नगर पंचायतों की संख्या 50 होगी।

 

Kedarnath Update: केदारनाथ पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त, 16 जगह पूरी तरह से बहे…230 मजदूर रस्सी के सहारे मार्ग को कर रहे हैं ठीक।

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केदारनाथ पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त जबकि 16 स्थानों पर पूरी तरह से बह गया है। लोक निर्माण विभाग ने रास्ते की मरम्मत के लिए 230 मजदूर लगाए हैं। संवेदनशील स्थानों पर मजदूर खाई में उतरकर खुदाई कर रहे हैं।

वहीं, रस्सों को पकड़कर पुश्ता निर्माण के लिए बुनियाद रख रहे हैं। पूरे मार्ग को दुरस्त करने में लगभग एक माह का समय लग सकता है। आने वाले दिनों में लोनिवि द्वारा मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।

बता दें कि 31 जुलाई की देर शाम को अतिवृष्टि से केदारनाथ पैदल मार्ग गौरीकुंड से लिनचोली तक व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। यहां 11 किमी के दायरे में रास्ता 16 स्थानों पर दो मीटर से 25 मीटर तक पूरी तरह से वॉशआउट हो रखा है। इसके अलावा अन्य स्थानों पर पुश्ता ढहने, मिट्टी कटान व भूस्खलन से मार्ग को क्षति पहुंची है।

लोक निर्माण विभाग पैदल मार्ग को दुरस्त करने में जुट गया है। जहां पर रास्ता पूरी तरह से वॉशआउट हुआ है, वहां पर मजदूर खाई में उतरकर पुश्ता निर्माण के लिए खुदाई कर रस्सों के सहारे बुनियाद रख रहे हैं। इन स्थानों पर हल्की सी चूक जान पर भारी पड़ सकती है।
यही नहीं, मार्ग को दुरस्त करने के लिए प्रभावित स्थानों पर पत्थर, सिमेंट व अन्य सामग्री पहुंचाने में भी अन्य मजदूरों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ क्षेत्र में आए दिन हो रही बारिश से मरम्मत व पुनर्निर्माण कार्य में दिक्कत आ रही हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अति संवेदनशील स्थानों पर आरसीसी पुश्तों का निर्माण किया जाना है। साथ ही जहां पर वॉशआउट हुआ है, वहां ऊपरी तरफ कटान के साथ ही निचली तरफ से सुरक्षा दीवार भी बनाई जानी है। इधर, सोनप्रयाग के समीप भूस्खलन जोन में भूस्खलन जोन में मरम्मत कार्य शुरू हो गया है।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को दुरस्त करने के लिए 230 मजदूर लगाए गए हैं। आने वाले दिनों में मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। जहां पर रास्ता वॉशआउट हो रखा है, वहां पर पुनर्निर्माण के लिए मजदूरों को काम करने में दिक्कतें हो रही हैं। सभी साइट पर स्वयं सहित सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता द्वारा किए जा रहे कार्य की मॉनीटरिंग की जा रही है।
-विनय झिक्वांण, अधिशासी अभियंता लोनिवि गुप्तकाशी

Kedarnath Rescue: पांचवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सेना ने संभाला मोर्चा; चिनूक से यात्रियों को किया जा रहा एयरलिफ्ट।

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केदारनाथ धाम व पैदल मार्ग से अब तक दस हजार से अधिक तीर्थयात्रियों व स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। सोमवार को केदार घाटी का मौसम साफ होने के साथ ही एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू का कार्य शुरू हो गया है। एमआई चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है। जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतरेगा। सुबह 9 बजे तक 133 लोगों को केदारनाथ से एमआई एवं चिनूक एवं छोटे हेलिकॉप्टर की मदद से सुरक्षित एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किए जा चुके हैं।

31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि से केदारनाथ मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक 16 किमी का मार्ग है, इसमें 10 जगह मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। लोक निर्माण विभाग की टीम मार्ग को खोलने में जुटी है। लोनिवि की रिपोर्ट के अनुसार जो स्थितियां हैं उनमें मार्ग को पूर्व की दशा में लाने में करीब एक महीने का समय लग सकता है।

