Month: July 2024

Budget: पहली नौकरी मिलने पर सीधे खाते में आएंगे 15 हजार, PF भी सरकार देगी, 2.1 करोड़ युवाओं के लिए ये बड़ा एलान।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारम मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश कर रही हैं। इस बजट में उन्होंने पहली बार नौकरी पाने वालों को तोहफा दिया है। सीतारमण ने कहा कि संगठित क्षेत्र में पहली बार नौकरी की शुरुआत करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। यह वेतन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ (डीबीटी) के जरिए तीन किस्तों में जारी होगा।

1. पहली बार नौकरी पाने वालों को मिलेगा ये तोहफा-
सीतारमण ने कहा, “रोजगार और कौशल विकास सरकार की नौ प्राथमिकताओं में से एक है। इसके तहत पहली बार नौकरी करने वालों को बड़ी मदद मिलने जा रही है। संगठित क्षेत्र में पहली बार नौकरी की शुरुआत करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। यह वेतन डीबीटी के जरिए तीन किस्तों में जारी होगा। इसकी अधिकतम राशि 15 हजार रुपये होगी। ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को यह मदद मिलेगी। योग्यता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह होगी। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा।
2. PF में एक महीने का योगदान-
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि एक महीने का पीएफ (भविष्य निधि) योगदान प्रदान करके नौकरी बाजार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगी। उन्होंने घोषणा की कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए देश में कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित किए जाएंगे।
3. 1 करोड़ युवाओं को टॉप-500 कंपनियों में 12 महीने इंटर्नशिप और हर महीने भत्ता –
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच साल में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। यह इंटर्नशिप 12 महीने की होगी। इसमें युवाओं को कारोबार के वास्तविक माहौल को जानने और अलग-अलग पेशे की चुनौतियों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके तहत युवाओं को हर महीने पांच हजार रुपये का भत्ता भी दिया जाएगा। यही नहीं, उन्हें एकमुश्त मदद के रूप में छह हजार रुपये दिए जाएंगे। कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत प्रशिक्षण का खर्च और इंटर्नशिप की 10 फीसदी लागत को वहन करना होगा।

4. 1000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अपग्रेड किया जाएगा-
उन्होंने कहा, मुझे कौशल विकास और राज्य सरकारों व उद्योग जगत के साथ सहयोग के लिए प्रधानमंत्री पैकेज के तहत चौथी योजना के तौर पर केंद्र की नई प्रस्तावित योजना की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कुशल बनाया जाएगा। एक हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को हब में अपग्रेड किया जाएगा।

5. जलवायु के अनुकूल बीज विकसित करने के लिए धन मुहैया करेगी सरकार-
सीतारमण ने कहा कि सरकार जलवायु के अनुकूल बीज विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र और उससे जुड़े विशेषज्ञों व अन्य को धन मुहैया कराएगी।

6. मनरेगा में परिवार के एक सदस्य को कम से कम 100 दिन का रोजगार-
उन्होंने आगे कहा, पहले मौजूद मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी) योजना में प्रत्येक उस परिवार के कम से कम एक व्यक्ति को 100 दिनों का रोजगार प्रदान किया जाएगा, जिसके वयस्क सदस्य शारीरिक काम चाहते हैं।

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Bihar Special Status: सीएम नीतीश कुमार को लगा बड़ा झटका, बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा।

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Bihar Special Status: केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में शामिल जनता दल यूनाईटेड ने सीधे-सीधे लोकसभा में अपनी ही सरकार से पूछ दिया कि क्या वह बिहार और शेष ऐसे राज्यों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देना चाहती है? अगर सरकार ऐसा विचार रखती है तो बताए और नहीं रखती है तो इसका कारण स्पष्ट करे।

लोकसभा में बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार की ओर से वित्त राज्य मंत्री पकंज चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल पंकज चौधरी ने लोकसभा में केंद्र सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है।

बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है- 

मंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए जिन प्रावधानों को पूरा करना होता है वह बिहार में नहीं है। बता दें, बीते कई सालों से बिहार को विषेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही है। अभी हाल ही में रविवार को भी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही है। अभी हाल ही में रविवार को भी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक के दौरान जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने की मांग को उठाया था।

 

यह बिहार के लोगों का हक- JUD ने कहा-

वहीं सोमवार को आम बजट से पहले जेडीयू ने एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष सहायता देने की मांग की है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग बिहार की जनता की आवाज है। जेडीयू ने मांग पत्र नहीं अधिकार पत्र भेजा है। हमने कहा है कि बिहार को विशेष सहायता मिलना ही चाहिए। बता दें, केंद्र की नई सरकार का आम बजट कल पेश होने वाला है।

Uttarakhand: अब बदरी-केदार मंदिर समेत 47 मंदिरों के परिसरों की सुरक्षा BKTC के जिम्मे, पहली बार बना आईटी संवर्ग।

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बदरीनाथ, केदारनाथ समेत 47 मंदिरों में परिसर के दायरे में अब दर्शन व्यवस्था से लेकर सुरक्षा का सभी जिम्मा अब बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पास होगा। पहली बार बीकेटीसी में सुरक्षा और आईटी संवर्ग के लिए शासन ने मंजूरी दे दी है। इन संवर्गों में 58 पद सृजित किए जाएंगे।

डीएसपी रैंक का अधिकारी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगा। इस पद को नागरिक पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बल, अर्द्ध सैनिक बल से प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा। सरकार ने बीकेटीसी में सुरक्षा संवर्ग और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संवर्ग के लिए पदों के सृजन की अनुमति दे दी है। सुरक्षा संवर्ग में 57 और आईटी संवर्ग में एक पद सृजित किया गया है।

संस्कृति व धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। बीते वर्ष बीकेटीसी की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर सुरक्षा संवर्ग और आईटी संवर्ग के लिए पद सृजन का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा था। बीकेटीसी का तर्क था कि वर्ष 1982-83 में सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षा गार्ड व खजाना गार्ड के पांच पद सृजित किए गए थे।

धामों में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि

 

वर्तमान में बीकेटीसी बदरीनाथ, केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, त्रियुगीनारायण, नृसिंह मंदिर जोशीमठ, कालीमठ, काशी विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ, भविष्य बदरी समेत 47 मंदिरों का प्रबंधन देखती है। वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम थी। वर्तमान समय में धामों में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

इससे धामों में सुगम दर्शन कराना बीकेटीसी के समक्ष बड़ी चुनौती है। दर्शन व्यवस्था के लिए बीकेटीसी की ओर से जिन कार्मिकों की तैनाती की जाती है, वह प्रशिक्षित नहीं होते हैं। अभी तक पुलिस को भी दर्शन व्यवस्था में तैनात किया जाता है। पुलिस पर बीकेटीसी का नियंत्रण नहीं होता है। वो अपने विभागीय निर्देशों से संचालित होती है, जिससे कई तरह की दिक्कतें भी पैदा होती हैं।

ऐसा होगा सुरक्षा संवर्ग का ढांचा

बीकेटीसी के सुरक्षा संवर्ग का प्रमुख मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी होगा। यह पद डीएसपी रैंक के अधिकारी होगा। जिसे नागरिक पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बल अथवा अर्द्ध सैनिक बल से प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा। मुख्य मंदिर सुरक्षा अधिकारी के नीचे दो मंदिर सुरक्षा अधिकारी के पद होंगे। जो इंस्पेक्टर रैंक के होंगे। इसके आलवा सब इंस्पेक्टर रैंक के चार उप मंदिर सुरक्षा अधिकारी होंगे। ये सभी पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे। आउटसोर्स के माध्यम से 10 मुख्य मंदिर रक्षक और 40 मंदिर रक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

