Month: March 2024

Uttarakhand: छात्र संख्या शून्य, 640 से अधिक स्कूल हुए बंद, अब होम स्टे आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में होंगे इस्तेमाल।

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प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में छात्र संख्या तेजी से घट रही है। यही वजह है कि 640 से अधिक स्कूल बंद हो चुके हैं और कई बंदी की कगार पर हैं। शिक्षा महानिदेशक बंधीधर तिवारी के मुताबिक वर्तमान में कितने स्कूल बंद हैं और किस स्थिति में हैं। इस संबंध में सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों से 12 मार्च तक सूचना मांगी गई है।

इन विद्यालयों का होम स्टे एवं आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। समग्र शिक्षा कार्यालय से अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा, गढ़वाल और कुमाऊं के साथ ही सभी सीईओ, डीईओ और खंड शिक्षा अधिकारियों को बंद विद्यालयों के संबंध में निर्देश जारी किया गया है। निर्देश में कहा है कि छात्र संख्या शून्य होने से बंद हुए विद्यालयों की सूचना उपलब्ध कराई जाए।

विभागीय अधिकारियों से यह भी कहा गया है कि पूर्व में राजकीय प्राथमिक विद्यालय, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज जो छात्र संख्या शून्य होने के कारण बंद हो चुके हैं। उनके भवन और भूमि की स्थिति से अवगत कराया जाए। इस संबंध में सूचना ई मेल के माध्यम से भी उपलब्ध कराई जा सकती है।

Uttarakhand Cabinet: धामी मंत्रिमंडल की बैठक में लोकसभा चुनाव से पहले कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी मुहर, पढ़िए ये सभी प्रस्ताव।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। लोकसभा चुनाव से पहले हुई इस कैबिनेट बैठक कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के सभागार में कैबिनेट बैठक शुरू होगी, जिसमें कई विभागों से संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।

कैबिनेट में प्रदेश की पहली सेवा क्षेत्र नीति के साथ ही बेसिक शिक्षकों की सेवा नियमावली में संशोधन और निजी भूमि पर पेड़ काटने की अनुमति के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इसके अलावा विभागों की सेवा नियमावली और शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी विकास, आवास, पर्यटन, कृषि से संबंधित प्रस्ताव भी चर्चा हुई।


ये फैसले हुए-

स्वास्थ्य – अटल आयुष्मान योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में डायलसिस सेंटर पर 100% प्रतिपूर्ति सरकार देगी

कौशल विकास – वर्ल्ड बैंक के सहयोग से 630 करोड़ का होगा वर्कफोर्स डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट। कैबिनेट की मंजूरी। पहले 450 करोड़ था।

  • आईटीआई समेत तमाम काम होने से लखवाड़ परियोजना के तहत विस्थापन नीति को मंजूरी।
  • उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति के प्रख्यापन को मंजूरी। यू्आईडीबी संचालित करेगा। 2030 तक कि नीति है। निवेश की न्यूनतम सीमा अलग अलग रखी गई है। सब्सिडी की सीमा कुल निवेश का 25% या 100 करोड़ होगी।
  • राजकीय होटल मैनेजमेंट संस्थान देहरादून और अल्मोड़ा की सेवा नियमावली को मंजूरी।
  • गढ़ी नेगी क्षेत्र काशीपुर को नगर पंचायत बनाया।
  • 100 छात्रों को 5000 प्रति माह, जो पीएचडी कर रहे हों, कहीं और से कोई स्कॉलरशिप न मिल रही हो।
  • सुप्रीम के आदेश के तहत प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड की अनिवार्यता खत्म।
  • पिथौरागढ़ के आदि कैलाश, ओम पर्वत का 5 दिवसीय हेली दर्शन होगा। छह माह के लिए ट्रायल होगा। पैकेज टूर होगा। पर्यटन विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर
  • कैंसर हॉस्पिटल हर्रावाला और मातृ हॉस्पिटल पीपीपी मोड में चलेगा।
  • शिक्षक भर्ती के लिए बीएड की डिग्री मान्य नहीं होगी।
  • हेली दर्शन कार्यक्रम शुरू होगा। कैलाश ओम पर्वत के लिए शुरू होगी योजना। चार रात पांच दिन का पैकेज छह महीने के लिए।
  • इन्वेस्टर समिट के तहत हर्रावाला और हरिद्वार में अस्पताल बनेंगे पीपीपी मोड पर।

Uttarakhand: मानक से ज्यादा बिजली खर्च की तो आपके घर की कट जाएगी बिजली, खत्म होगी अब ये समस्या.

