Day: December 19, 2023

कई हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाने के बाद भी बिजली के लिए क्यों तरस रहा उत्तराखंड? अब कोर्ट की शरण में लाखों के बोझ तले दबे लोग.

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प्रदेश में लगातार बढ़ती बिजली की मांग के इलाज के तौर पर हाइड्रो व सोलर के अलावा दूसरे इंतजाम भी अभी तक कारगर साबित नहीं हो पाए। आजकल उत्तराखंड प्रदेश में बिजली की समस्या सभी जगह देखने को मिल रही है उत्तराखंड में लगातार बिजली की मांग बढ़ रही है लेकिन आपूर्ति सरकार पूरी नहीं कर पा रही है. हमारे प्रदेश के नेता इस प्रदेश को ऊर्जा प्रदेश कहते हैं और इसी ऊर्जा प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं की भरमार है लेकिन इस प्रदेश का दुर्भाग्य कहें या सत्ता पर बैठने वाली पार्टियों की सोच कि जिस प्रदेश में नदियों के सीने चीर कर इतने हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लग रहे हैं लेकिन जब इस प्रदेश में बिजली की आपूर्ति की बात होती है तो इस ऊर्जा प्रदेश के लोगों को ही पूरी बिजली नहीं मिल पाती है.

 

प्रदेश में लगातार बढ़ती बिजली की मांग के इलाज के तौर पर हाइड्रो व सोलर के अलावा दूसरे इंतजाम भी अभी तक कारगर साबित नहीं हो पाए। त्रिवेंद्र सरकार में शुरू हुई पिरूल से बिजली योजना ठप हो चुकी है। प्लांट बंद हो चुके हैं। लाखों के कर्ज तले दबे प्लांट लगाने वाले लोग अब न्याय के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए हैं।

दरअसल, त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश में चीड़ के पिरूल से हर साल लगने वाली आग को ऊर्जा में बदलने की योजना शुरू की। इसके तहत पिरूल से विद्युत उत्पादन के लिए 21 प्लांट उरेडा के माध्यम से आवंटित किए गए। इनमें से केवल 6 प्लांट प्रदेश में गढ़वाल व कुमाऊं मंडल में स्थापित हुए।

अब प्लांट संचालक पहुंचे हाईकोर्ट-

शुरुआत में बिजली उत्पादन होने लगा लेकिन देखते ही देखते ये अटकता चला गया। हालात ये हो गए कि तीन साल के भीतर ही सभी छह प्लांट बंद हो गए। इनसे विद्युत उत्पादन रुक चुका है। प्लांट लगाने वाले लोगों पर लाखों रुपये का कर्ज था, जिसकी भरपाई के लिए बैंक नोटिस भेज रहे हैं।

शासन ने इन प्लांट की व्यावहारिकता देखने को जतन किए, लेकिन कोई उत्साहजनक नतीजा नहीं निकल पाया। अब प्लांट संचालक हाईकोर्ट चले गए हैं। उनका आरोप है कि सरकार ने आधी-अधूरी तैयारियों के साथ योजना लांच की थी, जिसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ रहा है।

पवन ऊर्जा भी कारगर नहीं-

प्रदेश में वैसे तो पवन की उपलब्धता भरपूर है, लेकिन अभी तक वायु ऊर्जा कारगर नहीं हो पाई। इसके पीछे एक वजह ये भी है कि पवन ऊर्जा से जुड़े उपकरणों को पर्वतीय क्षेत्रों तक पहुंचाना मुश्किल है। वहां कई बार तेज हवाओं में ज्यादा नुकसान की आशंका भी रहती है। लिहाजा, पवन ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य कोई काम नहीं कर पाया।

अब इन योजनाओं से बांधी जा रही उम्मीद-

भू-तापीय ऊर्जा-  प्रदेश में अब भू-तापीय ऊर्जा पर फोकस किया जा रहा है। अगर ये प्रयोग सफल होता है तो इससे ऊर्जा जरूरतें पूरी होने में बड़ी मदद मिल सकती है।

पंप स्टोरेज-  इस योजना के तहत टीएचडीसी का 1000 मेगावाट का प्लांट नए साल से शुरू होने जा रहा है। प्रदेश में अन्य जगहों पर भी पंप स्टोरेज प्लांट लगाने के लिए सरकार नीति लेकर आई है। सफल रहा तो कुछ नतीजा निकल सकता है।

 

 