आईटी संवर्ग में ये होंगे पद

वर्तमान में बीकेटीसी में सूचना प्रौद्योगिकी संवर्ग में इंटरनेट कोआर्डिनेटर का एक पद पूर्व से सृजित है और यह पद वर्तमान में रिक्त चला आ रहा है। कुछ माह पूर्व में बीकेटीसी में सेवा नियमावली बनने के बाद इस पद पर अब नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। शासन ने अब बीकेटीसी में सहायक प्रोग्रामर का एक पद सृजित कर दिया है। इस पर नियत मानदेय पर नियुक्ति की जाएगी।

दर्शन व्यवस्था होगी और अधिक सुव्यवस्थित : अजेंद्र

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सुरक्षा संवर्ग और आईटी संवर्ग में पद सृजन के लिए सीएम धामी का आभार जताते हुए कहा, बीकेटीसी का अपना सुरक्षा संवर्ग होने से मंदिरों में दर्शन व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित किया जा सकेगा। बदरीनाथ व केदारनाथ के अलावा अन्य अधीनस्थ मंदिरों में भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। आईटी संवर्ग में पदों के सृजन से कई व्यवस्थाओं में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग होगा। कहा, ई-ऑफिस, ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग होने से कामकाज में पारदर्शिता आएगी।

Sawan 2024: सावन के पहले सोमवार को शिवालय में उमड़ा आस्था का सैलाब, बारिश के बीच बम-बम भोले की गूंज।

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झमाझम बारिश के बीच जय भोले की गूंज। बम-बम भोले की जयकारों से देवभूमि उत्तराखंड के शिवालय गूंज उठे। सावन माह सोमवार आज से शुरू हो गए हैं। सावन माह भगवान शिव को बेहद प्रिय है। शहर से देहात तक के सभी शिवालयों की खास सजावट की गई है और सुबह से शिवालय में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी है।

इस बार सोमवार से ही सावन माह का प्रारंभ हुआ है। शिवालयों में भगवान शिव की विशेष-पूजा अर्चना हो रही है। लाखों कांवडि़ए जल भरने के लिए हरिद्वार पहुंच चुके हैं। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कांवड़ पटरी पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। कांवड़ पटरी से ही पैदल शिवभक्तों को निकाला जा रहा है।

सोलानी पार्क मार्ग से हाईवे को जाने वाले मार्ग को बंद दिया गया है। नगर निगम चौक पर भी पुलिसकर्मी तैनात हो गए हैं जो कांवड़ यात्रियों को ट्रैफिक रोककर निकाल रहे हैं। चंद्रशेखर चौक पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। बोट क्लब तिराहे को भी बंद कर दिया गया है। एसबीआई मुख्य शाखा वाले मार्ग पर भी बांस और बल्लियां लगा दी गई हैं। गणेशपुर पुल से पटरी वाले मार्ग पर भी बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। इसी तरह से आसफनगर झाल के तिराहे को भी बंद कर दिया गया है। केवल कांवड़ यात्रियों के लिए ही कांवड़ पटरी को रखा गया है।

हाईवे हुआ शिवमय, गूजे भोले के जयकारे-

महाशिवरात्रि पर जल से शिव का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवभक्त रवाना हो रहे हैं। इसी के चलते हाईवे पर कांवड़ियों की भीड़ बढ़ने लगी है। कांवड़ियों का उत्साह देखने लायक है। वे भगवान शिव के जयकारे लगाते हुए और भक्ति गीत गाते हुए अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।

दिल्ली की ओर से हरिद्वार गंगाजल लेने जा रहे कांवड़ियों का काफी संख्या में ट्रकों, बसों, निजी वाहनों से काफिला लगातार बढ़ रहा है। हाईवे पर जगह-जगह कांवड़ियों का जत्था देखने को मिल रहा है। सुबह व शाम में नारसन कस्बे में भारी संख्या में कांवड़िए हाईवे से गुजर रहे हैं। दोपहर में धूप बढ़ने पर कांवड़िए हाईवे किनारे ढाबों, दुकानों आदि पर आराम करते हैं। देर शाम को नारसन तिराहे, मोहम्मदपुर जट्ट, उल्हेड़ा आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग कांवड़ियों को देखने के लिए पहुंच रहे हैं।