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बिजली की भारी मांग के बीच कटौती से पूरे मोहल्ले को जूझने का समय खत्म होने वाला है। अब आपकी बिजली कटौती आपके हाथ में होगी। मानक से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं से यूपीसीएल मुख्यालय से ही सीधे कटौती होगी। इसके लिए मई माह से बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने शुरू होंगे।

स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग योजना के तहत प्रदेश के 15 लाख 87 हजार 870 बिजली उपभोक्ताओं के घरों पर प्रीपेड मीटर लगेंगे। गढ़वाल मंडल में देहरादून और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी में मई महीने से इसकी शुरुआत होगी। इसका कंट्रोल रूम यूपीसीएल मुख्यालय में बनेगा। हर बिजली मीटर की अलग से मॉनिटरिंग हो सकेगी।

पहले यूपीसीएल चेतावनी संदेश भेजेगा-


मीटर लगने के बाद इसमें रिचार्ज किया जाएगा, जिसमें से मोबाइल की तर्ज पर बिजली खपत के हिसाब से कटौती होती रहेगी। खास बात ये भी है कि हर महीने का बिजली बिल का हिसाब होगा। बिलों की अवधि या शुल्क संबंधी सभी विवाद खत्म हो जाएंगे। उपभोक्ताओं को प्रतिभूति राशि भी नहीं देनी होगी।जो प्रतिभूति राशि पहले से जमा है, वह लौटा दी जाएगी। रिचार्ज खत्म होने के बाद एक अवधि तक बिजली आपूर्ति होगी और इसके बाद स्वत: कट जाएगी। बिजली कनेक्शन जोड़ने, काटने, मीटर रीडिंग लेने, बिल पहुंचाने, बिल भुगतान देरी पर जुर्माने की सभी परंपराएं भी इसके साथ ही खत्म हो जाएंगी।

आने वाले समय में सभी उपभोक्ताओं को एक साथ बिजली कटौती से नहीं जूझना होगा। स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बिजली विभाग को पता चल जाएगा कि कौन उपभोक्ता निर्धारित से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में उसी उपभोक्ता विशेष को पहले यूपीसीएल चेतावनी संदेश भेजेगा, इसके बाद बिजली कटौती शुरू कर देगा।

मोहल्लों के ट्रांसफार्मर ही बताएंगे कहां हो रही चोरी-

स्मार्ट प्रीपेड मीटर से ये पता चल जाएगा कि किस मोहल्ले में आवंटित भार से अधिक बिजली की खपत हो रही है। बिजली चोरी का भी पता चल जाएगा, जिसके आधार पर तत्काल यूपीसीएल के अफसर कार्रवाई कर सकेंगे।
किस वृत्त में कितने प्रीपेड मीटर लगेंगे-
देहरादून शहर-2,10,327, देहरादून ग्रामीण-2,78,545, रुड़की-2,04,102, हरिद्वार-1,98,745, हल्द्वानी-1,82,317, रुद्रपुर-2,39,894, काशीपुर-1,45,641, रानीखेत-28,113, पिथौरागढ़-29,870, कर्णप्रयाग-5,453, श्रीनगर-31,054, टिहरी-33,809

स्मार्ट प्रीपेड मीटर का काम मई से शुरू होगा। मीटर लगने के बाद बिजली बिल भुगतान संबंधी कई प्रक्रियाओं में बदलाव आ जाएगा। कंट्रोल रूम से पूरी आपूर्ति पर बारीकी से नजर रखी जा सकेगी और कार्रवाई हो सकेगी।

Uttarakhand: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, मनीष खंडूडी ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा।

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लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पौड़ी लोकसभा सीट से प्रबल दावेदार माने जा रहे कांग्रेस सीट के दिग्गज नेता मनीष खंडूरी ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। 

मनीष खंडूरी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये बात शेयर की सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में उन्होंने बताया कि मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। मेरा यह निर्णय बिना किसी व्यक्तिगत हित अथवा अपेक्षा से लिया गया है।

कांग्रेस के गढ़वाल लोकसभा प्रत्याशी मनीष खंडूरी का जन्म पूर्व मुख्यमंत्री व गढ़वाल सांसद मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी के घर 16 अक्टूबर 1968 को हुआ। शिक्षा में बचपन से ही अव्वल मनीष ने नेताजी सुभाष चंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीए की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
उत्तराखंड में गढ़वाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूरी को इंजीनियरिंग और मीडिया के क्षेत्र में महारत हासिल है। चुनाव से ठीक पहले पार्टी से इस्तीफा देने के अब कई राजनीतिक मायने सामने आ रहे हैं।

Uttarakhand: जोशीमठ पुनर्वास को लेकर इन अहम बिंदुओं पर बनी सहमति, मुख्य सचिव ने दिया कार्रवाई का भरोसा।

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Kedarnath Dham: 10 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर घोषित हुई तिथि।

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महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आज शुक्रवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि पंचांग गणना से तय कर घोषित की गई। 10 मई को बाबा केदार के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