वहीं, सेना ने मोर्चा संभालते हुए मंदाकिनी नदी पर अस्थायी ट्राली स्थापित कर दी है। साथ ही वैकल्पिक पुल का निर्माण भी शुरू कर दिया है। गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव के पास लगभग 15 मीटर लंबाई में रास्ता पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां पर लो.नि.वि श्रमिक वैकल्पिक मार्ग स्थापित करने में जुटे हैं।

सोमवार सुबह 100 लोगों को सुरक्षा बलों की देखरेख में श्री केदारनाथ धाम से लिनचोली हेलीपैड के लिए रवाना कर दिया गया है। इन यात्रियों को लिनचोली से एयर लिफ्ट कर शेरसी हैलीपैड पर उतारा जाएगा। इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमें जंगल एव मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं।

रविवार को लगभग 1100 लोगों का सफलता पूर्वक रेस्क्यू किया गया। वहीं सेना ने भी अब कमान संभाल ली है। पैदल मार्ग पर आम लोगों को खोजने के लिए स्निफर डाँग भेजे गए हैं, सेना क्षतिग्रस्त् पैदल मार्ग को आवाजाही के लिए खोजे जाने में भी मदद करेगी।

वहीं गौरीकुंड व सोनप्रयाग के बीच वाशआउट हुए हाइवे कपर ट्राली लाकर बुजर्ग व घायलों को निकालने का कार्य भी सेना ने शुरू कर दिया है। रेस्क्यू आपरेशन के चौथे दिन रविवार को कुल 1155 का रेस्क्यू किया गया, जिसमें हेलीकाप्टर से 628 व पैदल मार्ग से 527 लोगों को रेस्क्यू किया गया।

हेली से लिनचोली, चीरबासा व केदारनाथ से रेस्क्यू किया गया, वहीं चौमास पैदल मार्ग से भी रविवार को 210 लोगों को रेस्क्यू किया गया। केदारनाथ पैदल मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू भी जारी है। सोनप्रयाग में मैन्युल रेस्क्यू के लिए अब सेना, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस के जवानों संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं।

रविवार को चलने में असमर्थ लोगों के 25 बुजर्ग व घायलों का रेस्क्यू किया गया। वहीं स्निफर डाँग की टीम भी भेजी गई है, जो जंगल में भटक गए लोगों की खोजबीन करेगी, साथ ही भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में भी सर्च अभियान करेगी।

 

 

 

 

Wayanad Landslide: वायनाड भूस्खलन में मृतकों का आंकड़ा 300 पार, शवों को दफनाने के लिए दिशा-निर्देश किए गए जारी।

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Kerala Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्यों का आज पांचवां दिन है। अब तक मृतकों का आंकड़ा 308 हो चुका है। अभी भी शवों की तलाश जारी है। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया कि आज भी कल की ही तरह विभिन्न जोन्स के लिए अलग-अलग टीमें बनाई जाएंगी। टीमों के साथ वैज्ञानिक और स्निफर डॉग्स भी मौजूद रहेंगे। सेना के अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं।

 

एडीजीपी बोले- हेलीकॉप्टर और ड्रोन्स से किया जा रहा सर्वेक्षण

केरल के ADGP(कानून व्यवस्था) एम. आर. अजीत कुमार ने वायनाड भूस्खलन पर बताया, ‘राहत और बचाव अभियान जारी है, हम सर्च ऑपरेशन में लगे हुए हैं, पूरे इलाके को 6 जोन में बांटा गया है, 5 भूमि क्षेत्र और 1 नदी क्षेत्र है। पिछले दो दिनों से हम नदी क्षेत्र पर केंद्रित हैं। पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ वन, अग्निशमन और तट रक्षक अपना काम कर रहे हैं। हमारे पुलिस हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल सर्वेक्षण करने के लिए किया जा रहा है। आज हमें उस सर्च में एक शव मिला है। अभी तक जिला प्रशासन के अनुसार, उन्हें करीब 400 लोगों के लापता होने की सूचना मिली है, हमारे पास ज्यादा डेटा नहीं है।’

 