 

श्रीनगर में कमलेश्वर महादेव, नागेश्वर, किलकिलेश्वर, घसिया महादेव,अल्केश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। हालांकि सुबह 6 बजे से साढ़े सात बजे तक बारिश होने के चलते श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शिवालयों में बम बम भोले के जयकारे गूंजते रहे।

कोमा में जा सकते हैं सीएम केजरीवाल, शुगर लेवल 50 से नीचे- आतिशी

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दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की सेहत को लेकर बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. आतिशी ने कहा कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल को जेल में मारने की कोशिश कर रही है. केजरीवाल का शुगर लेवल 50 से नीचे आ गया है ऐसे में वो कोमा में जा सकते हैं. आतिशी ने कहा कि केजरीवाल को ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा है. वहीं दिल्ली एलजी के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा कि अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर सही डाइट नहीं ले रहे हैं जिसकी वजह से उनका वजन तेजी से कम हो रहा है. केजरीवाल डाइट चार्ट का पालन नहीं कर रहे हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाला मामले के चलते तिहाड़ जेल में बंद हैं. हाल ही में दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर सीएम केजरीवाल की डाइट को लेकर सवाल उठाए हैं. एलजी के प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर कहा कि जेल में अरविंद केजरीवाल जानबूझकर कम कैलोरी ले रहे हैं. अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य का जिक्र करते हुए कहा गया है कि कम कैलोरी से उन का वजन कम हो रहा है, साथ ही सवाल उठाए गए हैं कि केजरीवाल प्रॉपर डाइट नहीं ले रहे हैं.

सीएम केजरीवाल नहीं ले रहे प्रॉपर डाइट

प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर आरोप लगाए कि सीएम न तो प्रॉपर डाइट ले रहे हैं और न ही उन्होंने डाइट चार्ट का पालन किया है. सचिव ने कहा, केजरीवाल ने 6 जून से 13 जुलाई के बीच प्रॉपर डाइट नहीं ली है, वो डाइट चार्ट का पालन नहीं कर रहे हैं.

AAP ने दिया जवाब

एलजी के प्रधान सचिव ने चिट्ठी लिखकर सीएम की डाइट पर आरोप लगाए जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने इस पर जवाब दिया. मंत्री आतिशी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सीएम केजरीवाल को मारने की साजिश रच रही है. सीएम की सेहत के बारे में जानकारी देते हुए आतिशी ने कहा कि सीएम केजरीवाल का शुगर लेवल 8 से ज्यादा बार 50 से नीचे आ चुका है, इन सब चीजों के चलते सीएम केजरीवाल कोमा में जा सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा है.

 

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट… मौसम विभाग ने दी अगले 24-48 घंटे सतर्क रहने की चेतावनी

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मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24-48 घंटे सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है। उत्तराखंड के कुमाऊं में ऑरेंज अलर्ट और गढ़वाल में येलो अलर्ट जारी किया गया है।गढ़वाल के अधिकांश जिलों और राजधानी देहरादून में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने बारिश को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही नदी-नालों के पास जाने से बचने की चेतावनी दी। प्रदेश के चार जिलों में भारी बारिश होने की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत पौड़ी, चम्पावत और नैनीताल जिले के कुछ हिस्सों में तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

इसके अलावा उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में कई दौर की तेज बारिश होने के भी आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है अगले तीन से चार दिन प्रदेश भर के पर्वतीय जिलों के साथ मैदानी इलाकों में भी तेज बारिश होने की संभावना है।