बाबा केदार के कपाट खुलने की तिथि तय होने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति के चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से अपने धाम के लिए प्रस्थान का दिन भी तय हुआ।

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डां. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया, आठ मार्च को महाशिवरात्रि पर्व पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में सुबह नौ बजे से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुए।

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मौजूदगी में केदारनाथ के रावल भीमाशंकर के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित की।

Lok Sabha Election: जल्द उत्तराखंड दौरे पर आ सकते हैं नड्डा, 2 सीटों पर इस दिन उम्मीदवार घोषित करेगी भाजपा।

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 10 मार्च के बाद उत्तराखंड का राजनीतिक दौरा कर सकते हैं। उनके नौ या 10 मार्च तक आने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन उनकी राजनीतिक व्यस्तता के चलते समय तय नहीं हो पाया है।
माना जा रहा कि केंद्रीय चुनाव समिति 10 मार्च तक लोस चुनाव के प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया में व्यस्त रहेगी, इसलिए नड्डा प्रत्याशियों की सूची फाइनल करने के बाद उत्तराखंड आएंगे। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी चाहती है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लोस चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले एक दौरा कर लें।

प्रदेश में पार्टी ने नड्डा के तीन कार्यक्रम तय किए हैं। पहला कार्यक्रम हल्द्वानी में होना है, जहां बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों का सम्मेलन होगा। इसके बाद दूसरा कार्यक्रम हरिद्वार में होगा, जहां चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक रखी गई है। तीसरा कार्यक्रम देहरादून में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के तौर पर होगा।

10 मार्च तक उम्मीदवार घोषित होने की संभावना-

पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, भाजपा हरिद्वार और गढ़वाल लोस सीट पर 10 मार्च तक उम्मीदवार घोषित कर सकती है। इस बीच केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेतृत्व से फीड बैक लिया है। साथ ही एक एजेंसी भी दावेदारों का दमखम टटोल रही है।

गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीट पर अभी पेच फंसा-

गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीट पर अभी पेच फंसा है। इन दोनों सीटों पर उम्मीदवार बदले जा सकते हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने टिहरी लोस सीट पर राजशाही परिवार पर भरोसा जताते हुए माला राज्य लक्ष्मी शाह पर फिर से भरोसा जताया है। हालांकि, प्रत्याशियों की घोषणा से पहले तक माला राज्य लक्ष्मी शाह के टिकट को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं।

इस सीट पर कई दावेदारों के नाम भी सामने आ रहे थे, लेकिन अंततः माला राज्य लक्ष्मी को पार्टी ने लगातार तीसरे चुनाव अपना उम्मीदवार बनाया है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर पार्टी ने अजय टम्टा पर फिर से विश्वास जताया है। इस सीट को लेकर अटकलों का बाजार खासा गर्म था

Lok Sabha Chunav 2024: उत्तराखंड में गठबंधन के बीच हरिद्वार लोस सीट पर सपा की निगाहें, जानिए कैसा है वोटों का गणित।

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आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के बीच अब समाजवादी पार्टी उत्तराखंड की टीम को हरिद्वार सीट पर टिकट का इंतजार है। इस सीट पर लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी एक बार जीत दर्ज कर चुका है। वहीं, एक बार विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशी ने यहां जीत दर्ज की थी। आलाकमान ने अभी 10 मार्च तक का समय दिया है।

वोटों के गणित के हिसाब से समाजवादी पार्टी अपने लिए हरिद्वार सीट को मुफीद मानती है। 1996 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी अमरीश कुमार और 2004 लोकसभा चुनाव में उनके प्रत्याशी राजेंद्र कुमार के चुनाव जीतने के बाद से हर चुनाव में सपा इस सीट पर अपनी जीत की जुगत भिड़ाती आई है। इस बार भी राज्य के सपा नेताओं की निगाहें इस सीट पर हैं, जिसकी तैयारी भी अंदरखाने चल रही है।

हरिद्वार सीट पर ही दावा पेश किया-

इस बीच यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन हो गया है। ऐसे में मुश्किल ये है कि कांग्रेस के हाथों से उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों में से कोई सपा के हाथ आएगी या नहीं, इस पर पार्टी आलाकमान को निर्णय लेना है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शंभूनाथ पोखरियाल का कहना है कि आलाकमान ने अभी 10 मार्च तक इंतजार करने को कहा है।

इसके बाद तय होगा कि उनका प्रत्याशी उत्तराखंड के चुनावी मैदान में दम दिखाएगा या नहीं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. सत्यनारायण सचान का कहना है कि अभी आलाकमान को इस पर निर्णय लेना है। बताया, राज्य की ओर से हरिद्वार सीट पर ही दावा पेश किया गया है।

