Day: January 5, 2024

Uttarakhand: शिक्षा मंत्री के खुद के ही गृह क्षेत्र में स्कूलों की हालत जर्जर, खतरे में छात्रों का भविष्य.

332 Views -

“अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी टका सेर खाजा”   ये एक प्रसिद्ध हिंदी कहावत है जिसका अर्थ है कि एक अयोग्य शासक के नेतृत्व में  कमी और अव्यवस्था के कारण परिस्थितियां खराब हो जाती हैं। ये कहावत  उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं एक स्कूल की छत इतनी जर्जर हो चुकी है जो कि कभी भी गिर सकती है। ये छत कहीं और की नहीं बल्कि उत्तराखंड के शिक्षा हब कहे जाने वाले और खुद शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का गृह क्षेत्र श्रीनगर शहर के बालिका इंटर कॉलेज की है।

श्रीनगर बाजार के ऐतिहासिक बालिका इंटर कॉलेज के जर्जर भवन में बालिकाएं बिना शिक्षक के पढ़ रहीं हैं। ऐसे में सरकार के ‘पढ़ेगी बेटियां तो बढ़ेगी बेटियां’ का नारा जुमला साबित होता दिखाई दे रहा है कई क्षेत्रों से करीब 300  से अधिक  छात्राएं यहां पढ़ती हैं अन्य सरकारी विद्यालयों की अपेक्षा यहां सबसे अधिक छात्र संख्या है बावजूद इसके  80 के दशक में बना विद्यालय भवन जर्जर हो चुका है आए दिन छत का प्लास्टर गिरने से छात्राओं के लिए खतरा बना हुआ है शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का क्षेत्र होने के कारण वो कई चक्कर यहां लगाते हैं लेकिन उनकी नजर इस पर कभी गयी नहीं।

कई वर्षो से हैं अध्यापिकाओं के कई पद खाली- 

इतना ही नहीं इसके अलावा विद्यालय में वर्षों से अध्यापिकाओं के कई पद रिक्त हैं. एक तरफ शिक्षा मंत्री अध्यापकों का वेतन बढ़ाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ अध्यापक ही नहीं है और बच्चे खुद ही अपने अध्यापक बन कर पढ़ाई करने को मजबूर हैं ऊपर से छत कब सर पर गिर जाए उसका अलग डर रहता है।विद्यालय में समाजशास्त्र व अर्थशास्त्र के प्रवक्ता का पद 2016-17 से खाली है, 2020 से जीव विज्ञान का पद खाली है, इसके अलावा गणित विषय का पद रिक्त होने से अन्य विद्यालय से अध्यापक की व्यवस्था की गई है भूगोल के प्रवक्ता अवैतनिक अवकाश पर जाने से इस विषय में अतिथि शिक्षक तैनात है वहीं अंग्रेजी विषय भी व्यवस्था के सहारे संचालित हो रहा है।

अभी हाल ही में उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन में निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड में 10 नए निजी विश्वविद्यालय और तीन नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे ये एक अच्छा कदम भी है लेकिन बुनियादी शिक्षा का क्या जब बुनियाद ही सही नहीं पड़ेगी तो इन महाविद्यालयों और मेडिकल कालेज का क्या फायदा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड में 2024 तक पाँच लाख बच्चे अन्य राज्यों से पढ़ने आए, जबकि एक लाख विदेशी बच्चे यहाँ आकर पढ़ें, लेकिन खुद के बच्चे जब अध्यापकों और एक अच्छे भवन के लिए तरस रहे हो तो फिर इस तरह की आशा करना बेमानी है

Coronavirus Alert: देशभर में 24 घंटे में आए कोरोना के 761 नए मामले, 12 लोगों की हुई मौत.

220 Views -
 

सक्रिय मामलों की संख्या में केरल पहले स्थान पर है। केरल में मौजूदा समय में 1,249 सक्रिय मामले है, वहीं कर्नाटक में 1,240, महाराष्ट्र में 914, तमिलनाडु में 190, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में 128 सक्रिय मामले हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में शुक्रवार को कोविड-19 के 761 मामले सामने आए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक 12 नए मौत के मामले भी दर्ज किए गए हैं। शुक्रवार की सुबह आठ बजे के आंकड़ों के अनुसार देशभर में सक्रिय कोविड-19 मामले 4,423 से घटकर 4,334 हो गई है। 

सक्रिय मामलों की संख्या में केरल पहले स्थान पर है। केरल में मौजूदा समय में 1,249 सक्रिय मामले है, वहीं कर्नाटक में 1,240, महाराष्ट्र में 914, तमिलनाडु में 190, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में 128 सक्रिय मामले हैं। मरने वाले 12 लोगों में पांच केरल से हैं। वहीं कर्नाटक में चार, महाराष्ट्र में दो और उत्तर प्रदेश में एक की मौत हो चुकी है। पांच दिसंबर तक दैनिक मामलों की संख्या दो अंकों में थी, लेकिन ठंड बढ़ने के बाद मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.81 फीसदी पर पहुंच गई है। वेबसाइट के अनुसार देशभर में अब तक 220.67 करोड़ कोविड-19 की खुराक दी जा चुकी है। 

Uttarakhand: धामी सरकार का बड़ा फैसला, प्रदेश में कृषि और उद्यान भूमि खरीद पर रोक का आदेश जारी.

175 Views -

उत्तराखंड में कृषि और उद्यानिकी के लिए जिलाधिकारी की अनुमति से जमीन खरीदने पर सरकार ने नए साल से रोक लगाने का फैसला लिया था। इस संबंध में आज आदेश जारी कर दिए गए हैं। इससे पहले धामी सरकार जमीन खरीदने वालों की पृष्ठभूमि की जांच का फैसला भी ले चुकी है।

वर्तमान में उत्तराखंड राज्य के लिए नया भू-कानून तैयार करने के लिए प्रारूप समिति गठित की गई है, इसलिए प्रदेश हित व जनहित में यह निर्णय लिया गया कि भू-कानून समिति की आख्या प्रस्तुत करने तक या अग्रिम आदेशों तक जिलाधिकारी राज्य से बाहर के व्यक्तियों को कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से भूमि क्रय करने की अनुमति के प्रस्ताव में निर्णय नहीं लेंगे।

कृषि भूमि खरीदने वालों की संख्या बढ़ी 

राज्य में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से कृषि भूमि खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। लगातार ये मुद्दा उठ रहा है कि कृषि भूमि को बाहरी राज्यों के लोग आकर खरीद रहे हैं। इसके लिए पूर्व में भू-कानून बनाने के लिए सुभाष कुमार की समिति बनाई गई थी। इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसी रिपोर्ट से अब प्रारूप तैयार किया जा रहा है। इसके बाद सरकार भू-कानून पर नए साल में अहम फैसला ले सकती है। 

 

मई में जमीन खरीद से पहले पृष्ठभूमि की जांच का हुआ था फैसला-

पिछले साल मई माह में धामी सरकार ने कैबिनेट में ये निर्णय लिया था कि राज्य में भूमि खरीदने वाले की पहले पृष्ठभूमि और मकसद की जांच होगी। उसके बाद अनुमति दी जाएगी। तब सीएम धामी ने कहा था कि प्रदेश में जमीन बेरोक-टोक खरीदी जाती थी, लेकिन अब पूरी पृष्ठभूमि जांचने के बाद अनुमति दी जाएगी। इसके लिए अध्यादेश लाने की भी तैयारी की जा रही है।