Day: July 16, 2024

यूपी में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था दो माह के लिए हुई स्थगित, योगी सरकार बनाएगी कमेटी।

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यूपी डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। मामले में शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल अटेंडेंस की दिक्कतों को खत्म करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ये जानकारी प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमकेएस सुंदरम ने दी। आपको बता दें कि मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ बेसिक के शिक्षक संगठनों की वार्ता हुई। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।

उत्तर प्रदेशीय में प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि शासन ने फिलहाल डिजिटल अटेंडेंस स्थगित करने पर सहमति दी है। जल्द इसका आदेश जारी होगा। शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल अटेंडेंस की दिक्कत के समाधान के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें शिक्षाविद, शिक्षक नेता और अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डा. एमकेएस सुंदरम, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा आदि अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने संवाद कर समाधान निकालने का दिया था निर्देश- 

डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले ही सभी डीएम, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) के साथ मिलकर शिक्षकों व शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इससे पहले भी सीएम ने विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों से वार्ता कर समाधान निकालने के निर्देश दिए थे।परिषदीय विद्यालयों में आठ जुलाई से शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस लगाने के निर्देश दिए गए थे। इसे लेकर शिक्षक पिछले एक सप्ताह से आंदोलनरत थे। सोमवार को भी उन्होंने हर जिले में प्रदर्शन कर सीएम को संबोधित ज्ञापन भेजा।

Uttarakhand: चारधाम बचाओ धामी हटाओ को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने नारेबाजी कर किया जमकर प्रदर्शन, सरकार पर लगाए ये आरोप।

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बडकोट में चारधाम बचाओ धामी हटाओ को लेकर यमुना के मायके खरशालीगांव स्थित यमुना मंदिर परिसर में पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल के नेतृत्व में नारेबाजी की गई। वहीं, बदरीनाथ धाम में भी ब्रह्म कपाल के तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।

बता दें कि, दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक निर्माण के विरोध में केदारनाथ में तीर्थपुरोहित, हक-हकूकधारी और अन्य लोगों का आंदोलन चल रहा है। प्रदर्शनकारी नारेबाजी के साथ-साथ जुलूस निकालकर धरना दे रहे है। तीर्थपुरोहितों ने दिल्ली में केदारनाथ धाम नाम से मंदिर का निर्माण बंद होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर धाम की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

वहीं, सोमवार को भी तीर्थपुरोहित व अन्य लोग केदारनाथ मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। उन्होंने दिल्ली में श्रीकेदारनाथ धाम ट्रस्ट की ओर से श्रीकेदारनाथ धाम नाम से मंदिर बनाने का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। आंदोलनकारियों ने मंदिर परिसर की सीढ़ियों पर बैठकर धरना दिया। यहां पर केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी, विनोद शुक्ला, आचार्य संतोष त्रिवेदी आदि का कहना था कि प्रदेश सरकार ने भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ की उपेक्षा की है, जो माफीलायक नहीं है।
आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के चलते अब उप चुनाव होना है, इसे देखते हुए भाजपा के कुछ लोग ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे वह यह संदेश देने प्रयास कर रहे हैं कि वह केदारनाथ धाम के पक्ष में हैं, पर हकीकत में ऐसा नहीं है। उन्हें सिर्फ राजनीति नजर आ रही है। इधर, गुप्तकाशी में विरोध प्रदर्शन करते हुए जनप्रतिनिधियों के साथ तीर्थपुरोहित, व्यापारियों ने प्रदेश सरकार और श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का पुतला भी फूंका।