जौनसार बावर व पछवादून में भूस्खलन से मलबा आने पर 13 मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। जिसमें दो राज्य मार्ग, एक मुख्य जिला मार्ग, एक अन्य जिला मार्ग शामिल है। पीएमजीएसवाई कालसी के चार, लोनिवि चकराता के दो, लोनिवि साहिया के पांच, लोनिवि प्रांतीय खंड देहरादून के दो मोटर मार्ग बंद हैं। नरेंद्रनगर – रानी पोखरी रोड मलबा आने से बंद है। टिहरी जिले में 12 लिंक रोड मलबा आने से बंद हैं। राजमार्ग खुले हैं। चमोली में शुक्रवार रात बारिश हुई। वहीं शनिवार को मौसम साफ हो गया। बदरीनाथ हाईवे सहित जनपद चमोली अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात हेतु सामान्य सुचारू हैं। बदरीनाथ व हेमकुंड यात्रा जारी है।

उत्तरकाशी जिले में मौसम साफ है। गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर वर्तमान में यातायात सुचारू है। शनिवार को सुबह के दौरान गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नलूणा और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डाबरकोट के पास करीब एक से दो घंटे बंद रहा। जनपद में दो संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं।वहीं शनिवार को गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में बारिश के कारण नदियों ने विकराल रूप ले लिया। अलकनंदा व मंदाकिनी नदी के जलस्तर में भारी बढ़ोतरी हुई है। दोनों नदियां उफान पर हैं। नदी किनारे रहने वालों लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

 

उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन गढ़वाल के ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा नहीं हो रही है। देहरादून के कुछ क्षेत्रों में और कुमाऊं में भारी वर्षा का क्रम बना हुआ है। दून में शुक्रवार को सुबह धूप खिली और दोपहर तक उमसभरी गर्मी ने बेहाल किया।इसके बाद आसमान में बादल मंडराने लगे और राजपुर, मालसी, जोहड़ी, सहस्रधारा क्षेत्र में जोरदार वर्षा हुई। जिससे क्षेत्र के बरसाती नाले उफान पर आ गए। शहर में भी रात करीब साढ़े आठ बजे गरज-चमक के साथ बौछारों का दौर शुरू हो गया।

अगले कुछ दिन वर्षा और जोर पकड़ सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज चंपावत, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर व अल्मोड़ा में भी कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा हो सकती है, जिसे लेकर यलो अलर्ट है

उत्‍तराखंड की धामी सरकार का फैसला, यूपी की तर्ज पर ढाबे और फलवालों को भी लगानी होगी नेमप्‍लेट

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यूपी की तर्ज पर अब उत्‍तराखंड सरकार ने फैसला लिया है कि हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों के आगे मालिक का नाम लिखना जरूरी होगा। हरिद्वार एसएसपी ने इस बात की पुष्टि की है। अब दुकान मालिक और स्‍टाफ का नाम लिखना जरूरी होगा। इसी आधार पर दुकानदारों का वेरिफिकेशन किया जाएगा।

हरिद्वार में कांवड़ मेले को लेकर पुलिस मुस्तैद हो गई है। उत्तर प्रदेश के बाद अब हरिद्वार में भी होटल और ढाबा संचालकों के साथ बोर्ड में नाम लिखने को लेकर सख्ती की जा रही है। हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने होटल और ढाबों पर संचालकों/प्रोपराइटरों का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है।

 

संचालकों और प्रोपराइटरों का नाम अंकित न करने वालों पर पुलिस शिकंजा कस रही है। पुलिस इस मामले में चेकिंग अभियान भी चला रही है। सावन के कावड़ मेल की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है। जिसके लिए पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। यात्रा और यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम को लेकर पुलिस मुस्तैदी से जुटी हुई है। वहीं होटल और ढाबा कारोबारियों के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही इसका पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

 

इसी सिलसिले में पुलिस ने होटल और ढाबों पर संचालकों व प्रोपराइटरों के नाम न लिखने वालों के चालान करना शुरू कर दिया है। पुलिस ने होटल और ढाबा संचालकों को साफ तौर पर हिदायत दी है कि साइन बोर्ड पर अपना नाम लिखें। रेट लिस्ट और सीसीटीवी कैमरा लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाने की चेतावनी भी पुलिस ने दी है। हालांकि इसके बावजूद हरिद्वार क्षेत्र में कई होटल संचालकों ने पुलिस के निर्देशों का पालन नहीं किया।

