पिछले कई सालों के अंदर यानी, (2011 से 2023 तक) 17.50 लाख से अधिक लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है। ये लोग अब विदेशों में जाकर बस चुके हैं। इसको लेकर हेनली प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 भी आ चुकी है। इसमें भी भारत छोड़ने वाले नागरिकों का पूरा ब्योरा दिया गया है। यही नहीं, ये भी बताया गया है कि आखिर लोग भारत की नागरिकता छोड़कर विदेशों में क्यों बस रहे हैं? विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी लोकसभा में भारत से विदेश जाने वाले भारतीयों को लेकर ये जानकारी दी है. एस जयशंकर ने लोकसभा में बताया कि अब तक 87,000 से अधिक भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है. एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने बताया कि ये संख्या जून 2023 तक दर्ज की गई है. एस जयशंकर ने बताया कि इन आकड़ों के साथ ही 2011 के बाद से 17.50 लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी है. नागरिक छोड़ने वाले लोग अब उस देश के नागरिक बन गए हैं, जहां वे जाकर बसे हैं।
पाकिस्तान, बांग्लादेश तक की नागरिकता ले रहे लोग-
केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने 135 देशों की सूची जारी की है, जहां 17.50 लाख से ज्यादा लोग गए हैं। हैरानी की बात है कि भारत की नागरिकता छोड़कर कई लोग पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, नेपाल और चीन तक की नागरिकता ले चुके हैं। भारत छोड़ने के बाद सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में बसे हैं। इनकी संख्या करीब सात लाख बताई जा रही है। इसके अलावा ब्रिटेन, रूस, जापान, इस्राइल, इटली, फ्रांस, यूएई, यूक्रेन न्यूजीलैंड, कनाडा, जर्मनी जैसे देशों में भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। कुछ लोगों ने युगांडा, पापुआ न्यू गिनी, मोरक्को, नाइजीरिया, नॉर्वे, जाम्बिया, चिली जैसे देशों की नागरिकता भी ली है।
मानसून सत्र के दौरान सांसद कीर्ति चिदंबरम के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि कोरोना के बाद 2022 में सबसे ज्यादा 2.25 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है। कोरोना के दौरान यानी 2020 में सबसे कम 85 हजार और 2021 में 1.63 लाख लोग विदेश में जाकर बस गए।