केरल सरकार ने शवों और अवशेषों को दफनाने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

केरल के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक शव या शरीर के अंग को एक पहचान संख्या दी जाएगी। निर्देशों में कहा गया है कि अवशेषों के सभी नमूने, तस्वीरों या वीडियो और शरीर से जुड़ी भौतिक वस्तुओं का भी रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा।

84 लोगों का अस्पताल में चल रहा इलाज

भूस्खलन में घायल हुए 84 लोगों का वायनाड, कोझिकोड और मलाप्पुरम के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। 187 लोग अस्पतालों से डिस्चार्ज भी हो चुके हैं।

 

Kanwad Yatra 2024: हरिद्वार पहुंचे 4.4 करोड़ कांवड़िये, गंगाजल लेकर आज कर रहे जलाभिषेक।

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कल यानी बृहस्पतिवार को कांवड़ मेले का आखिरी दिन था और आज कावड़ियों ने शिवालयों में जलाभिषेक किया। आखिरी दिन पूरी रात डाक कांवड़ यात्री हरिद्वार से जलभर बाइकों और बड़े वाहनों से दौड़ते रहे। इस बार मेले में चार करोड़ चार लाख 40 हजार कांवड़ यात्री पहुंचे हैं।

प्रशासन ने बृहस्पतिवार की शाम छह बजे तक का यह आंकड़ा जारी किया है। पिछले साल चार करोड़ सात लाख कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे थे। 22 जुलाई से कांवड़ मेले का आगाज हुआ था। आज शुक्रवार को जलाभिषेक होगा। बृहस्पतिवार की शाम तक छह बजे धर्मनगरी में 77 लाख कांवड़ यात्रियों ने गंगाजल भरा और अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो गए।

इस बार डाक कांवड़ यात्रियों का हुजूम अंतिम दिन ही उमड़ा। इससे पहले पैदल कांवड़ यात्री रवाना होते रहे। बृहस्पतिवार की रात से आसपास के जनपदों के यात्री गंगाजल भरकर रवाना होते रहे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि कांवड़ मेले में अब तक 4 करोड़ 4 लाख, 40 हजार कांवड़ी यात्री पहुंचे हैं। कांवड़ियों के तीन लाख 38 हजार 277 छोटे-बड़े वाहन गुरुवार को पहुंचे हैं। छह कांवड़ियों को डूबने से बचाया गया है जबकि तीन की मौत हुई है।

इन सालों में इतने कांवड़िये पहुंचे-

2015-1 करोड़ 95 लाख

2016-2 करोड़ 20 लाख

2017-3 करोड़ 70 लाख

2018-3 करोड़ 77 लाख

2019-3 करोड़ 30 लाख

2020-कोरोना के कारण स्थगित

2021-कोरोना के कारण स्थगित

2022-3 करोड़ 79 लाख

2023-4 करोड़ 07 लाख

 

Uttarakhand: कांग्रेस की केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा हुई स्थगित, राहुल गांधी के दिशा-निर्देश पर किया गया ये एलान।

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कांग्रेस की केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा आपदा के चलते सामान्य स्थिति होने तक स्थगित कर दी गई है। राहुल गांधी के दिशा निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करण माहरा न यात्रा स्थगित करने का एलान किया है।

यात्रा सीतापुर तक पहुंच गई थी और शुक्रवार को सीतापुर से आगे रवाना होनी थी। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इसकी पुष्टि की है। आपदा से सामान्य स्थिति होने के बाद कांग्रेस फिर से सीतापुर से आगे की यात्रा शुरू करेगी।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोनप्रयाग में आपदा से हुए नुकसान को देखते हुए यात्रा में आगे जाने का कार्यक्रम पहले ही स्थगित कर दिया। कहा, केदारनाथ क्षेत्र में भयंकर आपदा आई है। बड़ी संख्या में यात्री फंसे हैं। उनका बचाव कार्य चल रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि राज्य की संपूर्ण शक्ति लगाकर बचाव कार्य करें।

Uttrakhand: पहाड़ से मैदान तक भारी बारिश का कहर, 9 लोगों की मौत, 5 लापता, हाई अलर्ट पर केदारघाटी…यात्रा रोकी गयी।

