लंबे समय से सुर्खियों में रहे तृणमूल कांग्रेस के नेता और संदेशखाली कांड का मुख्य आरोपी शाहजहां शेख गिरफ्तार हो गया है. शाहजहां की गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल के 24 उत्तर परगना जिले के मिनाखां से हुई है. शाहजहां शेख को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि शाहजहां पर संदेशखाली में कई महिलाओं के साथ उत्पीड़न का आरोप है. साथ ही कई लोगों के जमीन पर कब्जा करने का भी आरोप है.
यह गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद की गई है, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. विशेष रूप से, संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिंसा के आरोपों को लेकर पिछले एक महीने से उबाल है.
जानिए कौन है शाहजहां शेख ?
शाहजहां शेख (42 वर्षीय) को ‘भाई’ के नाम से जाना जाता है। उसने बांग्लादेश सीमा के पास उत्तर 24 परगना के संदेशखाली ब्लॉक में मत्स्य पालन में एक छोटे से श्रमिक के रूप में काम की शुरुआत की थी। वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा है। उसने संदेशखाली में मत्स्य पालन और ईंट भट्टों में एक श्रमिक के काम की शुरुआत की थी।
साल 2004 में शेख ने ईंट भट्टों के यूनियन नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। बाद में वह अपनी राजनीतिक मौजूदगी बनाए रखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की स्थानीय इकाई में शामिल हो गया। जोशीले भाषणों और संगठन कौशल के लिए पहचाने जाने वाले शेख ने 2012 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर खींचा।
तब से सत्ता के गलियों में शेख का कद बढ़ा है। 2018 में शेख ने सरबेरिया अग्रहटी ग्राम पंचायत के उप प्रमुख के रूप में प्रसिद्धि हासिल की। शेख को उत्तर 24 परगना के लिए ‘मत्सा कर्माध्यक्ष’ (मत्स्य पालन के प्रभारी) के रूप में जाना जाता था, जिले के मत्स्य विकास की देखरेख करता था। जो राजनीतिक और आर्थिक दोनों क्षेत्रों में उनकी प्रभावशाली स्थिति को दिखाता है।
गौरतलब है कि उत्तरी 24 परगना जिले में शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ जमीन हड़पने और स्थानीय महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. पिछले महीने कथित राशन घोटाले के सिलसिले में उसके घर पर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद से शाहजहां शेख फरार था.