राज्य की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 20 हजार मेगावाट आंकी जा चुकी है लेकिन 23 साल में यह 350 मेगावाट से ऊपर नहीं जा पाए. ऐसे में हाइड्रो, गैस या कोयला से बिजली उत्पादन का विकल्प बनने की बात बेमानी ही नजर आ रही है. परियोजनाओं के विफल होने का एक सबसे बड़ा कारण सरकारी सुस्ती है जिन लोगों ने छोटे सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाए हैं, वे या तो समय से ग्रिड से नहीं जोड़े जाते या फिर उनकी मीटरिंग समय से नहीं होती इस वजह से लोग हतोत्साहित होते हैं. देखिये किस तरह से कुछ शानदार और प्रदेश हितकारी योजनाएं सरकारी सुस्ती या राजनीति के चलते प्रदेश में दम तोड़ देती है और इसका खामियाजा भुगतती है प्रदेश की जनता।

TMC सांसद ने मिमिक्री कर उड़ाया मजाक, राहुल गांधी ने बनाया वीडियो; बुरी तरह आहत सभापति धनखड़.

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संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान एक  ऐसा वीडियो देखने को मिला जिस पर  बहस छिड़ी हुई है दरअसल संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का संसद परिसर में ही एक सांसद ने खूब मजाक उड़ाया। हैरत की बात है कि वहां लोकसभा और राज्यसभा के कई सांसद मौजूद थे और मजे ले रहे थे राज्यसभा के सभापति देश के उपराष्ट्रपति ही होते हैं, इतने महत्वपूर्ण और संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का लोकतंत्र के मंदिर कही जाने वाली संसद में ही यूं मजाक उड़ाते हुए सांसद का वीडियो भी बनाया गया। मजाक उड़ाने वाले सांसद पश्चिम  बंगाल के सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस  के कल्याण बनर्जी हैं और वीडियो बनाने वाले देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी। बीजेपी ने भी इस घटना पर कड़ी टिप्पणी की है, खासकर राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए। 

दरअसल निलंबित सांसद संसद परिसर में ही प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाया है। कल्याण बनर्जी धनखड़ की मिमिक्री कर रहे थे, जबकि वहीं खड़े कांग्रेस नेता राहुल गांधी हंसते हुए वीडियो बना रहे थे। अपना मजाक उड़ाए जाने पर जगदीप धनखड़ ने सख्त टिप्पणी की है।

ये शर्मनाक है: जगदीप धनखड़

 राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भी इस वाकये पर गहरी आपत्ति जताते हुए इसे अस्वीकार्य बताया, धनखड़ ने इस पूरी घटना पर नाराजगी जाहिर की है। धनखड़ ने कहा कि राज्यसभा और सभापति का कार्यालय बहुत अलग है। राजनीतिक दलों की अपनी धाराएं होंगी, उनके बीच आदान-प्रदान होगा, लेकिन कल्पना करें कि आपकी पार्टी का एक वरिष्ठ नेता किसी अन्य पार्टी के किसी अन्य सदस्य की वीडियो बना रहा है। चेयरमैन की नकल की गई… स्पीकर का मजाक बनाया गया। ये हास्यास्पद, शर्मनाक और अस्वीकार्य है।

बता दें कि, संसद के बाहर मकर द्वार पर टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ के सदन के दौरान हाव भाव की मिमिक्री कर रहे थे इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी वीडियो बना रहे थे. उनके ठीक बगल में कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल भी खड़े थे यही नहीं, बनर्जी की मिमिक्री पर वहां मौजूद विपक्षी सांसद जोर से ठहाके मारकर हंस रहे थे जब बनर्जी मिमिक्री कर रहे थे तो वहां मौजूद कुछ सांसद उनसे जोर-जोर से बोलने के लिए कह रहे थे. अब इसके बाद राहुल गांधी भी बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं।

वीडियो में क्या है?

दरअसल, लोकसभा और राज्यसभा के निलंबित सांसद संसद के मकर द्वार की सीढ़ियों पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतार रहे थे।

Corona New Variant: देश में फिर कोरोना की लहर, आंकड़ों से डरी सरकार, उत्तराखंड भी सतर्क.

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भारत में एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी है, हैं, अचानक से आये इन मामलों ने सबको चौंका दिया है राज्य सरकारें एक बार फिर अलर्ट हो गई है,, पूरे देश में बीते दिन 300 से ज्यादा कोविड-19 के मामले सामने आये हैं इतना ही नहीं इससे 4 लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है जिसके चलते कई राज्यों में सख्ती शुरू कर दी गयी है.