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उत्तराखंड में बुधवार को हुई भारी बारिश से कई जगह जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। अलग-अलग हादसों में नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग लापता हैं, उनकी तलाश जारी है। उधर, केदारघाटी में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। टिहरी में तिलवाड़ा पुल बह गया है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली के पास बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशाने से ऊपर पहुंच गया है।

सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने देर रात गौरीकुंड और सोनप्रयाग में बाजारों के साथ होट और लॉज को खाली करवा दिया। केदरानाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने से मची भारी तबाही के बाद यात्रा को रोक दिया गया है। केदारघाटी में हाईअलर्ट जारी किया गया है। केदारनाथ पैदाल मार्गों पर फंसे श्रद्धालुओं का सुबह से रेस्क्यू जारी है। अब हेलिकॉप्टर से भी रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया है।
एहतियात के तौर पर 200 लोगों को जीएमवीएन के गेस्ट हाउस और पुलिस चौकी में ठहराया गया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच चट्टान रास्ते पर गिरने की भी सूचना है। उधर, टिहरी के घनसाली में भिलंगना ब्लॉक के नौताड़ तोक में एक छोटा होटल ढहने से दंपती भानु व नीलम की मौत हो गई। जबकि गैरसैंण के रोहिड़ा में एक मकान पर मलबा गिरने से एक महिला की मौत हो गई। दूसरी ओर चमोली के बेलचोरी में मकान ढहने से दो लोग लापता हो गए हैं।

देहरादून में 1 की मौत, एक लापता –

देहरादून शहर में बुधवार शाम से शुरू हुई तेज बारिश देर रात तक जारी रही। कुछ ही देर में नालापानी में सड़क पर पानी इतना तेज बहने लगा कि दो लोग बहकर लापता हो गए। जिनमें से एक का शव बरामद हो गया। वहीं, रिस्पना समेत शहर के नदी-नाले उफान पर आ गए। नदियों किनारे बसे निचले इलाकों में रात तक बाढ़ जैसे हालात बन गए। कई कॉलोनियों में पानी भर गया।

कुमाऊं : 2 बच्चे बहे, एक की मौत-

कुमाऊं में भी बारिश से जानमाल का खासा नुकसान हुआ है। बागेश्वर जिले में शुभम (14) पुत्र संतोष सरयू में बह गया। हल्द्वानी के इंदिरानगर निवासी रिजवान(8) नाले में बह गया। धारी ब्लॉक के उडियारी पल्लाधार में पहाड़ी से पत्थर गिरने से लालराम (48) की मौत हो गई। इसके अलावा तीन लोगों को बहने से बचाया गया है।

रुड़की में करंट से 2 लोगों की मौत-

रोडवेज बस स्टेशन के पास बिजली के तारों से घिरे एक खंभे के नीचे पेड़ में बारिश के कारण अचानक करंट फैल गया। पेड़ के नीचे बस का इंतजार कर रहे सरोज निवासी कांवली रोड देहरादून और प्रदीप निवासी लंढौरा करंट की चपेट में आ गए। दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

लिंचोली में बादल फटने से खासा नुकसान हुआ है। एसडीएम अनिल कुमार के मुताबिक गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर जाने वाला पैदल मार्ग करीब 30 मीटर बह गया है। मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। तप्तकुंड भी बह गया है। देर रात गौरीकुंड और सोनप्रयाग बाजार खाली करा लिए गए। 40 लोगों ने जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में शरण ले ली है।

आज नहीं होंगे चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन-

मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए रेड अलर्ट के चलते एवं आयुक्त गढ़वाल मंडल ने निर्देश दिए हैं कि हरिद्वार और ऋषिकेश में स्थित पंजीकरण केंद्र में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया स्थगित रहेगी। वहीं, जिलाधिकारी यात्रा को लेकर अपने स्तर से निर्णय लेंगे।

आज भी प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट-

मौसम विभाग ने आज राज्य के सभी जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। जबकि तीन जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। वहीं चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट है। भारी बारिश के मद्देनजर खासतौर पर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