 

अंडा, लहसुन, प्‍याज भी बैन

पुलिस ने होटल ढाबा संचालकों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कावड़ मेले के दौरान होटल ढाबे में मांस, अंडा, लहसुन, प्याज का उपयोग नहीं किया जाएगा। मदिरा और मादक पदार्थों का सेवन भी नहीं करायेंगे। होटल और ढाबे में खाने की लिस्ट मुख्य स्थान पर चस्पा की जाएगी। भुगतान के लिए होटल ढाबे पर संचालक के नाम का क्यूआर कोड रखा जाएगा। वहीं कांवड़ मेला 2024 को सकुशल संपन्न करने के लिए सभी थाना प्रभारी ने अपने-अपने क्षेत्र में सीएलजी सदस्यों, ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्य और ग्राम प्रधानों के साथ गोष्ठी भी की है। जिसमें इन सभी को कांवड़ मेला पर्व के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सहयोग करने की अपील की गई है।

NEET UG 2024 Result: नीट यूजी का रिजल्ट आज होगा जारी, केंद्रवार होगी घोषणा; जानिए कैसे और कहां कर सकते है रिजल्ट चेक.

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NEET UG Result 2024: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) आज दोपहर 12 बजे तक neet.ntaonline.in. पर नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG 2024) के लिए शहर और केंद्रवार नतीजे जारी करेगा।

इस मामले की सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को छात्रों की पहचान छिपाते हुए आधिकारिक वेबसाइट पर अलग से (NEET UG) के नतीजे प्रकाशित करने का निर्देश दिया था। पेपर लीक के आरोपों के बाद नीट विवाद शुरू हुआ, जिसके बाद एनटीए द्वारा ग्रेस मार्क्स दिए गए।

 

परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि परीक्षा को फिर से यानी नए सिरे से आयोजित करने के किसी भी आदेश का ठोस निष्कर्ष यह होना चाहिए कि पूरी प्रक्रिया की पवित्रता प्रभावित हुई है।

दिन भर चली सुनवाई के दौरान पीठ ने उम्मीदवारों के वकील से परीक्षा आयोजित करने में व्यापक अनियमितताओं के बारे में अपना दावा साबित करने के लिए कहा।

नीट का रिजल्ट आमतौर पर ऑनलाइन जारी किया जाता है। यह रिजल्ट एनटीए की एक ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध होता है, जहां छात्र अपने रोल नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी का उपयोग करके अपना परिणाम देख सकते हैं।

 

नीट के रिजल्ट की घोषणा भी समाचार पत्रों में दी जाती थी और अन्य साइटों द्वारा भी इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाती थी। नीट के रिजल्ट में छात्रों की मार्क्स, रैंकिंग और अन्य विवरण शामिल होते हैं। छात्र अपनी रैंकिंग के आधार पर विभिन्न चिकित्सा कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।

NEET UG Result 2024: जानिए कैसे जारी होगा रिजल्ट-

नीट का रिजल्ट ऑनलाइन जारी किया जाएगा। यह रिजल्ट एनटीए की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध होगा, जहां छात्र अपने रोल नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी का उपयोग करके अपना परिणाम देख सकेंगे।

 

Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मानसून का असर, प्रदेश के अधिकांश जिलों में आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट।

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राज्य के अधिकांश जिलों में आज बारिश की संभावना है। पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में कई जगहों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा देहरादून और हरिद्वार समेत आठ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने की भी आशंका जताई गई है।

मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार राज्य के देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत एवं नैनीताल जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और बारिश के तीव्र से अति तीव्र दौर होने की संभावना रहेगी।

 