कई न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक केरल में कोविड का नया सब वैरिएंट JN.1 मिला है इससे 17 दिसंबर को चार लोगों की मौत हो गई, वहीं UP में भी कोविड पॉजिटिव शख्स की जान चली गई हालांकि ये पता नहीं चला है कि ये मरीज JN.1 वैरिएंट से संक्रमित था या नहीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में रविवार को 335 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए गए और एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 1,701 हो गई. केरल ही नहीं इसको लेकर अब कई राज्यों की सरकारें अलर्ट हो गयी है.  ICMR  के मुताबिक मामला 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में सामने आया था जहां एक महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे जब जांच हुई तो 79 साल की महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.


केरल में पिछले कुछ दिनों में लोगों ने कोविड की वजह से जान गंवाई है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर में वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. केरल के सभी हेल्थ फैसिलिटी में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया ताकि अस्पतालों की तैयारियों का जायजा लिया जा सके.  स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है और स्थिति की निगरानी की जा रही है.  केरल के विभिन्न एंट्री प्वाइंट्स पर भी नजर रखी जा रही है. स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कड़ी निगरानी रखने को कहा है. केरल में बुखार के मरीजों की बढ़ रही संख्या के मद्देनजर जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द, लो ब्लड प्रेशर और भोजन करने में परेशानी है उन्हें तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया है. कोविड-19 के लक्षण वाले लोगों को टेस्ट करवाने की सलाह दी गई है. ऐसे लोग जिन्हें लगता है कि वे कोविड की चपेट में आसानी से आ सकते हैं उन्हें कहा गया है कि वे सार्वजनिक जगहों पर भी मास्क अवश्य लगाएं, सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे पड़ोसी राज्यों में भी स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है और अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है. 

 
उत्तराखंड के सभी अस्पतालों में अलर्ट- 
केरल में कोरोना का नया वैरिएंट जेएन.1 मिलने के बाद अब उत्तराखंड भी सतर्क हो गया है। संदिग्ध लक्षणों वाले व्यक्ति की जांच और निगरानी को लेकर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को एसओपी जारी कर एहतियात के तौर पर सभी अस्पतालों को अलर्ट किया हैं। केंद्र सरकार ने केरल में कोरोना का नया मामला सामने आने के बाद सभी राज्यों को जांच और निगरानी बढ़ाने के दिशानिर्देश जारी किए हैं।

केंद्र की गाइडलाइन पर प्रदेश सरकार भी सभी जिलों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी कर सकती है। डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि केरल में कोरोना का नया वैरिएंट मिला है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। हालांकि प्रदेश में अभी तक कोरोना के नए वेरिएंट से संबंधित कोई मामला नहीं है। एहतियात के तौर पर जिलों को निगरानी और जांच के संबंध में पूर्व की भांति दिशानिर्देश दिए जाएंगे।

 

तमिलनाडु में भी कोविड से बचाव के सभी एहतियाती कदम उठाए जाने लगे हैं सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को वायरस को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है और अगर किसी विशिष्ट इलाके में मामलों में वृद्धि दिखाई देती है या बुखार के मामले सामने आते हैं तो सभी की RTPCR  जांच कराने के निर्देश दिए गए है. बता दें कि तमिलनाडु में भी 15 दिसंबर तक संक्रमण के 36 मामले सामने आए थे. कर्नाटक सरकार की तरफ से टेस्टिंग किट खरीदने के निर्देश भी जारी किये गए है. मॉक ड्रिल के जरिए ये पता लगाया जा रहा है कि ICU बेड, ऑक्सीजन की उपलब्धता और दवाओं सहित कितने बेड हैं. 

देश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 1700 के पार- 


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार तक अपडेट किए गए डाटा के मुताबिक, भारत में कोविड-19 मामलों की कुल संख्या में 339 नए मामलों का इजाफा हुआ है. इस तरह देश में एक्टिव केस की संख्या 1,701 तक पहुंच गई है. मरने वालों का आंकड़ा 5 लाख 33 हजार  पर पहुंच गया है जबकि  भारत में अब तक कोरोना वायरस से 4 करोड़ 50 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 4 करोड़ 44 लाख से ज्यादा लोग इससे रिकवर हुए हैं. निश्चित ही ये आंकड़े डराने वाले हैं.  जिस तरह से कोरोना ने फिर से देश में दस्तक दे दी है उससे सभी की चिंताए बढ़ गयी हैं. यदि कोई भी लक्षण दिखाई दें तो जांच जरूर करवाएं