प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। अपने दौरे में पीएम मुंबई में अटल सेतु को जनता को समर्पित किया। देश की आर्थिक राजधानी में बना यह पुल देश का सबसे लंबा पुल है। अधिकारियों ने कहा है कि पुल से हर रोज करीब 70 हजार यात्री सफर करेंगे जिनके समय और ईंधन खर्च में बहुत अधिक कमी आएगी।
इसका पूरा नाम अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु है। पहले इसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) के नाम से भी जाना जाता था। यह अरब सागर में ठाणे क्रीक पर 22 किलोमीटर लंबा ट्विन-कैरिज वे छह-लेन पुल है। अटल सेतु मुंबई में सेवरी को रायगढ़ जिले में चिरले से जोड़ता है।
पहली बार 1962 में ‘मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के लिए सड़क प्रणाली की योजना’ के नाम से इसका विचार सामने आया था। 34 साल बाद 1994 में परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट शुरू हुई। वहीं 2006 में निविदाएं बुलाई गईं जबकि इसके 10 साल बाद 2016 में पीएम मोदी ने इस पुल का शिलान्यास किया। आखिरकार परियोजना पर काम अप्रैल 2018 में शुरू हुआ।
परियोजना की लागत कितनी है?
अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है। आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनुमानित लागत से ज्यादा व्यय हुआ है। 14,712.70 करोड़ रुपये इसकी मूल लागत थी लेकिन कोविड के कारण लगने वाले लॉकडाउन की वजह से इसमें देरी हुई और व्यय ज्यादा हुआ।
इस पुल की विशेषता क्या है?
अटल सेतु लगभग 21.8 किमी लंबा और 6-लेन वाला है जो 16.5 किमी लंबा समुद्र के ऊपर और लगभग 5.5 किमी जमीन पर बना है। यह भारत का सबसे लंबा पुल है, जो देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय को भी कम करेगा। अटल सेतु मुंबई से नवी मुंबई के बीच लगने वाले मौजूदा दो घंटे के समय को कम करके 15-20 मिनट कर देगा। वहीं अधिकारियों ने कहा कि इस पुल से गुजरने वाले लोगों को हर यात्रा में कम से कम 500 रुपये तक के ईंधन की भी बचत होगी। इसके साथ ही यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगा।
इसका आम लोगों को कितना फायदा होगा?
हजारों करोड़ की लागत से बना अटल सेतु मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ेगा। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए यह पुल नई जीवन रेखा बनेगा, वहीं बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में यह भारत के विकास की नई इबारत है। एक अनुमान के मुताबिक पुल से हर रोज करीब 70 हजार लोग सफर करेंगे। यहां 400 कैमरे लगे हैं, इसके अलावा ट्रैफिक के दबाव की जानकारी जुटाने के लिए एआई आधारित सेंसर लगे हैं।
इस बीच, मुंबई पुलिस ने जानकारी दी है कि समुद्री पुल पर चार पहिया वाहनों जैसे कार, टैक्सी, हल्के मोटर वाहन, मिनीबस और टू-एक्सल बस की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और पुल के चढ़ने और उतरने पर गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक सीमित रहेगी। हालांकि, मोटर बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर को इस पुल पर अनुमति नहीं होगी।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि मुंबई की ओर जाने वाले मल्टी-एक्सल भारी वाहनों, ट्रकों और बसों को ईस्टर्न फ्रीवे पर प्रवेश नहीं मिलेगा।