Himachal Disaster: कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने से 2 की मौत, 50 लोग लापता, देखिए तबाही की तस्वीरें।

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हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर सामने आया है। कुल्लू, मंडी और शिमला में तीन जगहों पर बादल फटा है। जिसमें 50 लोग लापता हो गए हैं। दो लोगों की मौत भी हो गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। राहत बचाव कार्य बहुत तेजी से चल रही है।

बादल फटने की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सचिवालय में एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हिमाचल को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

मंडी में दो की मौत 9 लापता

मंडी जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के धम्चयाण पंचायत के राजवन गांव में आधी रात को बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कई घर पानी में तेज बहाव में बह गए हैं। 11 लोग लापता हो गए हैं। 2 शव भी बरामद हुए हैं।

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन राहत एवं बचाव दल के साथ मौके पर पहुंच गए हैं। प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान के लिए वायुसेना की मदद मांगी है।बुधवार रात करीब 12 बजे राजवन गांव में बादलों की गड़गड़ाहट के बीच जोर का धमाका हुआ। देखते ही देखते चारों ओर पानी ही पानी हो गया।

समेज खड्ड में फटा बादल, 32 लापता

शिमला जिला के रामपुर क्षेत्र के समेज में बादल फटने से तबाही हुई है। जिसमें 6 परिवार लापता हो गए हैं। हादसे में 32 लोग लापता हो गए हैं। लापता लोगों की तलाश शुरू कर दी गई है। समेज में एसेंट हाइड्रो 6 मेगावाट प्रोजेक्ट भी बह गया है।

रामपुर के खनेरी अस्पताल से चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंच गई है। समेज खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के नजदीक बादल फटा है। लापता लोगों की संख्या 32 हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत तेजी से चल रहा है।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम, पुलिस, रेस्क्यू दल घटना स्थल के रवाना हो चुके हैं।

कुल्लू के मणिकर्ण वैली में फटा बादल

बागीपुल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बुद्वि सिंह ठाकुर ने बताया कि बागीपुल में टॉप पर बादल फटने से कुर्पन खड्ड में बाढ़ आ गई। इसमें सिंह गांड में कई दुकानें, होटल बह गए। यहां पर किसी के जानी नुकसान की सूचना नहीं है। जबकि बागीपुल में नौ मकान बह गए हैं। इसमें एक मकान में चार सदस्यों का परिवार भी लापता है। उनके बहने की आशंका है। ऐसे में सुबह से उनकी तलाश की जा रही है।

देर रात को आई पार्वती नदी, ब्यास नदी, का जल स्तर काफी बढ़ गया है। उधर सैंज में भी पिन पार्वती नदी का जल स्तर बढ़ने से नुकसान की आशंका बनी है। हालांकि अभी तक कोई सूचना नहीं मिल पाई है।

उत्तराखंड में पहाड़ों पर बारिश से ऋषिकेश में गंगा नदी फिर उफान पर, पुलिस लोगों को कर रही अलर्ट।

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षिकेश में गंगा फिर उफान पर आती नजर आ रही है। पर्वतीय क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा के कारण गंगा की सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ गया। जिसके चलते ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से .20 मीटर ऊपर आ गया है।

पुलिस की टीम त्रिवेणी घाट समेत आसपास गंगा के तटीय इलाकों में मौजूद लोगों को अलर्ट कर रही है। गुरुवार की सुबह 8:00 बजे ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर 339.70 मीटर दर्ज किया गया। जो कि चेतावनी रेखा (339.50) से दशमलव 20 मीटर अधिक है। हालांकि, अभी खतरे की रेखा (340.50) से नीचे है, लेकिन जल स्तर में लगातार आंशिक वृद्धि दर्ज की जा रही है।

हाइवे किनारे पेड़ गिरा

बुधवार देर शाम तेज वर्षा के दौरान खांड गांव रायवाला के निकट हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग पर किनारे की तरफ एक पेड़ गिर गया। मोतीचूर के रेंज अधिकारी महेश सेमवाल ने बताया कि पेड़ को हटवा दिया गया है। राजमार्ग पर यातायात सुचारू रूप से चालू है।