सीट न मिली तो कांग्रेस को समर्थन-

यूपी के गठबंधन के हिसाब से देखें तो अगर सपा को उत्तराखंड में कोई सीट नहीं मिली तो पार्टी पांचों सीटों पर कांग्रेस को समर्थन दे सकती है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को इस पर निर्णय लेना है।

चुनाव आयोग: सरकार ने बदला नियम, अब 80 के बजाय 85 वर्ष से अधिक आयु वालों को घर से ही मतदान करने की मिलेगी सुविधा।

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लोकसभा चुनाव में इस बार 80 के बजाए 85 से अधिक आयु वाले मतदाताओं को घर से वोट डालने की सुविधा मिली है। चुनाव आयोग ने नियम में बदलाव कर दिया है। अब निर्वाचन कार्यालय की ओर से 85 से अधिक आयु वर्ग के मतदाताओं का चिन्हीकरण किया जा रहा है।

इसी हिसाब से उन्हें घर से वोट की सुविधा दी जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया, प्रदेश में 80 से अधिक आयु वर्ग के एक लाख 54 हजार 259 मतदाता हैं। इनमें से उन्हीं मतदाताओं को घर से वोट डालने की सुविधा मिलेगी, जिनकी आयु 85 वर्ष से अधिक है। ऐसे मतदाताओं को निर्वाचन कार्यालय तक अपना अनुरोध भेजना पड़ता है।

ऐसे वोटरों को बीएलओ से 12-डी फार्म भरना होता है। अनुमति मिलने पर मतदानकर्मी उनके घर जाकर मतदान कराते हैं। मतदान दल में करीब सात लोग होते हैं, जिसमें एक सेक्टर अधिकारी, दो मतदान अधिकारी, एक माइक्रो ऑब्जर्वर, एक पुलिसकर्मी, एक वाहन चालक शामिल है। खास बात ये है कि घर से होने वाले मतदान की जानकारी संबंधित क्षेत्र के राजनीतिक दलों को भी दी जाती है, ताकि मतदान प्रक्रिया को देख सकें।

मतदाता और मतदेय स्थल बढ़े

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मुकाबले लोकसभा चुनाव के मतदेय स्थल बढ़ गए हैं। 2022 के विस चुनाव में प्रदेश में कुल 11,697 मतदेय स्थल थे, जिनकी संख्या लोकसभा चुनाव में बढ़कर 11,729 हो गई है। इसी प्रकार, विस चुनाव में प्रदेश में 81 लाख 72 हजार 173 मतदाता थे, जिनकी संख्या लोकसभा चुनाव में अब तक 82 लाख 43 हजार 423 पर पहुंच चुकी है।

 

हल्द्वानी के इन 5 जगहों पर जल संकट, हालात नहीं सुधरे तो मचेगी तबाही,  1500 परिवार पेयजल को तरसे।

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हल्द्वानी में गर्मी शुरू होने से पहले ही जगह-जगह पानी और बिजली की किल्लत शुरू हो गई है। बिजली-पानी नहीं आने से न केवल लोगों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं बल्कि लोगों को जरूरी कामकाज छोड़कर आधा दिन पानी की व्यवस्था करने में ही बिताना पड़ रहा है। जीजीआईसी का नलकूप पंप संचालन रुकने से सोमवार को 1500 परिवारों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ा। वहीं फॉरेस्ट चौकी के नलकूप की मरम्मत का काम भी बीते पांच दिनों से जारी है।

पानी की किल्लत झेल रहे फॉरेस्ट चौकी दमुवाढूंगा, लोहरिया मल्ला, बजुनिया हल्दु, साईं मंदिर हिम्मतपुर मल्ला और जीजीआईसी क्षेत्र के निवासियों को जल संस्थान की ओर से नौ टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति कराई गई। इधर जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है नलकूप की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। जल्द प्रभावित क्षेत्रों में आपूर्ति सुचारु कर दी जाएगी।

ऊंचापुल और पंचायतघर में गुल रही बिजली-

ऊंचापुल में नहर कवरिंग कार्य के चलते सोमवार को सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक पांच हजार की आबादी को बिजली के लिए परेशान रहना पड़ा। दूसरी ओर ट्रांसपोर्ट नगर से लगे बेलबाबा फिटर से भी सोमवार को रामपुर रोड और पंचायत घर क्षेत्र में सुबह 11 से शाम पांच बजे तक लाइन शिफ्टिंग के कार्य के चलते बिजली आपूर्ति प्रभावित रही। विद्युत वितरण खंड ग्रामीण के अधिशासी अभियंता डीडी पांगती ने बताया की विभिन्न क्षेत्रों में लाइन शिफ्टिंग और सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है जिसके चलते रोस्टर जारी कर सप्लाई को बंद किया गया था। उन्होंने बताया कि शाम के समय आपूर्ति को बहाल कर दिया गया।