हीं देहरादून में आसमान में बादल छाए रहने के साथ ही कहीं हल्की बारिश तो कहीं पर भारी बारिश होगी। इस दौरान अधिकतम तापमान 30 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री के आसपास बना रहेगा। वहीं बुधवार को देहरादून में अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि पंतनगर में 36.1, मुक्तेश्वर में 20.5 एवं नई टिहरी में 23.9 डिग्री सेल्सियस रहा।

बारिश के चलते 47 मार्ग हुए बंद-

बरसात के कारण प्रदेश मे बुधवार को 47 मार्ग बंद हुए। इसके अलावा 36 मार्ग पहले से बंद थे। लोक निर्माण विभाग बंद सभी मार्गों में 40 ही खोल सका है, अभी राज्य में 43 सड़क बंद हैं। इसमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग, पांच राज्य मार्ग, दो मुख्य जिला मार्ग और 35 ग्रामीण मार्ग हैं। बंद मार्ग को खोलने के लिए 40 जेसीबी काम कर रही हैं।

Uttar Pradesh: यूपी में संगठन-सरकार में हो सकते हैं बड़े बदलाव !

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बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश की सियासत में किसी बड़े बदलाव’ को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के बाद बीते तकरीबन 12 घंटे से उत्तर प्रदेश की सियासत में भारी फेरबदल की बात हो रही है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों की मानें, तो उत्तर प्रदेश के संगठन और सरकार में कुछ बदलाव तो होने तय हैं।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से हार के कारणों पर चर्चा हो रही है। इन्हीं चर्चाओं के बीच उत्तर प्रदेश में बड़े फेरबदल की बात की जा रही थी। लगातार उत्तर प्रदेश के बड़े नेता मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में थे। लेकिन बीते 12 घंटे के भीतर जिस तरीके से उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मची है, उसे लेकर सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि भाजपा सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में शुरुआती दौर में जो बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं, उसमें मंत्रिमंडल का विस्तार महत्वपूर्ण है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ संगठन में फेरबदल की बातचीत हुई है। सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में फेरबदल या बदलाव की जो भूमिका बनाई गई है, उसमें जातिगत समीकरणों और जहां पर पार्टी चुनाव हारी है उसका पूरा सियासी खाकर खींचा गया है।

जानिये क्या-क्या बदलाव हो सकते है-

सूत्रों के मुताबिक जिन इलाकों में लोकसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी हारी है, उन इलाकों से अगर राज्य सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं है, तो वहां से सियासी समीकरणों के आधार पर जिम्मेदारी देने की चर्चा हुई है। सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ दिनों में जो चर्चाएं हुई हैं, उसमें यह निष्कर्ष निकला है कि अगर जातिगत समीकरणों के आधार पर सभी सियासी दांव-पेंच दुरुस्त कर लिए जाएं, तो आने वाले चुनाव के नतीजे बेहतर होंगे। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों की मुताबिक उपचुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में न सिर्फ मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार हो सकता है। बल्कि संगठनात्मक स्तर पर भी कुछ बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले संगठनात्मक और सरकार के बदलाव में पिछड़ों और दलितों को और जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।

भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व चुनाव के परिणाम के बाद बदलाव करने की तैयारी में है। माना यही जा रहा है कि इस बदलाव की कड़ी में कुछ नेता जो मंत्रिमंडल में हैं, वह संगठन में आ सकते हैं। जबकि कुछ संगठन से जुड़े हुए लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों के मुताबिक चुनावी नतीजों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार में मंत्रियों के विभाग का फेरबदल भी संभव है। सूत्रों की मानें तो बीते कुछ दिनों में केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में पार्टी को उत्तर प्रदेश में मजबूत स्थिति में लाने के लिए इस तरीके के कई सुझावों पर चर्चा हुई है। फिलहाल माना यही जा रहा है कि जो बड़े फेरबदल की बात सियासी गलियारों में चल रही थी, उस पर न तो मंथन हुआ है और न ही ऐसा कोई बड़ा चौंकाने वाला फैसला होने वाला है।